Tubed Latehar के तुबेद गांव में कोयला परिवहन से जुड़े हाइवा चालकों और उपचालकों ने लगातार उग्रवादी घटनाओं के कारण काम बंद कर दिया है। गत मंगलवार की रात जेजेएमपी (झारखंड जनमुक्ति परिषद) के उग्रवादियों ने डीवीसी द्वारा संचालित कोल माइंस से जुड़े पांच हाइवा ट्रकों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद से चालक और उपचालक दहशत में हैं और उन्होंने बुधवार से कोयला परिवहन का काम पूरी तरह ठप कर दिया है।
Tubed Latehar: जेजेएमपी उग्रवादियों की घटनाओं से बढ़ी दहशत
Tubed Latehar में उग्रवादी घटनाएं बढ़ने से कोयला परिवहन में लगे वाहन चालकों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। मंगलवार की रात को हुए हमले में पांच हाइवा को पूरी तरह जला दिया गया, जिससे ट्रक मालिकों और चालकों को भारी नुकसान हुआ।
घटना से जुड़ी मुख्य जानकारी:
- हमले की समयावधि:
घटना मंगलवार रात लगभग 10 बजे की बताई जा रही है। - क्षतिग्रस्त वाहन:
कुल 5 हाइवा ट्रक जलाए गए, जिनकी अनुमानित लागत करीब 1.5 करोड़ रुपये है। - जेजेएमपी का दावा:
उग्रवादी संगठन जेजेएमपी ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
Tubed Latehar: चालक-उपचालकों की प्रमुख मांगें
Tubed Latehar के हाइवा चालकों और उपचालकों ने इस घटना के बाद अपनी सुरक्षा और अधिकारों को लेकर कई महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- मृत्यु पर मुआवजा:
उग्रवादी घटनाओं में चालक या उपचालक की मृत्यु होने पर 20 लाख रुपये मुआवजे की मांग की गई है। - मासिक पेंशन:
मृत चालक के परिवार को 15,000 रुपये मासिक पेंशन देने की मांग है। - घायल होने पर सहायता:
घायल चालकों के इलाज का पूरा खर्च और 10,000 रुपये की मासिक पेंशन देने की मांग की गई है। - ड्यूटी के घंटे सीमित करने की मांग:
वर्तमान में चालकों पर 12 घंटे की ड्यूटी का दबाव है। उन्होंने इसे घटाकर 8 घंटे करने की मांग की है।
Tubed Latehar: कंपनी और चालकों के बीच वार्ता विफल
Tubed Latehar में चालकों की मांगों पर चर्चा करने के लिए बुधवार को कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। हालांकि, वार्ता के दौरान चालक अपनी लिखित मांगों पर अड़े रहे, जबकि कंपनी ने केवल मौखिक आश्वासन दिया।
वार्ता की प्रमुख बातें:
- कंपनी का प्रस्ताव:
- मृत्यु होने पर 15 लाख रुपये का मुआवजा।
- घायल होने पर इलाज की समुचित व्यवस्था।
- चालकों की प्रतिक्रिया:
चालकों ने लिखित आश्वासन की मांग की और कहा कि जब तक लिखित रूप में उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे काम पर नहीं लौटेंगे।
Tubed Latehar: ट्रांसपोर्ट मालिकों का नुकसान
Tubed Latehar में हाइवा मालिकों ने भी इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि उग्रवादी घटनाओं से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
मालिकों की प्रमुख मांगें:
- नुकसान की भरपाई:
जले हुए ट्रकों की मरम्मत और परिवहन ठप होने से हुए नुकसान की भरपाई की मांग। - सुरक्षा का प्रावधान:
कोयला परिवहन के दौरान उग्रवादी घटनाओं से बचाव के लिए सुरक्षा उपाय लागू करने की मांग।
आंकड़े:
Tubed Latehar क्षेत्र में कोयला परिवहन से जुड़े लगभग 50 ट्रक हैं। हर ट्रक के बंद होने से कंपनी को औसतन 20,000 रुपये का दैनिक नुकसान हो रहा है।
Tubed Latehar: कोयला परिवहन का कार्य ठप
Tubed Latehar में चालकों की हड़ताल और उग्रवादी घटनाओं के चलते कोयला परिवहन पूरी तरह रुक गया है। इस स्थिति से न केवल कोल माइंस का कार्य प्रभावित हुआ है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ा है।
परिवहन से जुड़ी आर्थिक स्थिति:
- दैनिक कोयला परिवहन:
डीवीसी कोल माइंस से हर दिन लगभग 500 टन कोयले का परिवहन होता था। - आर्थिक नुकसान:
परिवहन बंद होने से कोयला कंपनियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। - स्थानीय मजदूरों पर असर:
ट्रांसपोर्टिंग बंद होने से स्थानीय मजदूरों की आजीविका पर भी असर पड़ा है।
Tubed Latehar: उग्रवादी घटनाओं के पीछे कारण
Tubed Latehar में उग्रवादी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाएं सुरक्षा उपायों की कमी और उग्रवादी संगठनों के प्रभाव के कारण हो रही हैं।
प्रमुख कारण:
- सुरक्षा का अभाव:
कोयला परिवहन के दौरान पुलिस या सुरक्षा बल की कमी। - स्थानीय विवाद:
क्षेत्र में उग्रवादी संगठन स्थानीय विवादों का फायदा उठाते हैं। - फिरौती की मांग:
कई बार इन संगठनों द्वारा कंपनियों से फिरौती मांगी जाती है।
Tubed Latehar: समाधान के उपाय
Tubed Latehar में बढ़ती उग्रवादी घटनाओं से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
संभव समाधान:
- सुरक्षा बढ़ाना:
कोयला परिवहन मार्गों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती। - स्थानीय समुदाय की भागीदारी:
स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित कर उग्रवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाना। - सुरक्षा बीमा:
चालकों और ट्रांसपोर्ट मालिकों के लिए बीमा योजनाएं लागू करना।
Tubed Latehar: निष्कर्ष और आगे की राह
Tubed Latehar की घटना ने झारखंड में कोयला परिवहन से जुड़े गंभीर मुद्दों को उजागर किया है। यदि चालकों और ट्रांसपोर्ट मालिकों की मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो यह हड़ताल लंबे समय तक जारी रह सकती है।
प्रमुख बिंदु:
- चालकों और मालिकों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।
- उग्रवादी घटनाओं से निपटने के लिए सरकार को सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
- लिखित समझौते और मुआवजे की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।
Tubed Latehar की यह घटना सरकार और कोयला कंपनियों के लिए एक बड़ा सबक है। इसे हल करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।