पूनम देवी से सीखें सफलता! 500 चूजों से खड़ा हुआ लाखों का फॉर्म, जल्द लॉन्च हुआ आधार अपना ऐप

authorimg
Share This Post


आखरी अपडेट:

सफलता की कहानी: पूनम देवी बताती हैं कि उन्होंने अपने 5 एकड़ जमीन का उपयोग करते हुए बैंक से लोन लेकर इस व्यवसाय की शुरुआत की थी। शुरुआती दौर में चुनौतियाँ थीं, लेकिन अनुभव बढ़ने के साथ ही उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार हुआ। आज उनके फॉर्म में बड़ी संख्या में देसी मुर्गे और मुर्गियां तैयार होती हैं. जिसमें आस-पास के राज्य में बड़ी मांग के साथ कागजात मिलते हैं।

ख़बरें फटाफट

दः गुड़िया के सिंदरी की रहने वाली पूनम देवी पिछले छह वर्षों से देसी मुर्गी पालन से आत्मनिर्भरता की मिसाल बन गई हैं। साल 2020 में 500 देसी चूजों से शुरू हुआ उनका छोटा सा कारोबार आज एक बड़े फॉर्म की शक्ल ले चुका है, जहां से वे झारखंड, बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में देसी रिवाज और पशुपालन कर रहे हैं। पूनम देवी की मेहनत, समझदारी और प्रबंधन कौशल के बल पर उनका कारोबार हर साल करोड़ों रुपये का कारोबार कर रहा है।

500 चुज़ों से शुरू हुई थी सफलता की यात्रा
पूनम देवी बताती हैं कि उन्होंने अपने 5 एकड़ जमीन का उपयोग करते हुए बैंक से लोन लेकर इस व्यवसाय की शुरुआत की थी। शुरुआती दौर में चुनौतियाँ थीं, लेकिन अनुभव बढ़ने के साथ ही उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार हुआ। आज उनके फॉर्म में बड़ी संख्या में देसी मुर्गे और मुर्गियां तैयार होती हैं. जिसमें आस-पास के राज्य में बड़ी मांग के साथ कागजात मिलते हैं।

कीमत और बाजार की बड़ी डिजाईन
फार्म में तैयार चूजे मोहरे 20 से 30 रुपए प्रति पीस के दाम पर उपलब्ध हैं। वहीं यदि व्यापारी औद्योगिक के खाते से खरीदारी करते हैं, तो उन्हें 200 से 250 किलो के खाते से रखा जाता है। एक मुर्गे की कीमत औसतन 350 रुपए तक पहुंचती है। देसी मुर्गे की प्रमुखता और बेहतर स्वाद के कारण उनके फॉर्म की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।

सीधे फॉर्म से खरीदारी की सुविधा
देसी पसंद करने वालों के लिए पूनम देवी ने सीधे संपर्क कर खरीदारी की सुविधा भी उपलब्ध कराई है। इच्छा ग्राहक 99425-99427 नंबर पर संपर्क कर सीधे फॉर्म कोर्ट से खरीद सकते हैं और कम बजट में बेहतरीन गुणवत्ता की देसी मुर्गियां ले सकते हैं।

कोर्ट फॉर्म ऐप जल्द ही लॉन्च किया जाएगा
पूनम देवी ने बताया कि फार्म कोर्ट का एक मोबाइल ऐप भी जल्द ही लॉन्च होने वाला है। किस माध्यम से सीधे फर्म से जुड़कर खरीदारी कर ली जाएगी। इससे उन्हें बिचौलियों पर प्रतिबंध नहीं लगेगा और अधिक रिवाइवल कमाऊ फ़ार्म होगा।

महिलाओं को दे रही ट्रेनिंग, बन रही प्रेरणा
फॉर्मिंग के दौरान पूना देवी के मन में ग्रुप बनी महिलाओं को देसी मुर्गीपालन का प्रशिक्षण देने का विचार आया। इसके लिए उन्होंने ‘फॉर्म कोड’ नाम से एक यूट्यूब चैनल भी शुरू किया है। आज गांव की कई महिलाएं प्रशिक्षण लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर रही हैं और आर्थिक रूप से दलित बन रही हैं। सिंदरी की पूना देवी की यह यात्रा आज ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है, जो यह साबित करती है कि दृढ़ इच्छा शक्ति और परिश्रम के बल पर खेती-किसानी में भी लाखों की कमाई संभव है।

अमित रंजन

मैंने अपने 12 वर्षों के इतिहास में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और डेली भास्कर, डेली दैनिक भास्कर, डेली भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक लॉन्च हुआ। अंतिम तिथि से ले…और पढ़ें

मैंने अपने 12 वर्षों के इतिहास में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और डेली भास्कर, डेली दैनिक भास्कर, डेली भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक लॉन्च हुआ। अंतिम तिथि से ले… और पढ़ें

न्यूज़18 को Google पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें करें।
घरव्यापार

सिर्फ 500 चूजों से शुरू हुआ था काम, आज बना डाला लाखों का वार

JharExpress is hindi news channel of politics, education, sports, entertainment and many more. It covers live breaking news in India and World

Post Comment

YOU MAY HAVE MISSED