jharkhand flood: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा झारखंड में बाढ़ से निपटने के लिए 21 दिसम्बर को किया जाएगा मॉक ड्रिल
टेबल टॉप एक्सरसाइज में मॉक ड्रिल से पहले की तैयारियों की ली गई जानकारी
झारखंड में आपदा प्रबंधन की कार्यप्रणाली की समीक्षा
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार के प्रतिनिधि ब्रिगेडियर श्री बीरेन्द्र ठाकर ने झारखंड में बाढ़ एवम् अन्य संभावित आपदाओं से निपटने में आपदा प्रबंधन की कार्यप्रणाली की ली जानकारी
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार के ब्रिगेडियर श्री बीरेन्द्र ठाकर की अध्यक्षता में झारखंड में बाढ़ से निपटने के लिए झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं सभी संबंधित विभागों की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि झारखंड में यदि बाढ़ आती है तो हम लोगों को रेस्क्यू कैसे करेंगे , उनके जान माल की सुरक्षा कैसे करेंगे,इसकी तैयारी पुख़्ता रखनी है। हर एक जान क़ीमती है और हर एक जान बचाने के लिए हमें अपनी तैयारी मज़बूत रखनी है और सभी संबंधित विभागों को आपस में समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करना है।झारखंड में बाढ़ से निपटने के लिए एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा , इसी से संबंधित आपदा प्रबंधन प्रभाग की एक टेबल टॉप एक्सरसाइज मंगलवार को धुर्वा स्थित आपदा प्रबंधन प्रभाग के सभागार में की गई।इस अवसर पर सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी एवं ज़िलों के पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।
jharkhand flood:आईआरएस(इंसिडेंट रिस्पान्स सिस्टम) को करें नोटिफाई
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार के ब्रिगेडियर श्री बीरेन्द्र ठाकर ने कहा कि बाढ़ एवम् अन्य आपदाओं के समय सभी संबंधित विभागों एवम् पदाधिकारियों को अपने रोल एवम् रेस्पोंसिबिलिटी की जानकारी होनी चाहिए। आपदा के समय सभी विभाग एकजुट होकर कार्य करेंगे तभी इसका परिणाम निकल कर सामने आयेगा। उन्होंने आपदा प्रबंधन के पदाधिकारियों को आईआरएस मोड्यूल को झारखंड में नोटिफाई करने का सुझाव दिया। इससे हर एक विभाग व पदाधिकारियों को अपना रोल एवम् रेस्पोंसिबिलिटी पता होगी तो आपदा के समय रेस्क्यू करना आसान होगा। उन्होंने कहा कि आईआरएस सिस्टम में बाढ़ एवं अन्य आपदा के समय अलग अलग सिचुएशन और उसके निपटान के बारे में विस्तार से बताया गया है।
21 दिसम्बर को बाढ़ से निपटने के लिए किया जाएगा मॉक ड्रिल
jharkhand flood: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार एवं झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 21 दिसंबर को धुर्वा डैम में बाढ़ से निपटने के लिए मॉक ड्रिल किया जाएगा। इसी से संबंधित झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं सभी संबंधित विभागों की तैयारियों की जानकारी ली गई।
jharkhand flood: माइनिंग दुर्घटना पर एनडीएमए ले संज्ञान
आपदा प्रबंधन विभाग के उप सचिव श्री राजेश कुमार ने झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर विस्तार से प्रकाश डाला।उन्होंने झारखंड की स्थानीय आपदाओं को चिन्हित किया। भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया।बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इसके पूर्व की तैयारियों एवम् बाढ़ आने पर इसके बचाओ के साथ रेस्क्यू , रिलीफ और रेहबिलिटेशन पर ज़ोर दिया जाना चाहिए ताकि लोगों को समय रहते रेस्क्यू किया जा सके, रेस्क्यू किए गए लोगों को रिलीफ़ पहुँचायी जा सके साथ ही साथ उनका रेहबिलिटेशन भी हो सके । इसी उद्देश्य के साथ हमें काम करना है।
उन्होंने झारखंड में वज्रपात से होने जान माल के नुक़सान ,माइनिंग एरिया ख़ास कर धनबाद के झरिया में होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में अवगत कराया।
सभी संबंधित विभागों एवं सभी ज़िलों ने बाढ़ एवं अन्य आपदा से निपटने के लिए अपनी तैयारियों की दी जानकारी
इस अवसर पर सभी संबंधित विभागों एवं सभी ज़िलों ने बाढ़ एवं आपदा से निपटने के लिए अपनी तैयारियों की जानकारी दी। राँची ज़िला के क़ार्यपालक दंडाधिकारी श्री संजय कुमार ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से राँची ज़िला में बाढ़ एवं अन्य आपदाओं की संभावनाओं एवं आपदा प्रबंधन पर प्रकाश डाला।जल संसाधन विभाग, नगर विकास विभाग , स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के पदाधिकारियों ने बाढ़ से निपटने के लिए अपने विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
टेबल टॉप एक्सरसाइज़ का मुख्य उद्देश्य इंटीग्रेटेड एफर्ट को और अधिक सुदृढ़ करना है ताकि आपदा के पूर्व एवम् बाद की सारी तैयारियों की मदद से लोगों तक रिलीफ पहुँचाई जा सके।बाढ़ से प्रभावित लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएँ , खाने के पैकेट्स, दवाइयाँ, स्वच्छ पीने का पानी आदि सुविधाएँ पहुँचाने में सेना की टीम,स्वास्थ्य विभाग, एयरपोर्ट विभाग द्वारा हेलीकॉप्टर सुविधा ,जल संसाधन विभाग, संचार सेवाएँ आदि साथ मिलकर कैसे काम करें इसकी तैयारियों की समीक्षा की गई।
वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार के सीनियर प्रतिनिधि श्री सैयद अता हसनैन ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर आपदा प्रबंधन प्रभाग परिसर में एनडीआरएफ़ की टीम द्वारा एक प्रदर्शनी लगाई थी ,जिसने रेस्क्यू के समय उपयोग होने वाले साधन, वाहन, उपकरण की प्रदर्शनी की गई थी।
jharkhand flood: इस अवसर पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के उपनिदेशक, श्री ललित इंदवार,
केंद्रीय जल आयोग के निदेशक श्री प्रमोद नारायण ,राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के सेकंड इन कमांड श्री हरविंदर सिंह,रेलवे डिवीज़न से श्री मनीष कुमार,आर्मी मेडिकल मेजर रूही इशा,परिवहन विभाग से श्री राज किशोर कुमार,सब ऑफिसर जीतेन्द्र तिवारी,मौसम केंद्र रांची से श्री अभिषेक आनन्द,NDRF से श्री जितेश कुमार
उपनिदेशक SKIPA, श्रीमती सुमन पाठक सहित संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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