मनिहारी के गोगाविल झील से मिला रामसर का स्थापत्य, इको टूरिज्म से ग्लोबल होगे डिनॉल की पहचान

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राज्य का छठां और देश का 94वां रामसर स्थल बना। इससे बिहार के पर्यटन और विविधता को वैश्विक पहचान मिली है। अब यहां इको-टूरिज्म की सैर काफी बढ़ गई है।

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1. इंडोनेशिया जिले के मनिहारी स्थित गोगाविल झील को अंतर्राष्ट्रीय महत्व के रामसर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। यह बिहार पर्यटन की सैर के लिए काफी खास मौका है। यह बिहार का छठा और देश का 94वाँ रामसर वेटलैंड बन गया है, जो न सिर्फ जायंट बल्कि पूरे राज्य का वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर पोर्टफोलियो और मजबूत होगा।

विदेशी पक्षियों के लिए बेहद खस्ता
गंगा और महानंदा नदी के तटीय क्षेत्र में फैला हुआ यह क्षेत्र 86.63 हेक्टेयर में विस्तृत है, जहां हर साल नवंबर से फरवरी के बीच लगभग 30 से अधिक विदेशी जानवर और 60 से अधिक देशी जानवर के पक्षी भ्रमण करते हैं। कभी-कभी उनकी संख्या और भी अधिक हो गई थी, लेकिन संरक्षण की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे थे और इस स्थल को फिर से वैश्विक आकर्षण का केंद्र बनाया गया है।

जिले को विशिष्ट वैश्विक पहचान
स्थापत्य के मानक मनेश कुमार मीना ने इस उपलब्धि को बेहद उत्साहजनक बताते हुए कहा कि, गोगावी झील को रामसर साइट में शामिल करना जिले के लिए गर्व की बात है। इसे मूल और पर्यटन दोनों दृष्टिकोण से और विकसित किया जाएगा। वहीं गोगाविल लेक ग्राम्य समिति के संस्थापक सदस्य डॉ. राज अमन सिंह ने इस सिद्धांत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब गोगावी लेक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल गई है। वर्षों से हम इसके लिए प्रयासरत थे। यह स्थल पहले से ही पक्षी प्रेमियों और पर्यावरण के आकर्षण का केंद्र रहा है, और अब रामसर साइट बनने के बाद इसकी पहचान वैश्विक स्तर पर स्थापित हो गई है।

इको-टूरिज्म की झलक
गोगावील झील के चारों ओर हरियाली और प्राकृतिक प्राकृतिकता से भरपूर ग्रैमली एक स्मारकीय संरचना है, जो समुद्र तट के मौसम में लाखों पौराणिक पक्षियों की चहाहट से जीवंत होती है। इस झील को रामसर सूची में शामिल किया गया है जिसमें केवल जैव विविधता संरक्षण की दृष्टि महत्वपूर्ण है, बल्कि आने वाले समय में यहां इको-टूरिज्म की अपारदर्शी परत भी ढकी हुई है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ गोगाविल अब विश्व पर्यटन मानचित्र पर अंकित हो गया है। जैव विविधता और पर्यटन—तीनों पर्वतों में यह झील अब सपनों की नई पहचान बनकर उभरती है।

घरजीवन शैली

मनिहारी के गोगाविल झील को रामसर कास्ट से मिला, इको टूरिज्म से पुरातन व्यापार

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