Narendra Modi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने झारखंड राज्य के 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाये की मांग की है। इस पत्र की प्रतियां उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर भी साझा की हैं। मुख्यमंत्री ने इस पत्र में अपने राज्य के लोगों के अधिकारों और न्याय की बात की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि झारखंडियों को उनका हक दिलाने के लिए वे हर प्रकार की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।
Narendra Modi: 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाये की मांग
सीएम हेमंत सोरेन का कहना है कि झारखंड राज्य लंबे समय से अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से राज्य के बकाये 1.36 लाख करोड़ रुपये की मांग की है, ताकि राज्य में विकास की गति को तेज किया जा सके। सोरेन ने कहा, “हम विशेषाधिकार नहीं, बल्कि न्याय की मांग कर रहे हैं। झारखंड के लोगों ने अपने राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया है और अब हम चाहते हैं कि हमारे संसाधनों और अधिकारों का उचित उपयोग हो।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब भी झारखंड के हक की बात होती है, तो उन्हें जेल में डालने की धमकी दी जाती है, लेकिन झारखंड के हक के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। सोरेन ने अपने इस पत्र के जरिये स्पष्ट संदेश दिया है कि झारखंड के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता।
स्पेशल स्टेटस नहीं, सिर्फ न्याय की मांग
Narendra Modi: हेमंत सोरेन ने अपने ट्वीट में यह भी साफ किया कि उनकी मांग स्पेशल स्टेटस (विशेष राज्य का दर्जा) की नहीं है, जैसा कि कुछ अन्य राज्यों को मिला हुआ है। उन्होंने कहा, “हम भाजपा के सहयोगी राज्यों की तरह विशेष राज्य का दर्जा नहीं मांग रहे हैं और न ही हम केंद्रीय बजट का बड़ा हिस्सा चाहते हैं। हमें सिर्फ हमारे राज्य का बकाया धन चाहिए, ताकि हम झारखंड के विकास के पथ पर उसे अग्रसर कर सकें।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि झारखंड राज्य का विकास उनके बकाये पैसे से ही संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि यह विकास न केवल आर्थिक होगा, बल्कि इसमें राज्य के आदिवासी समुदाय, मूलवासी और सभी झारखंडियों के हितों की रक्षा की जाएगी।
Narendra Modi: झारखंड के विकास के लिए बड़े कदम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में विकास योजनाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि राज्य के बकाये 1.36 लाख करोड़ रुपये से झारखंड को एक नई ऊंचाई पर ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े सुधार करेगी। इससे राज्य के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा और उन्हें बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।
इसके अलावा, सोरेन ने झारखंड की भाषा और संस्कृति को सुरक्षित रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि झारखंड की पहचान को बचाए रखना बहुत जरूरी है और इसके लिए राज्य सरकार हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी वादा किया कि राज्य के युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान किए जाएंगे और अगर रोजगार उपलब्ध नहीं हो सका, तो उन्हें उचित भत्ता दिया जाएगा।
केंद्र सरकार से जल्द निर्णय की मांग
Narendra Modi: अपने ट्वीट में सीएम सोरेन ने केंद्र सरकार से यह भी अपील की कि वह जल्द से जल्द झारखंड के बकाये पैसे पर फैसला ले। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार को झारखंड के विकास में बाधा नहीं बनना चाहिए, बल्कि उसे हमारे साथ सहयोग करना चाहिए। हम अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे, चाहे इसके लिए हमें कितनी भी मुश्किलों का सामना करना पड़े।”
Narendra Modi: झारखंड के लोगों के हक की लड़ाई
हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि झारखंड की धरती पर जन्म लेने वाले हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपने राज्य के हितों की रक्षा करे। उन्होंने राज्य के लोगों से अपील की कि वे एकजुट होकर अपने हक के लिए आवाज उठाएं।
उन्होंने अपने पुरखों का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे हमारे पूर्वजों ने अपनी लड़ाई लड़ी थी, वैसे ही हम भी अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे और किसी भी कीमत पर अपना हक लेकर रहेंगे।
निष्कर्ष
Narendra Modi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह पत्र न केवल झारखंड के बकाये धन की मांग करता है, बल्कि राज्य के अधिकारों और न्याय की भी वकालत करता है। झारखंड के विकास की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, बशर्ते केंद्र सरकार इस पर सकारात्मक फैसला ले।
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