jharkhand education : झारखंड विधानसभा में आज यानी गुरुवार को झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक पेश होगा। इस विधेयक का उद्देश्य परीक्षाओं में होने वाले नकल को रोकना है। कानून बनने के बाद यह विधेयक पूरे राज्य में लागू होगा। राज्य लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, भर्ती समितियों द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं, राज्य सरकार के लोक उपक्रमों द्वारा आयोजित परीक्षा के अलावा निगम और निकायों द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा पर यह लागू होगा।
इस विधेयक में परीक्षार्थियों के अलावा परीक्षा की प्रक्रिया में शामिल होने वाली एजेंसियों, सरकारी कर्मचारियों द्वारा प्रश्न पत्र लीक करने या परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाली जानकारी को सार्वजनिक करने को दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके अलावा परीक्षा ड्यूटी में शामिल कर्मचारियों, उनके पारिवारिक सदस्यों या रिश्तेदारों को धमकी देने और परीक्षा के संबंध में गलत सूचना प्रचारित करने व अफवाह फैलाने को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
जानिए बिल में क्या है प्रावधान जिस पर मचा है बवाल
jharkhand education : परीक्षाओं में नकल और प्रश्न पत्र लीक को रोकने के लिए हेमंत सरकार ने झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 लाया है। इस बिल के जरिए जहां सरकार ने कठोर कानून बनाकर परीक्षा में नकल रोकने कि कवायद की है। वहीं, दूसरी ओर इस बिल के प्रावधान को लेकर सवाल उठने लगे हैं। 17 पेज के इस बिल में जो प्रावधान किए गए हैं उसमें परीक्षा के दौरान थोड़ी सी भी नकल करते विद्यार्थी पाए गए तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा।
यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगिता परीक्षा में नकल करते हुए या किसी अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए पाया जाता है तो उसे 3 वर्ष तक की कारावास हो सकती है। ऐसे मामलों में 5 लाख से कम जुर्माना नहीं होगा। जुर्माना नहीं देने पर परीक्षार्थी को 9 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। इसके अलावा यदि वह परीक्षार्थी फिर दूसरी बार किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षा में नकल करते हुए या किसी अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए पकड़ा जाता है तो इसकी सजा की अवधि कम से कम 7 वर्ष की होगी और ऐसे में जुर्माना की राशि 10 लाख रुपए से कम नहीं होगा।
आजीवन कारावास तक की सजा
jharkhand education : यदि जुर्माना की राशि परीक्षार्थी नहीं देता है तो 30 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा होगी। इसी तरह बिल में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिसमें परीक्षार्थियों को आजीवन कारावास से लेकर एक करोड़ तक का अर्थदंड की सजा भी भुगतनी होगी वहीं प्रतियोगिता परीक्षा से आजीवन उन्हें वंचित होना पड़ेगा।
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