आज झारखंड को नया DGP मिल जाएगा। झारखंड सरकार ने 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसे UPSC से तीन सीनियर IPS अधिकारियों के नाम मिले हैं और वर्तमान पुलिस प्रमुख के पद छोड़ने के बाद 12 फरवरी को उनमें से एक को नए पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
दरअसल, साल 2021 में झारखंड में दो साल के कार्यकाल के बगैर डीजीपी को हटाने के मामले में राजेश कुमार नाम के व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया कि डीजीपी रहे केएन चौबे की नियुक्ति 31 मई 2019 को हुई थी। उन्हें 31 मई, 2021 तक पद पर रहना चाहिए था लेकिन सरकार ने उन्हें हटाकर 16 मार्च 2020 को एमवी राव को प्रभारी DGP बना दिया था जो कि प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ था। इसके बाद सरकार ने राव को हटाकर 11 फरवरी 2021 को नीरज सिन्हा को डीजीपी नियुक्त कर दिया था।
याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जुलाई 2020 में UPSC को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का पैनल झारखंड सरकार ने भेजा था, ताकि DGP का चयन हो सके, लेकिन UPSC ने तब प्रदेश सरकार से केएन चौबे को हटाने की वजह पूछी थी।
इसके बाद अदालत ने 14 जुलाई, 2021 को अपने फैसले के कथित उल्लंघन के लिए राज्य सरकार, उसके शीर्ष अधिकारियों और यूपीएससी के खिलाफ अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया था। इसी मामले में बाद में नीरज सिन्हा को याचिका में पार्टी बनाया गया।
3 सितंबर, 2021 को कोर्ट ने मामले को लेकर राज्य सरकार और यूपीएससी की खिंचाई की। अदालत ने कहा कि UPSC की ओवरहालिंग जरूरी है, क्योंकि इस संस्था को पता ही नहीं रहता कि राज्यों में क्या हो रहा है और कहां क्या जरूरी है? कोर्ट ने झारखंड सरकार से भी पूछा कि अदालत के नोटिस जारी करने के बाद DGP की नियुक्ति की क्यों की गई?
अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ने सिन्हा को एड-हॉक डीजीपी के रूप में रखा था, लेकिन यूपीएससी डीजीपी के चयन के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की सूची तैयार करने से इनकार कर रहा था। बाद में याचिका में आरोप लगाया गया कि नीरज सिन्हा 31 जनवरी 2022 को रिटायर होने के बाद भी पद पर बने हुए हैं।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 19 दिसंबर, 2022 को झारखंड में नए डीजीपी की नियुक्ति में देरी पर ध्यान दिया था और राज्य सरकार को यूपीएससी को जवाब देने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा,
अदालत ने 16 जनवरी को मामले की अगली तारीख निर्धारित करते हुए कहा था, ”हम झारखंड सरकार को निर्देश देते हैं कि वे यूपीएससी द्वारा बताई गई त्रुटियों पर ध्यान दें और 23 दिसंबर को या उससे पहले अपना जवाब सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करें. इसके बाद यूपीएससी 9 जनवरी, 2023 तक पद पर नियुक्ति से जुड़ी कार्रवाई करेगा।”
अगली तारीख यानी 16 जनवरी को सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि UPSC ने 5 जनवरी को तीन नामों का चयन करके सरकार के पास भेजा है, उनमें से एक को 12 फरवरी तक डीजीपी के रूप में नियुक्त कर देंगे।
इसके बाद CJI डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की बेंच ने झारखंड सरकार और वर्तमान डीजीपी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका को खत्म कर दिया।
नीरज सिन्हा 1987 बैच के IPS अधिकारी हैं. वो 12 फरवरी 2021 से 11 फरवरी 2023 तक झारखंड राज्य के डीजीपी थे। झारखंड राज्य बनने पर वह 25 नवंबर 2000 को रांची के पहले SSP बनाए गये थे। रविवार को रांची के डोरंडा स्थित जैप 1 ग्राउंड में नीरज सिन्हा को विदाई दी गई।
इसे भी पढ़ें : सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया
Pingback: today's latest news, articles, live videos, hindi news - JharExpress