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निर्देशित श्रमिकों की सहायता के लिए उत्तराखंड मिशन: टनल में फंसे झारखंड के श्रमिकों को समर्थन

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के स्थानीय आदेश के परिणामस्वरूप, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित ब्रह्मकमल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच निर्माणाधीन टनल में हुई दुर्घटना के बाद, झारखंड के श्रमिकों को सहायता प्रदान करने के लिए एक तीन सदस्यीय टीम उत्तराखंड की ओर रवाना हो गई है। इस टीम का संचालन जैप आईटी के सीईओ भुवनेश प्रताप सिंह, ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद, और ज्वाइंट लेबर कमिशनर प्रदीप रॉबर्ट लकड़ा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद, टीम को टनल में फंसे श्रमिकों की स्थिति की अद्यतित जानकारी प्रदान करने और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।

मामले की जानकारी

रविवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित निर्माणाधीन टनल में एक अचानक हुई धंस जनसंख्या के बीच अचानक हुई धंस से जुड़े मामले के बाद, कुल 40 श्रमिक टनल में फंस गए हैं, जिसमें कुछ झारखंड के श्रमिक भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, झारखंड के श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को उत्तराखंड भेज दिया गया है ताकि वह वहां की स्थिति का निरीक्षण करें और संबंधित श्रमिकों को उचित सहायता प्रदान कर सकें।

श्रमिकों को मदद करने का उद्देश्य

इस आपत्कालीन स्थिति में, टीम का मुख्य उद्देश्य झारखंड के श्रमिकों को उत्तराखंड में सुरक्षितता और सहायता प्रदान करना है। टीम के सदस्यों को उपयुक्त सामग्री और साधनों के साथ श्रमिकों की सुरक्षित वापसी की सुनिश्चित करने के लिए अपने कार्य में तत्परता दिखाई जा रही है।

निर्देश

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने टीम को यह भी निर्देश दिया है कि वह घटना स्थल पर जाकर श्रमिकों की स्थिति का समर्थन करें और उन्हें आवश्यकता अनुसार आवश्यक सामग्री और सहायता प्रदान करें। उन्होंने इसे निरंतर अद्यतित करने के लिए दूरभाष से अवगत रखने का भी निर्देश दिया है।

समर्थन और योजना

झारखंड सरकार ने इस संबंध में उत्तराखंड सरकार के साथ सहयोग एवं योजना बनाने का प्रस्ताव रखा है। इसमें श्रमिकों को सहायता पहुंचाने, उन्हें सुरक्षित तक पहुंचाने और उनके साथ उचित व्यवहार का सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पहलुओं का समावेश हो सकता है।

सामाजिक सरोकार

इस कठिन समय में, सामाजिक सरोकार की भूमिका महत्वपूर्ण है और श्रमिकों के प्रति सहानुभूति और उनके समर्थन की आवश्यकता है। झारखंड सरकार ने इस घड़ी में सभी संभागों को मदद करने के लिए सक्रिय रूप से काम करने का आदान-प्रदान किया है, जिससे इस मुश्किल समय में आपसी सामरिकी बनी रहे और श्रमिकों को सहायता पहुंचाई जा सके।

निष्कर्ष

उत्तराखंड में हुई यह दुर्घटना काफी चिंताजनक है और झारखंड सरकार इस पर गंभीरता से लिए गए है। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में उत्तराखंड टीम ने शीघ्र उत्तरदाताओं की सहायता के लिए कदम उठाया है और उन्हें सुरक्षित घर वापस लाने के लिए संपूर्ण प्रयास कर रही है। यह प्रयास हम सभी के लिए प्रेरणादायक है और इस दुर्घटना के पीड़ितों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। इस समय में सभी समर्थन और सहयोग का संकेत है, ताकि हम मिलकर इस मुश्किल समय से बाहर निकल सकें और प्रभावित लोगों को समर्थन मिले।

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By JharExpress

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