झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले Sunil Srivastava Jharkhand मामले में एक और बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। आयकर विभाग ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निजी सचिव सुनील श्रीवास्तव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कोल्हान नेता गणेश चौधरी, और बिजनेसमैन उदय सिंह के सहयोगियों से जुड़े कई स्थानों पर छापा मारा है। इन छापों के दौरान आयकर विभाग को कई अहम सबूत मिले हैं जो बड़े वित्तीय घोटालों की ओर संकेत करते हैं।
Sunil Srivastava Jharkhand: नौ जगहों पर IT छापेमारी से मिली अहम जानकारी
Sunil Srivastava Jharkhand केस में आयकर विभाग की टीम ने रांची और जमशेदपुर के लगभग नौ स्थानों पर छापा मारा। इस कार्रवाई के दौरान अधिकारियों को कई संदिग्ध दस्तावेज और सबूत मिले हैं, जो अवैध लेन-देन और संपत्तियों की जानकारी दे रहे हैं। एक शेल कंपनी भी जांच के दायरे में आई है, जिसका उपयोग कथित तौर पर 12 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध लेन-देन के लिए किया गया है। इस कंपनी के स्वामित्व का दावा दिनेश मंडल नामक व्यक्ति द्वारा किया गया है। आयकर विभाग अब इस बात की जांच में जुटा है कि इस कंपनी का सुनील श्रीवास्तव और अन्य लोगों से कोई संबंध है या नहीं।
Sunil Srivastava Jharkhand: शेल कंपनी में 12 करोड़ से अधिक के संदिग्ध लेनदेन
Sunil Srivastava Jharkhand मामले में जांच में पाया गया है कि एक शेल कंपनी के माध्यम से पिछले एक वर्ष में 12 करोड़ रुपये से अधिक का संदिग्ध लेन-देन किया गया है। इस कंपनी का मालिक दिनेश मंडल है, जिसके बारे में विभाग को संदेह है कि इसका संबंध श्रीवास्तव और अन्य संदिग्ध व्यक्तियों से हो सकता है। इसके अलावा, आयकर विभाग ने इस शेल कंपनी के वित्तीय दस्तावेजों की गहन पड़ताल की है और जल्द ही इस कंपनी के खातों को नियंत्रित करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी पूछताछ के लिए बुलाने की संभावना है।
Sunil Srivastava Jharkhand: 20 बैंक लॉकरों का पता चला
Sunil Srivastava Jharkhand जांच में विभाग को एक संदिग्ध व्यक्ति के नाम पर 20 बैंक लॉकरों की जानकारी भी मिली है। इन बैंक लॉकरों में जमा धन और दस्तावेजों की जांच की जाएगी ताकि यह पता चल सके कि ये राशि किस उद्देश्य से और कैसे जमा की गई। आयकर विभाग को संदेह है कि इन बैंक लॉकरों में संदिग्ध संपत्ति और धन हो सकते हैं। इन लॉकरों में रखे गए दस्तावेज आयकर विभाग के लिए अहम सबूत साबित हो सकते हैं, जो इस मामले में श्रीवास्तव और अन्य के खिलाफ मजबूत आधार प्रदान करेंगे।
Sunil Srivastava Jharkhand: 26 अक्टूबर को भी हुआ था IT छापा
यह पहली बार नहीं है जब Sunil Srivastava Jharkhand मामले में IT की छापेमारी हुई है। इससे पहले 26 अक्टूबर को भी झारखंड के विभिन्न इलाकों में आयकर विभाग ने छापा मारा था। इस रेड का कारण हवाला कारोबारियों द्वारा अवैध धन की लेन-देन की सूचना थी। इस तीन दिन की छापेमारी में विभाग को 150 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों और निवेश से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले थे। इनमें से 70 लाख रुपये की राशि को जब्त करके बैंक में जमा करा दिया गया था। इसके साथ ही 150 बैंक खातों को फ्रीज करने के आदेश भी जारी किए गए थे।
Sunil Srivastava Jharkhand: हवाला लेन-देन में 150 करोड़ की बेनामी संपत्ति का खुलासा
Sunil Srivastava Jharkhand मामले में हवाला लेन-देन के माध्यम से 150 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति का भी खुलासा हुआ है। पिछले महीने की छापेमारी में आयकर विभाग ने हवाला कारोबारियों के ठिकानों से इन संपत्तियों का पता लगाया था। इस कार्रवाई के दौरान विभाग को उन संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली, जिनमें निवेश करने वाले व्यक्ति की पहचान छिपाई गई थी।
बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत ऐसी संपत्तियों को सरकार द्वारा जब्त किया जा सकता है और इस मामले में भी आयकर विभाग ने कई संपत्तियों को जब्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज जुटाए हैं। इस संपत्ति में अधिकांश निवेश अनजान व्यक्तियों के नाम से किया गया है, जिससे कर चोरी और आय छुपाने का मामला सामने आता है।
Sunil Srivastava Jharkhand: आयकर रिटर्न और चार्टर्ड अकाउंटेंट की भूमिका की जांच
Sunil Srivastava Jharkhand मामले में आयकर विभाग उन चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से भी पूछताछ करने की योजना बना रहा है, जिन्होंने संदिग्ध व्यक्तियों के आयकर रिटर्न की फाइलिंग और उनकी संपत्तियों का प्रबंधन किया है। इससे पहले की छापेमारी में विभाग को यह संकेत मिला था कि कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने इन लोगों की अवैध संपत्ति और धन को कानूनी रूप देने में सहयोग किया है। अब विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि क्या इस पूरे मामले में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की कोई भूमिका रही है।
Sunil Srivastava Jharkhand: चुनावी माहौल में बड़ा असर
Sunil Srivastava Jharkhand मामले में हो रही इन छापेमारियों का झारखंड विधानसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक माहौल पर भी असर पड़ने की संभावना है। चूंकि इस छापेमारी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निजी सचिव का नाम सामने आ रहा है, इसलिए इसे चुनावी मुद्दा बनाया जा सकता है। विपक्षी दल इस मामले को लेकर सरकार पर आरोप लगा सकते हैं, जिससे चुनावी माहौल गरमा सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस छापेमारी से सरकार की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और इससे भाजपा और विपक्षी दलों को सरकार पर सवाल उठाने का मौका मिल सकता है। चुनावों से पहले इस प्रकार की छापेमारी जनता के बीच मुद्दा बन सकती है।
Sunil Srivastava Jharkhand: भविष्य की कार्रवाई
Sunil Srivastava Jharkhand मामले में आयकर विभाग अभी भी जांच में जुटा हुआ है। विभाग ने इस मामले में जुड़ी शेल कंपनी, बैंक लॉकरों और बेनामी संपत्ति के सभी सबूत जुटा लिए हैं। इसके बाद अगले चरण में विभाग कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रहा है। इसमें संपत्ति जब्ती, आरोपी व्यक्तियों पर कर जुर्माना और उनसे आयकर वसूलने की प्रक्रिया शामिल होगी।
आयकर विभाग का मानना है कि झारखंड में अवैध लेन-देन और संपत्तियों को लेकर बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। विभाग की इस कार्रवाई से सरकारी और गैर-सरकारी व्यक्तियों में भी सतर्कता का माहौल बन गया है और वे अपनी संपत्तियों के रिकॉर्ड और लेन-देन पर अधिक ध्यान देने लगे हैं।
Sunil Srivastava Jharkhand मामले का प्रभाव और आगे की कार्रवाई
Sunil Srivastava Jharkhand मामले में आयकर विभाग की यह छापेमारी झारखंड की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बनती जा रही है। मुख्यमंत्री के निजी सचिव और जेएमएम के नेताओं पर आरोप लगने से सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। विभाग की इस कार्रवाई से सरकार पर न सिर्फ चुनावी दबाव बढ़ा है, बल्कि राज्य में बेनामी संपत्तियों और हवाला लेन-देन के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश भी गया है।
इस मामले में आने वाले दिनों में और भी नए तथ्य सामने आ सकते हैं, जो राज्य की राजनीति और जनता की नजर में प्रभाव डाल सकते हैं। आयकर विभाग की जांच का अंतिम परिणाम आने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि आखिरकार Sunil Srivastava Jharkhand मामले में कौन दोषी है और किसने कानून का उल्लंघन किया है।
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