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champai soren news: झारखंड का इतिहास जब भी लिखा जायेगा, चम्पाई सोरेन जी का नाम विभीषण के रूप में दर्ज होगा, जिस पार्टी और माटी ने उनको सबकुछ दिया उसको ठुकरा कर, अपने आत्मसम्मान को गिरवी रख कर वे सरकार को तोड़ने का कार्य कर रहें थे लेकिन समय रहते जब चीजें सामने आ गई तो सोशल मीडिया में पोस्ट कर रहें है जबकि हकीकत हैं कि वें अपनी करनी पर पछतावा कर रहें है और मुँह छुपा रहें हैं!

आदरणीय गुरूजी ने एक साधारण व्यक्ति को जमशेदपुर से निकाल कर पहचान दी, उनको मान सम्मान दिया, हर संभव मदद किया, पार्टी में अपने बाद का औहदा दिया, जब जब जेएमएम की सरकार बनी उसमें मंत्री बनाया, सांसद का टिकट दिया, हर निर्णय का सम्मान किया लेकिन उसके बदले चम्पाई दा ने राज्य को मौका परस्ती के दलदल में झोकना चाहा!

हमारे नेता हेमंत सोरेन जब जेल जाने लगे तो उन्होंने सभी सत्ता पक्ष के विधायकों से चम्पाई सोरेन जी को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही तो हम सभी ने हेमंत जी की बात को माना, जब खुद को मुख्यमंत्री बनने की बात थी तो वो निर्णय चम्पाई दा को बुरा नहीं लगा, प्रोटोकॉल के विरुद्ध नहीं लगा, तानाशाही नहीं लगा?

champai soren news: जब हमारे नेता जेल से छुटकर आ रहें थे तो चम्पाई सोरेन जी कैबिनेट की बैठक में व्यस्त थे, जबकि इतिहास गवाह है कि जब वनवास के बाद प्रभु श्रीराम वापस आये तो भरत ने उनका स्वागत कर उन्हें राज सिंघासन पर बैठने का आग्रह किया था!

मगर चम्पाई दा तो अकेले निर्णय लेने में व्यस्त थे, उस समय तो कांग्रेस समेत झामुमो के मंत्रीमंडल के साथियों ने भी कैबिनेट में बात उठाई थी, हर विभाग में उनका हस्तक्षेप था, हर मंत्रालय में वें खुद निर्णय लेने लगे थे,तब उनको नेतृत्व में तानाशाही महसूस नहीं हुआ था क्या?

champai soren news: दूसरे को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले और झूठा सहानुभूति इक्क्ठा करने के चक्कर में चम्पाई दा अपने कुकर्मो को भूल गए है शायद!

जब पार्टी और गठबंधन बुरे दौर से गुजर रहा था तो वें भाजपा नेताओं से अपनी सेटिंग बैठा रहें थे, जब हमारे नेता जेल में थे तो केंद्र सरकार की क़ानून बदलने वाली योजना को हर अखबार के प्रमुख पन्नों में अपनी फोटो के साथ छपा कर कौन सा गठबंधन धर्म निभा रहें थे?जबकि INDIA गठबंधन देश में इसका विरोध कर रहा था लेकिन चम्पाई दादा भाजपा से अपना पीआर बढ़ाने में लगे थे, भाजपा नेतृत्व को खुश करने में लगे हुए थे!

चम्पाई दादा, 2019 का चुनाव आपके चेहरे पर नहीं बल्कि हेमंत बाबू के चेहरे पर लड़ा था और ये जनादेश हेमंत बाबू और गुरूजी को मिला था, लेकिन अनुकम्पा के आधार पर मिली कुर्सी को आप अधिकार समझने लगे, सच तो ये है कि आप सत्ता के लोभी है और कुर्सी के भी, तभी तो जब जब झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार बनी तो आपने मंत्रीपद माँगा, आपको मिला भी, आपने सांसद का टिकट माँगा आपको मिला, पार्टी में भी बड़ा सम्मान मिला लेकिन आपको सम्मान पचा नहीं!

सच तो ये ही कि जिस दिन हेमंत बाबू जेल से बाहर आये थे आपको नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए था और नंगे पैर चलकर हेमंत बाबू को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए था, लेकिन आप तो अंतिम समय में भी ट्रांसफर पोस्टिंग में लगे थे, असल में आपको अनुकम्पा पर मिली कुर्सी अपनी लगने लगी थी और कुर्सी का लगाव और मोह नहीं छूट पा रहा था!

champai soren news: जब हेमंत बाबू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लें तो एक मुख्यमंत्री बनने के बाद भी आप मंत्री पद मांगने की जिद करने लगे, जबकि यदि आपको कुर्सी का मोह नहीं होता तो कई सीनियर नेता थे, कोल्हान में रामदास सोरेन थे, दशरथ गगराई थे, कई लोग थे जिसे आप अपना मंत्रीपद दें सकते थे लेकिन आप तो मंत्री बनने के लिए नाराज तक हो गए थे लेकिन यदि किसी ने कुर्बानी दी तो वें थे बसंत सोरेन क्यूंकि उनके शरीर में गुरूजी का खून हैं!

आज जब भाजपा में आपकी दाल नहीं गली, बाबूलाल मरांडी आपके जॉइनिंग का विरोध कर रहें हैं तो आप लगे हरिश्चन्द्र बनने, ऑप्शन चुनने, आपके पास एक ही ऑप्सन था जो आपने गवां दिया वो था मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को गद्दी सौपना और झामुमो को मजबूत करना लेकिन अफ़सोस की रातोरात आप तो अपने घर और गाँव से झामुमो का झंडा उतार कर गायब करवा दिया, लॉबीन दादा को मनाने के बजाय उकसा कर गलत बयानबाजी करवा दिया, मीडिया मैंनेजमेंट के बहाने झामुमो के मजबूत और समर्पित विधायकगणो का नाम उछलवा दिया कि वें आपके साथ हैं?

champai soren news: हद तो तब हो गई जब कोलकाता होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट में आप कहने लगे हम जहाँ हैं वही हैं मतलब जेएमएम में हैं सरकार के साथ हैं, लेकिन जब भाजपा नेतृत्व में आपको ठुकरा दिया तो सोशल मीडिया पर चलवा दिया इमोशनल कार्ड वाला बयान?

सच बोलू तो ये आपका और झामुमो का मामला हैं लेकिन ये सरकार का भी मामला हैं, गठबंधन का मामला भी हैं, नैतिकता का मामला भी हैं, झारखंड की जनता से जुडा मामला हैं इसलिए मैं आपको कहना चाहता हूँ कि भ्र्म में मत रहिये, झारखंड की जनता आपको समझ सकती हैं, जान चुकी हैं, आप सन्यास नहीं लेंगे क्यूंकि सत्तालोभी हैं, पार्टी या सरकार का विधायक नहीं तोड़ सकते क्यूंकि सभी मजबूती से गुरूजी और हेमंत बाबू के साथ खडे हैं, और तीसरा ऑप्सन नए साथी की तलाश तो यदि भाजपा आपको साथ लेती भी हैं तो बहुत उदाहरण हैं जिसने पार्टी या सरकार के साथ गद्दारी की उसका क्या हुआ?

जब विधायक दल की बैठक मे गठबंधन के विधायकों का समर्थन ब्लेंक पेपर लेकर आपका नाम लिख दिया गया तब आप को नही लगा था के ये डीकटेटरशिप है, और हाँ एक बात और हेमंत जी के पास बसंत सोरेन जी और कल्पना सोरेन जी का ऑप्शन था पर आप पर भरोसा जताया था लेकिन आपने सिर्फ अपने स्वार्थ, सत्ता के भूख और ईगो के कारण झारखंड का सम्मान भाजपा के हाथों गिरवी रखने का कार्य किया है जिसको झारखंड की जनता कभी माफ नहीं करेगी!

champai soren news: एक बात बता दें रहें कोल्हान एवं झारखण्ड की जनता, हर एक विधायक, मंत्री और INDIA गठबंधन का हर कार्यकर्त्ता गुरूजी शिबू सोरेन जी और हेमंत सोरेन जी , राहुल गाँधी जी एवं मल्लिकाअर्जुन खड़गे एवं गुलाम अहमद मीर जी के साथ खड़ा हैं!कोई कही नहीं जाने वाला आपके साथ तो कभी नहीं जायेगा!

champai soren news: हमलोग झारखण्डी हैं, जब रिश्ता बनाते है तो दिल से स्वार्थ से नहीं, आपने सिर्फ पार्टी को नहीं बल्कि झारखंड की माटी को भी धोखा दिया हैं, झारखंड के शहीदों का अपमान किया हैं, झारखंड की माटी को बेचने का कार्य किया हैं इसलिए आज आप अकेले हैं, कोई ना कभी आपके साथ था ना कभी रहेगा…

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