हरियाली और रिवाज के बीच छिपा रहस्य! साहिबगंज के इस पहाड़ पर दिखता है सूर्योदय-सूर्यास्त का अनोखा नजारा

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साहिबगंज पर्यटन: साहिबगंज का तारा पर्वत प्राकृतिक, जीवाश्म और वैज्ञानिक रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है। जहां हर साल फ़्लोरिडा और फ़्लोरिडा बड़ी संख्या में आते हैं। गोड्डा और साहिबगंज मुख्यालय से लगभग 60 किमी की दूरी पर यह पर्वत प्राकृतिक छटाओं की बहुतायत में स्थित है। चारो ओर की चट्टानें हरियाली, नीचे-नीची पहाड़ियाँ, शांत वातावरण और खुला आकाश यहाँ आने वाले तूफ़ान को शहर के भाग से दूर सार्वभौम के पल देता है।

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साहिबगंजः जिले के मंडरो स्थित तारा पर्वत की अपनी प्राकृतिक प्राकृतिकता, मनमोहक दृश्य और अद्वितीय वैज्ञानिक विरासत के कारण न केवल साहिबगंज जिला बल्कि देश-विदेश में भी इसकी खास पहचान है। यहां साल भर में माइक्रोसॉफ्ट की वॉल्वी रहती है। हर मौसम में तारा पर्वत का दृश्य अलग ही रंग बदलता है, लेकिन नए साल के आगमन पर यहां सैलानियों की संख्या में आंशिक भिन्नता देखने को मिलती है। नए साल में लोग वनभोज और आतिशबाजी के लिए अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के साथ बड़ी संख्या में तारा पर्वत का रुख करते हैं।

हरियाली, पहाड़ियाँ और शांत वातावरण
गोड्डा और साहिबगंज मुख्यालय से लगभग 60 किमी की दूरी पर यह पर्वत प्राकृतिक छटाओं से परिपूर्ण है। चारो ओर की चट्टानें हरियाली, नीचे-नीची पहाड़ियाँ, शांत वातावरण और खुला आकाश यहाँ आने वाले तूफ़ान को शहर के भाग से दूर सार्वभौम के पल देता है। सुबह और शाम के समय पहाड़ से दिखने वाला सूर्योदय और सूरज का दृश्य सैलानियों को प्रमुखता से आकर्षित करता है।

पहले इस क्षेत्र में स्कॉलरशिप फैक्ट्री हुई थी
हालाँकि तारा पर्वत की पहचान केवल इसकी प्राकृतिकता तक ही सीमित नहीं है। इस स्थल के अंदर एक अनोखा वैज्ञानिक रहस्य भी समाहित है। तारा पर्वत के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में जीवाश्म पाए जाते हैं। ये जीवाश्म इस बात के प्रमाण माने जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले इस क्षेत्र में स्कॉलरय कारखाने बने थे। उत्पत्ति के अनुसार, उस समय हुए विनाश के दौरान पृथ्वी पर मौजूद पेड़-पौधे धरती में समा गए थे। लंबे समय तक जमीन के अंदर दबे रहने के कारण इन पेड़ों के तने धीरे-धीरे-धीरे-धीरे पत्थर के रूप में उभरे हैं। जिसमें आज फॉसिल के रूप में देखा जा सकता है।

शोध का भी महत्वपूर्ण केंद्र है
इन दुर्लभ जीवाश्मों के कारण तारा पर्वत वैज्ञानिक शोध का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। समय- समय पर देश के विभिन्न वर्गीकरण से वैज्ञानिक और शेयरधारक यहां अध्ययन करते रहते हैं। भूगर्भीय दृष्टि से यह क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण माना जाता है और आने वाले समय में इसे एक बड़े पर्यटन और शोध स्थल के रूप में विकसित किया गया है, जहां की खोज भी की जा रही है।

प्रकृति, प्रकृति और विज्ञान के लिए खास जगह
कुल मिलाकर तारा पर्वत, प्रकृति प्रेमी, पृथ्वी और विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए एक खास जगह है। नए साल में अगर लोग प्रकृति की गोद में समय बिताने के साथ-साथ इतिहास और विज्ञान की झलक देखना चाहते हैं, तो तारा पर्वत उनके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।

लेखक के बारे में

अमित रंजन

मैंने अपने 12 वर्षों के इतिहास में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और डेली भास्कर, डेली दैनिक भास्कर, डेली भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक लॉन्च हुआ। अंतिम तिथि से ले…और पढ़ें

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साहिबगंज के इस पहाड़ पर दिखता है सूर्योदय-सूर्यास्त का अनोखा नजारा

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