ठंड के दिनों में गोल्डन मिल्क का सेवन जरूर करें, संजीवनी जैसा मिलेगा फायदा

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ठंड के मौसम में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट आती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हल्दी और दूध का मिश्रण यानी ‘गोल्डन मिल्क’ शरीर के लिए प्राकृतिक औषधि की तरह काम करता है।

ठंड के मौसम में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट आती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हल्दी और दूध का मिश्रण यानी ‘गोल्डन मिल्क’ शरीर के लिए प्राकृतिक औषधि की तरह काम करता है। हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन और दूध के पोषक तत्व मिलकर शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं, सूजन कम करते हैं और थूक-जुकाम से बचाते हैं। यही कारण है कि समुद्र में इसका सेवन बेहद स्वादिष्ट माना जाता है।

हल्दी वाला दूध एंटीऑक्सीडेंट का सबसे अच्छा स्रोत है। ये एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद जीव मुक्त समूह से फ़्लोरिडा होते हैं, जिससे समुद्री जीव की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। नियमित सेवन से त्वचा, बाल और शरीर अधिक स्वस्थ रहते हैं। बचपन की प्रारंभिक अवस्था - जैसे ज्यूरियां और थकान - से भी मुक्ति होती है।

हल्दी वाला दूध एंटीऑक्सीडेंट का सबसे अच्छा स्रोत है। ये एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद जीव मुक्त समूह से फ़्लोरिडा होते हैं, जिससे समुद्री जीव की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। नियमित सेवन से त्वचा, बाल और शरीर अधिक स्वस्थ रहते हैं। बचपन की प्रारंभिक अवस्था – जैसे ज्यूरियां और थकान – से भी मुक्ति होती है।

पलामू जिले के योगाचार्य पवन आर्य ने बताया कि गोल्डन मिल्क के नियमित सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। हल्दी में प्राकृतिक बैक्टीरिया प्रतिरोधी और वायरस प्रतिरोधी गुण होते हैं, जो मोटापा, खांसी, गले में संक्रमण और अन्य बैक्टीरिया प्रतिरोधी से सुरक्षा प्रदान करते हैं। बच्चों और किशोरों के लिए यह एक आदर्श विकल्प है।

पलामू जिले के योगाचार्य पवन आर्य ने बताया कि गोल्डन मिल्क के नियमित सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। हल्दी में प्राकृतिक बैक्टीरिया प्रतिरोधी और वायरस प्रतिरोधी गुण होते हैं, जो मोटापा, खांसी, गले में संक्रमण और अन्य बैक्टीरिया प्रतिरोधी से सुरक्षा प्रदान करते हैं। बच्चों और किशोरों के लिए यह एक आदर्श विकल्प है।

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आगे कहा कि हल्दी शरीर में मौजूद सूजन को कम करने के लिए जानी जाती है। जिन लोगों को जोड़ों का दर्द, प्लास्टर में खिंचाव या ठंड के दिनों में जिल्द की शिकायत रहती है, उनके लिए हल्दी वाला दूध एक प्राकृतिक राहत का उपाय है। इसमें मौजूद कर्क्यूमिन सूजन को कम करके दर्द में आराम देता है।

आगे कहा कि हल्दी शरीर में मौजूद सूजन को कम करने के लिए जानी जाती है। जिन लोगों को जोड़ों का दर्द, प्लास्टर में खिंचाव या ठंड के दिनों में जिल्द की शिकायत रहती है, उनके लिए हल्दी वाला दूध एक प्राकृतिक राहत का उपाय है। इसमें मौजूद कर्क्यूमिन सूजन को कम करके दर्द में आराम देता है।

उन्होंने कहा कि समुंदर में कई लोग तनाव, ठंड या फिर बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण ठीक से नींद नहीं ले पाते। हल्दी वाला गर्म दूध शरीर को आराम देता है, मन को शांति देता है और नींद लाने में मदद करता है। अगर इसमें एक चुटकी जायफल मिला दिया जाए तो इसका असर और बढ़ता है।

उन्होंने कहा कि समुंदर में कई लोग तनाव, ठंड या फिर बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण ठीक से नींद नहीं ले पाते। हल्दी वाला गर्म दूध शरीर को आराम देता है, मन को शांति देता है और नींद लाने में मदद करता है। अगर इसमें एक चुटकी जायफल मिला दिया जाए तो इसका असर और बढ़ता है।

नारियल में त्वचा रूखी और बेजान होने लगती है। हल्दी वाले दूध में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक गुण त्वचा की चमक बिखेरते हैं, मुंहासों को कम करते हैं और चेहरे पर प्राकृतिक चमक लाते हैं। कई लोग इसे त्वचा पर लगाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं, जिसमें दाग-धब्बे धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे एकल होते होते हैं।

नारियल में त्वचा रूखी और बेजान होने लगती है। हल्दी वाले दूध में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक गुण त्वचा की चमक बिखेरते हैं, मुंहासों को कम करते हैं और चेहरे पर प्राकृतिक चमक लाते हैं। कई लोग इसे त्वचा पर लगाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं, जिसमें दाग-धब्बे धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे एकल होते होते हैं।

उन्होंने बताया कि गोल्डन मिल्क केक का सेवन नहीं करना चाहिए। इसे रात को सोने से पहले सबसे प्रभावशाली माना जाता है। इससे नींद बेहतर होती है और शरीर को रात भर आराम महसूस होता है। स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें औषधीय रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि काली मिर्च किरक्यूमिन के अवशोषण को दोगुना कर देती है। दालचीनी, अदरक या जायफल मिलाने से इसके गुण और बढ़ जाते हैं।

उन्होंने बताया कि गोल्डन मिल्क केक का सेवन नहीं करना चाहिए। इसे रात को सोने से पहले सबसे प्रभावशाली माना जाता है। इससे नींद बेहतर होती है और शरीर को रात भर आराम महसूस होता है। स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें औषधीय रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि काली मिर्च किरक्यूमिन के अवशोषण को दोगुना कर देती है। दालचीनी, अदरक या जायफल मिलाने से इसके गुण और बढ़ जाते हैं।

आगे कहा कि एक कप दूध को मध्यम आंच पर गर्म करें। इसमें एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर, एक चुटकी काली मिर्च और दालचीनी तो दालचीनी या अदरक मिलाप शामिल है। इसे नामांकित पर अच्छी तरह से हिलाते हुए मिले मित्र, पर बड़े पैमाने पर नहीं। शहद या मेपल स्टेशन पर गैस बंद करने के बाद। गुनगुना होने पर इसे पी लें। ठंड में रोज़ की चाय का सेवन आपको ठंड से बचाकर शरीर को गर्म और स्वस्थ बनाता है।

आगे कहा कि एक कप दूध को मध्यम आंच पर गर्म करें। इसमें एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर, एक चुटकी काली मिर्च और दालचीनी तो दालचीनी या अदरक मिलाप शामिल है। इसे नामांकित पर अच्छी तरह से हिलाते हुए मिले मित्र, पर बड़े पैमाने पर नहीं। शहद या मेपल स्टेशन पर गैस बंद करने के बाद। गुनगुना होने पर इसे पी लें। ठंड में रोज़ की चाय का सेवन आपको ठंड से बचाकर शरीर को गर्म और स्वस्थ बनाता है।

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ठंड के दिनों में गोल्डन मिल्क का सेवन जरूर करें, संजीवनी जैसा मिलेगा फायदा

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