झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन पर सीधा सवाल उठाया है। Simdega Hemant Soren के बयान में उन्होंने कहा कि सिमडेगा में पुलिस फोर्स द्वारा शहर में गोलीबारी कर आदिवासी समुदाय को डराने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि लोग चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग न कर सकें। इस मामले में उन्होंने पुलिस की इस गतिविधि को चुनाव आयोग की रणनीति का हिस्सा बताते हुए इसे एक गंभीर मुद्दा करार दिया।
Simdega Hemant Soren का आरोप: बाहर की पुलिस बुलाने और गोली चलाने का उद्देश्य आदिवासी समुदाय में भय पैदा करना है
Simdega Hemant Soren ने चुनाव आयोग पर यह आरोप लगाया कि झारखंड में चुनाव कराने के लिए अलग-अलग राज्यों से पुलिस फोर्स को बुलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री सोरेन के मुताबिक, इन पुलिस बलों को स्थानीय लोगों के बीच डर का माहौल बनाने के लिए लाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिमडेगा जैसी जगहों पर पुलिस द्वारा देर रात फायरिंग कर लोगों को भयभीत किया जा रहा है, जो चुनाव आयोग द्वारा राज्य में अनुचित दबाव पैदा करने का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, “आधी रात को सिमडेगा में पुलिस फायरिंग करना, खासकर तब जब चुनावी माहौल है, सीधे तौर पर आदिवासी समुदाय को डराने का प्रयास है ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करने से हिचकें।”
ED और CBI के एक्शन पर भी उठाए सवाल
Simdega Hemant Soren ने इस मामले के अलावा ईडी और सीबीआई के झारखंड में चुनाव के समय किए जा रहे लगातार एक्शन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनावों के दौरान इन एजेंसियों की गतिविधियां संदेहास्पद हैं और केंद्र सरकार के दबाव में काम करने का संकेत देती हैं। उनका मानना है कि चुनाव आयोग और ये संस्थाएं भाजपा के इशारों पर काम कर रही हैं, और ऐसे में यह झारखंड के लोकतांत्रिक माहौल पर एक गहरा आघात है।
Simdega Hemant Soren का आरोप: चुनाव आयोग का समय से पहले चुनाव घोषित करना असंवैधानिक
Simdega Hemant Soren ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को पूरा हो रहा है, जबकि चुनाव की तारीखों की घोषणा उससे काफी पहले कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यह फैसला झामुमो सरकार के खिलाफ षड्यंत्र का हिस्सा है, जिसमें भाजपा की भूमिका है। झारखंड में पिछली बार चुनाव दिसंबर 2019 में हुए थे, लेकिन इस बार चुनाव नवंबर में ही कराए जा रहे हैं, जिससे हेमंत सोरेन का आरोप है कि सरकार को अपना कार्यकाल पूरा करने से रोकने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा, “झारखंड में ऐसी कौन सी समस्या उत्पन्न हो गई थी कि झामुमो सरकार को पूरे 5 साल तक कार्य करने का मौका नहीं दिया गया? क्या चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में आकर निर्णय ले रहा है?”
झारखंड में दो चरणों में चुनाव
Simdega Hemant Soren के बयान के अनुसार, इस बार झारखंड विधानसभा चुनावों का आयोजन दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में 13 नवंबर को मतदान होगा और दूसरे चरण में 20 नवंबर को। नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। यह समय सीमा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अनुसार, झारखंड के परिप्रेक्ष्य में अनुचित है और इसका उद्देश्य उनकी सरकार को समय से पहले समाप्त करना है।
इस निर्णय को लेकर Simdega Hemant Soren का कहना है कि यह भाजपा द्वारा चुनाव आयोग पर प्रभाव डालने और राज्य की आदिवासी बहुल झामुमो सरकार को सत्ता से बाहर करने की साजिश है। उनका मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से राज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
Simdega Hemant Soren का चुनाव आयोग पर सीधा प्रहार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग और पुलिस बलों पर जो आरोप लगाए हैं, उसका सीधा संबंध राज्य के आदिवासी समुदाय के अधिकारों से जुड़ा है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग राज्य में जिस प्रकार से बाहर की पुलिस को बुलाकर प्रशासनिक कार्य करवा रहा है, वह झारखंड के स्थानीय जनता के हित में नहीं है। विशेषकर सिमडेगा जैसी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में पुलिस द्वारा गोलीबारी करना एक गंभीर मुद्दा है।
उन्होंने कहा, “राज्य के आदिवासी समुदाय का इस प्रकार भयभीत होना और चुनाव आयोग की इस गतिविधि को सहन करना संभव नहीं है। Simdega Hemant Soren का यह आरोप चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है और यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है।”
यह भी पढ़े
Leave a Reply