भाजपा के वरिष्ठ BJP नेता बाबूलाल मरांडी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आदिवासी कार्ड खेलने के बजाय जांच का सामना करना चाहिए। अवैध खनन के एक मामले में सोरेन समन के बावजूद ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मरांडी ने इस आरोप को भी खारिज किया कि सोरेन को ईडी समन के पीछे भाजपा का हाथ था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रमुख सोरेन को तीन नवंबर को सुबह 11 बजे तक एजेंसी के केंद्रीय कार्यालय तलब किया था, ताकि अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पीएमएलए के तहत उनका बयान दर्ज किया जा सके। हालांकि, सोरेन एजेंसी के केंद्रीय कार्यालय नहीं गए और शाम को आदिवासियों के एक कार्यक्रम में शामिल होने के छत्तीसगढ़ चले गए
BJP नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए एसआईटी की पूछताछ का सामना कर सकते हैं, तो हेमंत सोरेन ईडी की पूछताछ का सामना क्यों नहीं कर सकते? उन्होंने कहा, सोरेन को आदिवासी कार्ड खेलने और प्रदर्शन करने की धमकी देने के बजाय देश के कानून का पालन करना चाहिए और ईडी से पूछताछ का सामना करना चाहिए।
सोरेन ने गुरुवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि भगवा पार्टी, आदिवासियों और स्थानीय लोगों के वर्चस्व वाली पार्टी को दिए गए जनादेश को पचा नहीं पा रही है। वे (भाजपा) सामंती मानसिकता हैं और आदिवासी, दलितों और उत्पीड़ितों को बढ़ते हुए नहीं देख सकते हैं।
वहीं, पलटवार करते हुए भाजपा विधायक दल के नेता मरांडी ने कहा, झारखंड के लोगों ने उन्हें सरकार चलाने का जनादेश दिया है, न कि राज्य के प्राकृति संसाधनों को लूटने का। मरांडी ने यह भी कहा कि वह पिछले दो वर्षों से अवैध खनन का मुद्दा उठा रहे हैं। उन्होंने झारखंड और बिहार सरकार को पत्र भी लिखा है और आरोप लगाया है कि स्टोन चिप्स व ऐसी अन्य सामग्रियों की तस्करी की जा रही है।
उन्होंने जोर देकर कहा, भाजपा इस तरह की लूट को और बर्दाश्त नहीं करेगी और राज्य से भ्रष्ट झामुमो सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बड़ा आंदोलन चलाएगी। मरांडी ने आगे कहा, लोकतंत्र में विपक्षी का कर्तव्य है कि वह सरकार को उसके गलत कामों के बारे में सचेत करे, लेकिम हमारे द्वारा मुद्दों को उठाने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया गया। शिकायतकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।
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