Jharkhand Congress : झारखंड प्रदेश कांग्रेस में हलचल तेज है। बिहार में बड़े बदलाव के बाद अब झारखंड कांग्रेस में बड़े बदलाव की संभावना है। बिहार में हुए फेरबदल के जातीय समीकरण का असर साफ नजर आ रहा है। झारखंड में भी बदले समीकरण के साथ बदलाव के संकेत हैं। झारखंड में भी प्रदेश अध्यक्ष के बदलने का प्लॉट तैयार हो रहा है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के बदले जाने की चर्चा तेज हो रही है।
कांग्रेस पार्टी ने झारखंड ईकाई में बड़ा बदलाव किया है। शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के निर्देश पर पार्टी ने यहां एक राजनीतिक मामलों की समिति की नियुक्ति की है। इसके अलावा अन्य सदस्यों की भी नियुक्ति की गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के निर्देश पर 26 सदस्यीय राजनीतिक मामलों की समिति की नियुक्ति की गई है। इस समिति में एआईसीसी प्रभारी अविनाश पांडे, राज्य इकाई प्रमुख राजेश ठाकुर, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, रामेश्वर उरांव और अजॉय कुमार को जगह दी गई है।
Jharkhand Congress : इसके अलावा पार्टी ने राज्य में 11 उपाध्यक्ष, 35 महासचिव, 82 सचिव की भी नियुक्ति की है। इसके आलवा राज्य में एक नई कार्यकारिणी की भी नियुक्ति की गई है। कार्यकारिणी में शामिल होने वालों में आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, अजॉय कुमार, प्रणव झा और गौरव वल्लभ जैसे नाम हैं।
झारखंड प्रदेश में बड़े बदलाव को लेकर केंद्रीय नेतृत्व मंथन कर रहा है। अध्यक्ष पद को लेकर लॉबिंग फिर तेज हो गयी है। अध्यक्ष पद की दौड़ में प्रदेश के कई दिग्गज नेता शामिल हैं। इस रेस में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, डॉ अजय कुमार, गीता कोड़ा, बंधु तिर्की सहित कई नाम की चर्चा तेज है। कांग्रेस झारखंड में अध्यक्ष पद के लिए आदिवासी कार्ड खेल सकती है। ऐसे में बंधु तिर्की और गीता कोड़ा की चर्चा तेज है।
इस फैसले को बदलने के बाद केंद्रीय नेतृत्व को लेकर भी चर्चा हुई कि यह फैसला किस आधार पर लिया गया। फैसला दोबारा लिया गया तो कांग्रेस के पहले के फैसले पर काफी सवाल खड़े हुए। केसी वेणुगोपाल के निर्देश पर सूची दोबारा बदली गयी। इसमें दलित और अल्पसंख्यक के दो-दो नेताओं को भी शामिल किया गया। कांग्रेस महिला नेताओं को ज्यादा महत्व दे रही है। ऐसे में गीता कोड़ा के नाम की चर्चा तेज है। कई दूसरे नेता भी इस दौड़ में शामिल है।
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