Dhanbad Lok Sabha Election: मतदाताओं ने किया वोट बहिष्कारधनबाद लोकसभा के सिंदरी में 3400 मतदाताओं ने किया वोट बहिष्कार, बूथ पर पसरा सन्नाटा
वोट बहिष्कार की वजह और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
धनबाद लोकसभा क्षेत्र के निरसा में 3400 मतदाताओं ने वोट का बहिष्कार कर दिया है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मतदाताओं को मनाने के लिए सिंदरी बस्ती पहुंचे हैं। धनबाद लोकसभा के सिंदरी में बूथ संख्या 398, 399 और 400 के करीब 3400 मतदाताओं ने सुबह से ही मतदान का बहिष्कार कर दिया। पीठासीन पदाधिकारी और अन्य मतदानकर्मी बूथ में मतदाताओं के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई मतदाता मतदान करने नहीं पहुंचा।
Dhanbad Lok Sabha Election: प्रशासन में हड़कंप और अधिकारियों का प्रयास
धनबाद के निरसा में वोट बहिष्कार की सूचना से प्रशासन में हड़कंप मच गया। बीडीओ और डीएसपी सिंदरी बस्ती में पहुंचे और लोगों को समझाने और वोट करने के लिए मनाने की कोशिश में लगे रहे। सिंदरी के एसडीपीओ भूपेंद्र राउत और बलियापुर के बीडीओ राजेश कुमार ग्रामीणों के साथ वार्ता कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि बातचीत से इसका हल निकल सकता है। इससे पहले 398 नंबर बूथ पर नागेश्वर प्रसाद सिंह नामक व्यक्ति ने चोरी-छिपे जाकर मतदान किया। वहीं, ग्रामीण वोट करने की बजाय इलाके में पौधरोपण कर रहे हैं।
वोट बहिष्कार की वजह: पानी, बिजली और विस्थापन के मुद्दे
Dhanbad Lok Sabha Election: धनबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सिंदरी बस्ती के लोगों ने पानी, बिजली और विस्थापन के मुद्दे पर वोट का बहिष्कार किया है। एक युवा ने कहा कि मतदान करने का कोई औचित्य नहीं रह गया है। सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। “हम रिफ्यूजी की तरह यहां रह रहे हैं। हमारे पास कोई प्रमाण पत्र तक नहीं है। हमने सरकार से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी। इसलिए हमने वोट बहिष्कार किया है। हम पौधरोपण कर रहे हैं, क्योंकि यह ऑक्सीजन देगा और हमें जीवन देगा। सरकार हमें कुछ नहीं देगी।”
Dhanbad Lok Sabha Election: प्रबंधन और सरकार की अनदेखी: 75 साल से चली आ रही समस्या
एक अन्य वोटर ने कहा कि सिंदरी फर्टिलाइजर के प्रबंधन और सरकार ने 75 साल से हमें बेवकूफ बनाकर रखा है। हमारी जमीन पर सिंदरी फर्टिलाइजर की स्थापना हुई थी। आज हम पानी के लिए तरस रहे हैं। पीएम आवास हमें नहीं मिल रही। हमें कोई सरकारी सुविधा नहीं मिल रही। हमारे पुरखों ने कौड़ी के भाव जमीन दे दी थी। “हमारा विस्थापन तो हुआ, लेकिन पुनर्वास नहीं हुआ। किसी सरकार ने हमारी नहीं सुनी। सिंदरी खाद कारखाने की वजह से पूरी दुनिया में सिंदरी का नाम है, लेकिन सिंदरी बस्ती की किसी ने सुध नहीं ली। सभी ने इसकी अनदेखी की। इसलिए हमने तय किया है कि हम मतदान नहीं करेंगे।”
अन्य मतदान केंद्रों पर मतदान की स्थिति
Dhanbad Lok Sabha Election: निरसा विधानसभा के चिरकुंडा एसएचएमएस कॉलेज स्थित मतदान केंद्र संख्या 361 और 362 में काफी देर तक मतदान शुरू नहीं हो पाया था। सूचना मिलने पर मास्टर ट्रेनर प्रखंड कार्यालय से पहुंचे और करीब 40 मिनट के बाद मतदान केंद्र संख्या 361 पर वोटिंग शुरू हो पाई। 362 नंबर बूथ पर करीब 50 मिनट के बाद मतदान शुरू हुआ।
बोकारो में मतदान में देरी और ईवीएम की खराबी
धनबाद लोकसभा के करमाटांड़ में बूथ संख्या 244 पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में तकनीकी खराबी की वजह से 10 मिनट तक लोग मतदान नहीं कर पाए। धनबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के बोकारो विधानसभा क्षेत्र के बोकारो सेक्टर 3 स्थित बोकारो इस्पात विद्यालय के बूथ संख्या 289 पर लगभग 45 मिनट देर से मतदान शुरू हुआ। वीवीपैट मशीन काम नहीं करने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई थी। मशीन खराब होने से कई मतदाताओं को वापस भी लौट जाना पड़ा। आदर्श उच्च विद्यालय सोनाटांड़ में बूथ संख्या 130 पर भी मतदान 20 मिनट विलंब से शुरू हुआ।
Dhanbad Lok Sabha Election: धनबाद में कंट्रोल रूम से निगरानी
धनबाद में कंट्रोल रूम से सभी मतदान केंद्रों पर पैनी नजर रखी जा रही है। कंट्रोल रूम में प्रतिनियुक्त अधिकारियों ने बताया कि सभी बूथों पर वोटिंग शुरू हो गई है और कहीं भी कोई समस्या नहीं है। बैंक मोड़ स्थित गुर्जर क्षत्रिय समाज भवन में बने मतदान केंद्र में ईवीएम खराब होने की वजह से 8 बजे तक मतदान शुरू नहीं हो पाया था। बूथ नंबर 198 में मतदान करने के लिए पहुंचे लोगों में काफी रोष देखा गया।
निष्कर्ष
Dhanbad Lok Sabha Election: धनबाद लोकसभा क्षेत्र के सिंदरी में मतदाताओं ने पानी, बिजली और विस्थापन के मुद्दों पर वोट बहिष्कार किया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें मनाने के प्रयास किए हैं, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है। अन्य मतदान केंद्रों पर भी तकनीकी खामियों और देरी की वजह से मतदान प्रभावित हुआ है। प्रशासन द्वारा सभी मतदान केंद्रों पर निगरानी रखी जा रही है ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके। यह घटनाएं दर्शाती हैं कि मतदाताओं की समस्याओं को हल करने के लिए प्रशासन और सरकार को गंभीरता से प्रयास करने की आवश्यकता है।
यह भी पढ़ें