Cyber Crime Training
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Cyber Crime Training: हजारीबाग के विभिन्न इलाकों में साइबर अपराध के ट्रेनिंग सेंटर तेजी से फैल रहे हैं। इन ट्रेनिंग सेंटरों को चलाने वाले लोग अलग-अलग राज्यों में जाकर युवाओं को मार्केटिंग के क्षेत्र में नौकरी दिलाने का झांसा देकर यहां लाते हैं। इसके एवज में उनसे मोटी रकम भी वसूली जाती है। इनके निशाने पर वैसे युवा होते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और नौकरी की तलाश में रहते हैं। इन युवाओं को जब मार्केंटिंग की जगह साइबर अपराध की ट्रेनिंग का पता चलता है, तो अधिकांश गरीब होने के कारण पैसे की मजबूरी में इस गोरखधंधे में सक्रिय हो जाते हैं।

Cyber Crime Training: कैसे काम करते हैं ये ट्रेनिंग सेंटर

साइबर अपराध के ट्रेनिंग सेंटर चलाने के लिए ये गिरोह शहर से सटे ग्रामीण इलाकों को चिह्नित करते हैं। हाल के दिनों में बरकट्ठा क्षेत्र साइबर अपराध को लेकर काफी सुर्खियों में रहा है। इन इलाकों में मोटी रकम देकर किराए पर मकान लिया जाता है। फिर यहां युवाओं को साइबर अपराध का प्रशिक्षण देने का काम शुरू हो जाता है।

नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का खेल

इन ट्रेनिंग सेंटरों से प्रशिक्षण ले चुके युवाओं को शहर के चौक-चौराहों पर नए संस्थान के नाम पर कार्यालय खोल कर दे दिया जाता है। इसके बाद देश से लेकर विदेश तक नौकरी दिलाने, वीजा और पासपोर्ट बनाने के नाम पर ठगी का खेल शुरू होता है। जरूरतमंद युवाओं के कागजात रख कर वैसी नौकरी, वैसी कीमत वसूली जाती है। ये रकम 20,000 रुपये से लेकर 2,00,000 रुपये तक होती है। अगर कोई विश्वास नहीं करे, तो उसे चेक देकर भरोसा दिलाया जाता है कि उनका काम पक्का है। फिर महीने भर के अंदर अचानक कार्यालय में ताला लटक जाता है। वहीं, भुक्तभोगी जब बैंक में चेक जमा करते हैं, तो पता चलता है कि चेक फर्जी है। अंत में पीड़ित थाने पहुंच कर ठगी की शिकायत करते हैं।

पुलिस की कार्रवाई और निर्देश

Cyber Crime Training: हजारीबाग के एसपी अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि इस तरह की शिकायतें मिली हैं। कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। लोग इस तरह के लोगों पर विश्वास करने से पहले पूरी तरह जांच कर लें। ठगी के शिकार होने पर पीड़ित संबंधित थाने में आवेदन दें, पुलिस कार्रवाई करेगी।

Cyber Crime Training: केस स्टडीज: ठगी के शिकार लोग

केस नंबर-01:
बड़ा बाजार थाना क्षेत्र के हुरहुरू स्थित जेके एंटरप्राइजेज के खिलाफ दर्जनों महिलाओं ने थाना में आवेदन दिया है। महिलाओं का कहना है कि कथित कंपनी ने लगभग 100 महिलाओं से नौकरी दिलाने के नाम पर पांच करोड़ रुपये की ठगी की है और कंपनीवाले फरार हो गए।

केस नंबर-02:
कुछ माह पहले रवि कुमार राम ने डब्लूडब्लूपी कोचिंग संस्थान चलाया। इसमें कोचिंग नि:शुल्क थी। इसके बाद संचालक ने छात्रों को विश्वास में लेकर बैंक, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों रुपये लिए और अचानक से कोचिंग संस्थान बंद कर दिया।

केस संख्या-03:
कटकमसांडी प्रखंड के पबरा निवासी आनंद मेहता की पत्नी को होमगार्ड में कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर ढाई लाख रुपये मांगे जा रहे थे। महिला पैसे के इंतजाम में जुटी थी। इसी बीच महिला के पति होमगार्ड कार्यालय में जानकारी लेने पहुंचे तो पता चला कि वहां कोई बहाली नहीं है।

केस संख्या-04:
चार दिन पहले पबरा पंचायत की 100 महिलाओं का एक महिला खाता खुलवा रही थी। उनसे कहा गया था कि खाता खुलने के बाद एटीएम, आधार और सिम कार्ड देना होगा। इसके एवज में केंद्र सरकार प्रत्येक महीने 2000 रुपये खाते में देगी। जब महिलाएं बैंक गईं, तो पता चला कि ऐसी कोई योजना ही नहीं है।

साइबर क्राइम से बचने के उपाय

Cyber Crime Training: साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:

  1. पूरी जांच करें: किसी भी संस्था या व्यक्ति पर विश्वास करने से पहले उसकी पूरी जांच करें।
  2. प्रमाणित दस्तावेज मांगें: नौकरी या अन्य सेवाओं के लिए प्रमाणित दस्तावेज मांगें।
  3. बैंक विवरण: बैंक में चेक या अन्य दस्तावेज जमा करने से पहले उसकी पुष्टि करें।
  4. पुलिस को सूचना दें: किसी भी प्रकार की ठगी का शिकार होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।

Cyber Crime Training: हजारीबाग के लोग साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूक रहें और सतर्कता बरतें। साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए समाज के सभी वर्गों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।

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By JharExpress

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2 thoughts on “Cyber Crime Training हजारीबाग बना साइबर क्राइम ट्रेनिग का हब”

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