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Cm awas: रांची, 22 जनवरी: सोमवार को सीआरपीएफ के आइजी, कमांडेंट, और 500 अज्ञात जवानों के खिलाफ सदर सीओ मुंशी राम ने गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसके पीछे हथियार से जाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए सीएम आवास और आसपास के क्षेत्र में धारा 144 लागू किया गया है। यहां हम इस मामले की पूरी जानकारी को समझेंगे।

Cm awas: प्राथमिकी का कारण

सीओ मुंशी राम की शिकायत पर आधारित है कि सीआरपीएफ के अधिकारी और जवानों ने 20 जनवरी 2024 को रांची में सीएम हेमंत सोरेन के आवास की ओर जाने का प्रयास किया। इस प्रयास को देखते हुए सीआरपीएफ के अधिकारियों को बैरिकेडिंग के अंदर जाने से रोका गया और उन्हें बताया गया कि सुरक्षा की पूरी व्यवस्था है।

प्राथमिकी की आइपीसी धाराएं

Cm awas: सीओ ने प्राथमिकी में आइपीसी की धारा 143, 188, और 353 के तहत कार्रवाई की है। इसमें उन्होंने यह भी कहा है कि धारा 144 के तहत धारा लगाई गई है, जिसके कारण 500 मीटर क्षेत्र में हथियार के साथ जाने पर पाबंदी है।

Cm awas: सीआरपीएफ की पक्षपातपूर्ण क्रिया

सीआरपीएफ के अधिकारियों ने विधि व्यवस्था की उल्लंघन की कोशिश की और उन्होंने अपने वाहनों को लाए जाने से इनकार किया। इसके बाद विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गई और स्थिति में गंभीरता आ गई।

सरकारी आवास के पास जनसमूह की घेराबंदी

Cm awas: सीआरपीएफ जवानों ने सरकारी आवास के पास घेराबंदी की और विधि व्यवस्था की समस्या को और बढ़ा दिया। गृह सचिव ने इस मामले में डीजीपी, डीसी, और एसएसपी से रिपोर्ट मांगी है।

Cm awas: जनसमूह के खिलाफ प्राथमिकी

इसके अलावा, धारा-144 के तहत भीम आर्मी के 200 सदस्यों ने प्रदर्शन किया और जवानों के खिलाफ भी प्राथमिकी कराई गई है। इसके लिए भी सदर अंचलाधिकारी मुंशी राम ने गोंदा थाना में कार्रवाई की है।

निष्कर्ष

Cm awas: इस प्रकरण से साफ है कि सीआरपीएफ के अधिकारी और जवानों के बीच हुई तकरार ने स्थिति को गंभीर बना दिया है और सरकारी आवास के पास जनसमूह ने भी इसमें हिस्सा लिया है। धारा-144 के तहत रोकथाम के बावजूद, प्रदर्शन और प्रतिरोध जारी है।

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