jharkhand drug check: ड्रग्स के उत्पादन, वितरण पर रखें कड़ी नजरः मुख्य सचिव
jharkhand drug check: लाइसेंसधारी दवा दुकानों की सूची गृह सचिव को उपलब्ध कराने का आदेश, ड्रग्स के उत्पादन, वितरण और उपभोग पर रखें कड़ी नजरः मुख्य सचिव
नार्को को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) की पांचवीं राज्यस्तरीय समिति की बैठक
मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी की अध्यक्षता में मंगलवार को नार्को को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) की पांचवीं राज्यस्तरीय समिति की बैठक हुई। बैठक में गृह विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल, डीजीपी श्री अनुराग गुप्ता, समाज कल्याण सचिव श्री मनोज कुमार, उत्पाद सचिव श्री अमिताभ कौशल, स्कूली शिक्षा सचिव श्री उमाकांत सिंह समेत अन्य विभागों के वरीय अधिकारी मौजूद थे। वहीं संबंधित जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक वर्चुवल माध्यम से जुड़े थे। बैठक में मुख्य सचिव ने ड्रग्स के उत्पादन, वितरण और उपभोग पर कड़ी नजर रखने का निर्देश उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को दिया है। साथ ही नशे के अवैध कारोबार से जुड़े तत्वों पर त्वरित और सख्त कार्रवाई करने को कहा। इस मसले से जुड़े सभी संबंधित विभागों को ड्रग्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ जन जागरूकता अभियान को और गति देने पर भी बल दिया। दवा की दुकानों से नशीली दवाईयां तथा सीरप की बिक्री से जुड़े मसले पर उन्होंने चिंता जताते हुए इसके नेटवर्क को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया। वहीं लाइसेंसधारी दवा दुकानों की सूची गृह सचिव को उपलब्ध कराने का आदेश दिया, ताकि गैर लाइसेंसी दवा दुकानों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
2023-24 की तुलना में 2024-25 में छहगुना अधिक पोस्ते की फसल की गई नष्ट
बैठक में बताया गया कि 2024-25 में लगातार अभियान चलाकर पोस्ते की खेती के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उसका परिणाम यह है कि 2023-24 में जहां 4860 एकड़ में लगी पोस्ते की फसल नष्ट की गई थी, वहीं 2024-25 में 27015 एकड़ में लगी फसल का विनष्टीकरण किया गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में छहगुना है। उसी तरह मादक पदार्थों के खिलाफ 2023 में 529 केस दर्ज किये गये थे और 773 गिरफ्तारियां हुईं थीं। 2024 में दर्ज मामलों की संख्या जहां 803 रहीं, वहीं गिरफ्तारियां भी 1062 की गईं।
jharkhand drug check: नशे के अवैध धंधे पर नकेल कसने वाले किये जा रहे प्रशिक्षित
jharkhand drug check: नशे के अवैध धंधे पर नकेल कसने के लिए सभी प्रवर्तन एजेंसियों के लोगों को लगातार प्रशिक्षित किया जा रहा है। स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के सहयोग से राज्य के पुलिस पदाधिकारियों को एनडीपीएस एक्ट के महत्वपूर्ण विषयों के संबंध में प्रशिक्षित किया गया है और यह प्रक्रिया लगातार जारी है। साथ ही अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय, होटवार, रांची में भी प्रशिक्षण लगातार जारी है। इसमें वन विभाग के कर्मियों को भी जोड़ने का निर्देश दिया गया है। वहीं एनसीबी और राज्य पुलिस को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया( एसओपी) भी निर्धारित की गयी है।
jharkhand drug check: जब्त मादक पदार्थों का निपटाव सुनिश्चित करें
jharkhand drug check: बैठक में जब्त मादक पदार्थों के निपटाव सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। कतिपय जिला द्वारा इस कार्य में पीछे रहने की बात को गंभीरता से लेते हुए तय समयसीमा में उसके निपटाव का निर्देश दिया गया। वहीं जब्त मादक पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए यथाशीघ्र जिलों में मालखाना निर्माण पर भी बल दिया गया। कुछ जिले में जमीन या निर्मित स्थान अभी तक नहीं मिलने की सूचना पर संबंधित जिला के उपायुक्तों को रुचि लेकर इसका निदान करने का निर्देश दिया गया।
jharkhand drug check: मानस पोर्टल पर दें सूचना, पायें ईनाम
अवैध मादक पदार्थों के उत्पादन, वितरण और उपभोग पर नियंत्रण के लिए जहां जन जागरूकता पर फोकस किया जा रहा है, वहीं इससे जुड़ी सूचना देने के लिए आम लोगों को भी जोड़ने पर बल दिया गया है। इसके लिए जुलाई 2024 में मानस (MANAS) पोर्टल लांच किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अवैध मादक पदार्थों के उत्पादन, वितरण और उपभोग की सूचना दे सकता है। सूचनादाता की पहचान पूर्णतः गुप्त रहती है। वहीं सत्यापन के बाद सूचना सच होती है, तो सूचनादाता को ईनाम की राशि भी मिलती है। एनसीबी द्वारा बताया गया कि पूरे देश में अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 60 हजार सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। रांची में 70 सूचनाएं इस पोर्टल के माध्यम से मिली हैं।
jharkhand drug check: मादक पदार्थों की जांच के लिए खरीदें किट
jharkhand drug check: बैठक के दौरान ही संबंधित जिले के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को मादक पदार्थों की जांच में काम आनेवाली किट की खरीदारी 15 दिन के भीतर करने का निर्देश दिया गया। बताया गया कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो द्वारा प्राप्त डीडी किट, प्रेकर्सर किट, केटामाइन किट जिलों को आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराया गया था। बताते चले कि मादक पदार्थों की जांच से संबंधित एफएसएल की रिपोर्ट मिलने में कुछ समय लगता है, लेकिन प्राथमिक तौर पर किट के द्वारा जांच कर न्यायालय को रिपोर्ट सुपुर्द कर देने से न्यायायिक कार्यवाही बाधित नहीं होती। इसके अलावा बैठक के दौरान अवैध मादक पदार्थों से जुड़े मामले की सुनवाई के लिए जिलों में स्पेशल कोर्ट का गठन, वित्तीय अनुसंधान आदि पर भी चर्चा की गई।
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