झारखंड अलग राज्य बनने के बाद नक्सलग्रस्त लातेहार (Latehar) जिला मुख्यालय में रात बिताने वाले हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री ने नक्सलियों की सुरक्षित शरणस्थली के रूप में कुख्यात बूढ़ा पहाड़ (Boodha Pahad) का दौरा कर सुरक्षाबलों का हौसला बढ़ाया था।
अब नक्सलग्रस्त जिले में सीएम (Hemant Soren) ने पूरी संजीदगी के साथ शाम को कई स्थलों का निरीक्षण किया और पूरी निश्चिंतता के साथ रात बिताई। उन्होंने सोमवार को लातेहार व चतरा जिले की संयुक्त विकास की बैठक ली। इसके बाद खतियानी जोहार यात्रा कार्यक्रम में भी शामिल हुए।
सीएम (Hemant Soren) ने लातेहार में रात बिताकर यह संदेश देने का प्रयास किया कि राज्य की हेमंत सरकार जमीन से जुड़ी हुई सरकार है। अब नक्सल समस्या का निदान और विकास कार्य परवान चढ़ रहे हैं। जिले में बीते कुछ सालों के दौरान नक्सली उन्नमूलन और विकास के कई कार्य इस बात का ठोस प्रमाण हैं। प्रशासनिक महकमे से लेकर राजनीतिक गलियारे में भी इस बात की चर्चा हुई कि नक्सली भय से इस मुख्यमंत्री के कदम नहीं रुकेंगे।
रविवार की शाम लातेहार पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने सदर अस्पताल, छात्रावास व कॉलेज का निरीक्षण किया और आम जनता से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। निरीक्षणों के दौरान कर्मियों से संवाद का तरीका हो या सर्किट हाउस में विभिन्न संगठनों की ओर से मुलाकात और इसके बाद आम पब्लिक से मुलाकात का दौर रहा हो मुख्यमंत्री ने सभी से आदर व प्रेम के साथ मुलाकात किया और उत्साह के साथ लोगों के साथ खड़े होकर फोटो भी खिंचवाई।
युवा पंचायत प्रतिनिधियों ने समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा तो मौके पर ही उनके पंचायत में कार्यों की जानकारी लेकर मुख्यमंत्री ने उनकी पीठ थपथपाते हुए कई संदेश दिया। युवा मुख्यमंत्री की ओर से इस व्यवहार का आम जन में गहरा संदेश गया कार्यक्रम की समाप्ति के बाद हर किसी की जुबां पर मुख्यमंत्री के व्यवहार की चर्चा आम थी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का प्रश्नवाचक भाषण आकर्षण का केंद्र बिंदु बना रहा। मुख्यमंत्री ने भाषण देते हुए वहां मौजूद लोगों से पूछा कि आप बताएं कि यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए..? इस पर जनता के बीच से तालियों की गड़गड़ाहट के साथ जवाब आया रोजगार मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री (Hemant Soren) ने पूछा आज विधवा महिलाओं को पेंशन मिल रही है या नहीं..? जनता के बीच से जवाब आया पेंशन मिल रही है। इसी तरह मूलवासी, दलित और अल्पसंख्यकों से जुड़े मामले को उठाकर मुख्यमंत्री ने जनता से जोशीले अंदाज में सवाल किए जिसका जवाब जनता की तरफ से उत्साह के साथ दिया गया।
मुख्यमंत्री (Hemant Soren) ने अपने भाषण के दौरान राज्य के लिए प्राणों की आहूती देने वाले नीलांबर-पीतांबर, सिद्धू-कान्हू और बिरसा मुंडा के कृत्यों को याद कर उन्हें नमन किया। राज्य के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इतिहास उठाकर देख लीजिए झारखंड के हर कोने में कोई न कोई वीर सपूत संघर्ष करता रहा है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे पूर्वजों का संघर्ष ही हमलोगों को बचाकर रखा है। दिशोम गुरू शिबु सोरेन समेत (Hemant Soren) कई लोगों के कड़े संघर्षों से ही झारखंड अलग राज्य का निर्माण हुआ है और इस बार बनी जनता की सरकार राज्य का समुचित विकास कर रही है। मुख्यमंत्री के पूरे भाषण के दौरान झारखंड राज्य का समुचित विकास और राज्य के लिए कुर्बानी देने वालों की जीवनी का मुद्दा छाया रहा।
आज सीएम ने कहा प्रत्येक जिले में खतियानी जोहार यात्रा में लोगों की भीड़ यह दिखा रही है कि खतियानी का मतलब क्या है, खतियानी की मांग क्या है। जो विपक्षी खतियान की हमारी मांग को असंवैधानिक कहते हैं उनके लिए प्रत्येक यात्रा में उमड़ी लोगों की भीड़ का यह संदेश ही काफी है।झारखण्डवासियों को अधिकार के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ता है। यह खतियानी जोहार यात्रा हमारे और आने वाली पीढ़ी के लिए है। झारखण्ड हितैषी हमारी मांग को विपक्षी असंवैधानिक बताने में जुट जाते हैं। इन्होंने झारखण्डियों की नियोजन नीति रद्द करवाया। हमें अधिकार मिले, इन्हें दिक्कत होती है।हम गरीबों को पेंशन, धोती-साड़ी, अनाज देते हैं तो विपक्षी बोलते हैं कि रेवड़ी बांट रहे हैं। रेवड़ी बांटने से देश दिवालिया हो जाएगा। हम लोग रेवड़ी नहीं उनके दुःख-दर्द को बांटते हैं। रेवड़ी तो आप लोग बांटते हैं। देश में इनके व्यापारी मित्र के कारण क्या कोहराम मचा है आप देख रहे हैं।सामाजिक व्यवस्था के ताना-बाना को मजबूत करने की हमारी सोच है। अगर गांव मजबूत होगा, गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी तो राज्य सशक्त होगा। आप देखेंगे पशुधन, रोजगार सृजन जैसी अनेक योजनाएं उसी को ध्यान में रखकर बनायी गयी हैं। आप सभी से आग्रह इन लोक-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अवश्य लें।हमारे राज्य में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां कभी पदाधिकारी नहीं गया। न कभी लोग पदाधिकारी से मिल पाए। मैं खुद बूढा पहाड़ गया। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बूढा पहाड़ में रहने वाले लोगों को विभिन्न योजनाओं का शीघ्र लाभ दें। बूढ़ा पहाड़ अंतर्गत गांवों में मिशन मोड में कार्य करें।1942 के बाद पहली बार इस क्षेत्र में स्कूल बना। कल ही मैं नव निर्मित स्कूल देखने गया था। लातेहार में अब डिग्री कॉलेज, प्रशासनिक भवन जैसे अन्य निर्माण भी हुए हैं। हमारी सरकार में सभी की समस्या का समाधान निकलेगा। किसी का पहले तो किसी का बाद में, लेकिन समाधान निकलेगा जरूर।
सीएम ने आगे कहा हमारे वजूद पर हमला हो रहा है। विगत 20 वर्षों में विपक्ष ने जानबूझकर जमीन से जुड़े मुद्दों को कभी हल करने का काम नहीं किया। बड़े पैमाने पर पूंजीपति लोग हमारे जमीन पर कब्जा करें इसी पर विपक्ष ने काम किया। लेकिन चिंता ना करें इसके समाधान का विचार हमारी सरकार में चल रहा है।झारखण्ड के लोग अपना अधिकार लेने की क्षमता रखते हैं। खतियानी जोहार यात्रा के जरिये हमने खतियानी व्यवस्था, खतियानी लोगों को मजबूत करने का कार्य किया है। आने वाले समय में यह जंग हम जीतेंगे। यहां के मूलवासियों-आदिवासियों को उनका हक कैसे मिले यह हम सुनिश्चित करेंगे।हम यहां के आदिवासी-मूलवासी को नौकरी और रोजगार देना चाहते हैं। मगर कुछ लोग हमारे इरादों पर पानी फेरना चाहते हैं। हमारे कदम से दूसरे राज्यों के लोगों के पेट में दर्द होता है। और उनका मुखौटा कौन होता है, विपक्ष का नेता। हमारा हक छीनने के लिए विपक्ष ने ऐसे लोगों को लगा रखा है।
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