Jharkhand foundation day: झारखंड स्थापना दिवस
झारखंड भारत के 28वें राज्य के रूप में 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया। इस दिन को झारखंड स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
झारखंड का गठन बिहार के 18 जिलों को मिलाकर किया गया था। इन जिलों में बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हजारीबाग, जामताड़ा, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, रांची, रामगढ़, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा, सिंहभूम, और पूर्वी सिंहभूम शामिल हैं।
Jharkhand foundation day: झारखंड का क्षेत्रफल 79,714 वर्ग किलोमीटर है और इसकी जनसंख्या लगभग 3 करोड़ है। झारखंड की राजधानी रांची है।
झारखंड का नाम इसके आदिवासी समुदायों के नाम पर रखा गया है। “झार” का अर्थ है “झाड़ी” और “खंड” का अर्थ है “खंड”। इसलिए, झारखंड का अर्थ है “झाड़ियों का खंड”।
झारखंड एक समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों वाला राज्य है। इसमें कोयला, लोहा, तांबा, और अन्य खनिजों के विशाल भंडार हैं। झारखंड में वन भी बहुत हैं।
झारखंड एक युवा राज्य है और इसमें बहुत संभावनाएं हैं। राज्य सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है।
Jharkhand foundation day: झारखंड स्थापना दिवस एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिन है। यह दिन झारखंड के लोगों के लिए गौरव और उत्साह का दिन है।
झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिताएं, और अन्य कार्यक्रम शामिल होते हैं।
झारखंड स्थापना दिवस राज्य के लोगों के लिए एक नई शुरुआत का दिन है। यह दिन एक नए राज्य के निर्माण का दिन है जो अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करते हुए विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है।
pm modi jharkhand visit: प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड का दौरा किया
pm modi jharkhand visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 और 15 नवंबर को झारखंड का दौरा किया। यह दौरा झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान रांची में एक रोड शो किया। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु गांव का भी दौरा किया। उन्होंने वहां भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री मोदी ने खूंटी में एक सभा को भी संबोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर झारखंड के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार झारखंड के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड के लोगों को उनकी गर्मजोशी और सत्कार के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि झारखंड की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं से वह बहुत प्रभावित हुए हैं।
pm modi jharkhand visit: प्रधानमंत्री मोदी का झारखंड दौरा राज्य के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था। यह दौरा यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार झारखंड के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री मोदी के झारखंड दौरे के दौरान किए गए प्रमुख घोषणाएं:
- प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज के तहत राज्य में विकास के लिए विभिन्न परियोजनाओं को शुरू किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड में एक नए एम्स की स्थापना की घोषणा की। यह एम्स राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने में मदद करेगा।
- प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड में एक नए रेलवे लाइन की स्थापना की घोषणा की। यह रेलवे लाइन राज्य में परिवहन सुविधाओं को बढ़ाने में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी के झारखंड दौरे के मुख्य उद्देश्य:
- झारखंड के विकास के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराना
- राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को समझना
- झारखंड के विकास के लिए नई पहलों की घोषणा करना
pm modi jharkhand visit: प्रधानमंत्री मोदी का झारखंड दौरा राज्य के लोगों के लिए एक सफलता रही है। इस दौरे से झारखंड के विकास को गति मिलेगी और राज्य के लोग एक बेहतर भविष्य की ओर आगे बढ़ेंगे।
jharkhand cultural heritage: झारखंड के बारे में
jharkhand cultural heritage: झारखंड भारत का 28वां राज्य है। यह राज्य 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया था। झारखंड का क्षेत्रफल 79,714 वर्ग किलोमीटर है और इसकी जनसंख्या लगभग 3 करोड़ है। झारखंड की राजधानी रांची है। झारखंड में 24 जिले हैं। झारखंड भारत का एक समृद्ध राज्य है। इसमें कोयला, लोहा, तांबा, और अन्य खनिजों के विशाल भंडार हैं। झारखंड में वन भी बहुत हैं। झारखंड की संस्कृति और परंपराएं बहुत समृद्ध हैं। झारखंड के लोग बहुत मेहनती और ईमानदार हैं। झारखंड का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।
झारखंड की सांस्कृतिक विरासत
झारखंड एक पूर्वी भारतीय राज्य है जो अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत के लिए जाना जाता है। राज्य में अनेक आदिवासी समुदाय रहते हैं जो अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखते हैं। झारखंड की सांस्कृतिक विरासत में लोक कला, शिल्प, संगीत, नृत्य और त्योहार शामिल हैं।
लोक कला
झारखंड की लोक कला में विभिन्न प्रकार की कलाएँ शामिल हैं जैसे कि मधुबनी चित्रकारी, सोहराई चित्रकारी और वारली चित्रकारी। इन पेंटिंग्स में रंगीन ज्यामितीय आकृतियों और प्राकृतिक तत्वों का उपयोग किया जाता है। झारखंड की लोक कला में मिट्टी के बर्तन, मूर्तियाँ और हस्तशिल्प भी शामिल हैं।
शिल्प
झारखंड के शिल्पकारों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प में से कुछ में शामिल हैं:
- डोकर कला: यह एक पारंपरिक आदिवासी बुनाई शिल्प है जिसमें रंगीन धागों का उपयोग कर विभिन्न प्रकार की डिज़ाइन बनाई जाती हैं।
- सोरा कला: यह एक प्रकार की मिट्टी के बर्तन बनाने की शिल्प है जिसमें मिट्टी को हाथ से आकार दिया जाता है और फिर उस पर विभिन्न प्रकार के डिज़ाइन उकेरे जाते हैं।
- लाख की चूड़ियाँ: झारखंड में लाख की चूड़ियाँ बहुत लोकप्रिय हैं। ये चूड़ियाँ रंगीन और आकर्षक होती हैं और इनमें विभिन्न प्रकार के डिज़ाइन होते हैं।
संगीत और नृत्य
झारखंड का संगीत और नृत्य इसकी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। राज्य में अनेक प्रकार के पारंपरिक संगीत और नृत्य मौजूद हैं जो विभिन्न आदिवासी समुदायों द्वारा किए जाते हैं। कुछ लोकप्रिय संगीत और नृत्य रूपों में शामिल हैं:
- कारो: यह एक पारंपरिक आदिवासी गीत है जो खेती के समय गाया जाता है।
- छाउ: यह एक प्रकार का मुखौटा नृत्य है जो भगवान शिव की पूजा के दौरान किया जाता है।
- पाख: यह एक प्रकार का सामूहिक नृत्य है जो महिलाओं द्वारा किया जाता है।
त्योहार
झारखंड में कई प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं जो विभिन्न आदिवासी समुदायों द्वारा मनाए जाते हैं। कुछ लोकप्रिय त्योहारों में शामिल हैं:
- सरहुल: यह झारखंड का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है जो फसल की कटाई के समय मनाया जाता है।
- सोहराई: यह एक चित्रकारी त्योहार है जो नए साल के अवसर पर मनाया जाता है।
- कारमा: यह एक कृषि त्योहार है जो भगवान कर्मा की पूजा के दौरान मनाया जाता है।
jharkhand cultural heritage: झारखंड की सांस्कृतिक विरासत एक अनूठा और रंगीन मिश्रण है जो राज्य के इतिहास और परंपराओं को दर्शाती है। यह विरासत झारखंड के लोगों के लिए एक गौरव का स्रोत है और इसे संरक्षित करना बहुत जरूरी है।
झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा कई पहल शुरू की गई हैं जैसे कि लोक कला और शिल्पकारों को बढ़ावा देना, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए संग्रहालयों और पुस्तकालयों की स्थापना करना।
jharkhand cultural heritage: झारखंड की सांस्कृतिक विरासत राज्य के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह विरासत राज्य के लोगों को पहचान देती है और उन्हें एक सांस्कृतिक आधार प्रदान करती है।
minerals of jharkhand: झारखंड के खनिज
minerals of jharkhand: झारखंड भारत का एक पूर्वी राज्य है जो अपनी समृद्ध खनिज संपदा के लिए जाना जाता है। राज्य में कोयला, लोहा, तांबा, चूना पत्थर, अवरक, अभ्रक, सोना, और अन्य खनिजों के विशाल भंडार हैं। झारखंड में खनिजों का दोहन लगभग 200 वर्षों से किया जा रहा है और यह राज्य की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
खनिजों का महत्व
झारखंड में खनिजों का महत्व कई कारणों से है:
- आर्थिक विकास: खनिजों का दोहन राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। राज्य सरकार को खनिजों के दोहन से रॉयल्टी मिलती है और इस रॉयल्टी का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के विकास सहित विभिन्न कार्यक्रमों को वित्तपोषित करने के लिए किया जाता है।
- रोजगार: खनिज उद्योग झारखंड में रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है। राज्य में लाखों लोगों को खनिज उद्योग में रोजगार मिलता है।
- औद्योगिक विकास: झारखंड में खनिजों की उपलब्धता ने राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया है। राज्य में कई स्टील प्लांट, सीमेंट फैक्ट्रियां, और अन्य उद्योग हैं जो खनिजों पर आधारित हैं।
मुख्य खनिज
झारखंड में पाए जाने वाले कुछ प्रमुख खनिजों में शामिल हैं:
- कोयला: झारखंड में कोयला का विशाल भंडार है। राज्य में भारत का लगभग 25% कोयला उत्पादन होता है।
- लोहा: झारखंड में लोहे का भी बड़ा भंडार है। राज्य में भारत का लगभग 18% लोहा उत्पादन होता है।
- तांबा: झारखंड में तांबे का भी महत्वपूर्ण भंडार है। राज्य में भारत का लगभग 10% तांबा उत्पादन होता है।
- अभ्रक: झारखंड में अभ्रक का भी महत्वपूर्ण भंडार है। राज्य में भारत का लगभग 60% अभ्रक उत्पादन होता है।
- सोना: झारखंड में सोने का भी कुछ भंडार है। हालांकि, सोने का उत्पादन राज्य में अभी तक बहुत बड़े पैमाने पर नहीं किया जा रहा है।
खनिजों के दोहन से जुड़ी चुनौतियां
minerals of jharkhand: झारखंड में खनिजों के दोहन से जुड़ी कई चुनौतियां हैं जैसे कि:
- पर्यावरणीय क्षति: खनिजों का दोहन पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। खदानों से निकलने वाला कचरा नदियों और जंगलों को प्रदूषित कर सकता है।
- सामुदायिक विस्थापन: खनिजों के दोहन के लिए अक्सर बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होती है। इससे स्थानीय लोगों का विस्थापन हो सकता है और उनके पारंपरिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- अवैध खनन: झारखंड में अवैध खनन एक बड़ी समस्या है। अवैध खनन से पर्यावरण को नुकसान होता है और राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान होता है।
खनिजों का दोहन कैसे टिकाऊ बनाया जा सकता है?
minerals of jharkhand: झारखंड में खनिजों के दोहन को टिकाऊ बनाने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं जैसे कि:
- पर्यावरणीय मानकों का कड़ाई से पालन: खनन कंपनियों को पर्यावरणीय मानकों का कड़ाई से पालन करना चाहिए ताकि पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे।
- समुदायिक भागीदारी: खनिजों के दोहन से प्रभावित समुदायों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए। इससे उनकी चिंताओं को दूर करने में मदद मिलेगी और उन्हें खनिजों के दोहन से लाभ मिलने का सुनिश्चित होगा।
- अवैध खनन पर रोक
jharkhand agriculture: झारखंड कृषि
jharkhand agriculture: झारखंड का कृषि क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्य में लगभग 60% लोग कृषि पर निर्भर हैं। झारखंड में धान, गेहूँ, मक्का, सब्जियां और दलहन जैसी फसलें उगाई जाती हैं। राज्य में मछली पालन और पशुपालन भी महत्वपूर्ण व्यवसाय हैं।
झारखंड कृषि की चुनौतियां
झारखंड कृषि को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि:
- अनियमित वर्षा: झारखंड में वर्षा अनियमित होती है और इससे फसल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- बंजर भूमि: झारखंड में बंजर भूमि का बड़ा क्षेत्रफल है। इससे फसल उत्पादन की क्षमता कम हो जाती है।
- किसानों की कमजोर स्थिति: झारखंड के अधिकांश किसान छोटे और सीमांत हैं। उनके पास सिंचाई की सुविधाओं और कृषि उपकरणों की कमी है।
- अवैज्ञानिक कृषि प्रथाओं: झारखंड के किसान अभी भी पारंपरिक और अवैज्ञानिक कृषि प्रथाओं का उपयोग कर रहे हैं। इससे फसल उत्पादन में वृद्धि नहीं हो पा रही है।
झारखंड कृषि के सुधार के लिए किए जा रहे प्रयास
झारखंड सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कई प्रयास कर रही है जैसे कि:
- सिंचाई सुविधाओं का विकास: सरकार सिंचाई सुविधाओं के विकास पर जोर दे रही है ताकि किसानों को सूखे से बचाया जा सके।
- किसानों को सब्सिडी: सरकार किसानों को कृषि उपकरणों, बीजों और उर्वरकों पर सब्सिडी दे रही है।
- कृषि प्रशिक्षण: सरकार किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण दे रही है।
- फसल बीमा: सरकार फसल बीमा योजनाओं को बढ़ावा दे रही है ताकि किसानों को फसल क्षति होने पर आर्थिक सहायता मिल सके।
इन प्रयासों से झारखंड कृषि में सुधार होने की उम्मीद है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और राज्य की खाद्यान्न सुरक्षा मजबूत होगी।
झारखंड कृषि का भविष्य
jharkhand agriculture: झारखंड कृषि में बहुत संभावनाएं हैं। राज्य में कृषि योग्य भूमि का बड़ा क्षेत्रफल है और जलवायु कृषि के लिए अनुकूल है। अगर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सफलतापूर्वक लागू किया जाता है तो झारखंड कृषि क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति आ सकती है। इससे राज्य के किसानों की आय में वृद्धि होगी और राज्य की खाद्यान्न सुरक्षा मजबूत होगी।
कृषि क्षेत्र के विकास के लिए सरकार और किसानों को मिलकर काम करना होगा। सरकार को कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, किसानों को सब्सिडी और अनुदान देने और किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। किसानों को भी नई तकनीकों को अपनाने और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए।
jharkhand agriculture: झारखंड कृषि क्षेत्र में एक उज्ज्वल भविष्य है। अगर सरकार और किसान मिलकर काम करेंगे तो झारखंड को एक कृषि प्रधान राज्य बनाया जा सकता है।
devlopment challenges jharkhand: झारखंड के विकास में चुनौतियां
devlopment challenges jharkhand: झारखंड भारत का एक पूर्वी राज्य है जो अपनी समृद्ध खनिज संपदा और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। हालांकि, राज्य को कई विकासात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो राज्य के समग्र विकास में बाधा डाल रहे हैं।
बुनियादी ढांचे की कमी
झारखंड में बुनियादी ढांचे की कमी एक प्रमुख चुनौती है। राज्य में सड़कों, पुलों, बिजली और पेयजल की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। इससे राज्य के आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है।
शिक्षा और स्वास्थ्य का निम्न स्तर
झारखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य का स्तर बहुत निम्न है। राज्य में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों की कमी है और जो विद्यालय हैं वे भी अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान नहीं कर पा रहे हैं। राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की भी कमी है और जो स्वास्थ्य केंद्र हैं वे भी पर्याप्त दवाओं और उपकरणों से सुसज्जित नहीं हैं।
बेरोजगारी की उच्च दर
झारखंड में बेरोजगारी की दर बहुत अधिक है। राज्य में युवाओं में बेरोजगारी की दर विशेष रूप से अधिक है। यह मुख्य रूप से शिक्षा और कौशल विकास की कमी के कारण है।
गरीबी
झारखंड में गरीबी एक बड़ी समस्या है। राज्य में लगभग 40% लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं। यह मुख्य रूप से शिक्षा और रोजगार के अवसरों की कमी के कारण है।
खनिज संसाधनों का दोहन
झारखंड में खनिज संसाधनों का दोहन एक बड़ी चुनौती है। राज्य में खनिजों का दोहन कई बार पर्यावरण मानकों का उल्लंघन करते हुए किया जाता है। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है और स्थानीय लोगों का जीवन प्रभावित होता है।
आदिवासी समुदायों का विकास
झारखंड में कई आदिवासी समुदाय रहते हैं। इन समुदायों का विकास राज्य के समग्र विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि, इन समुदायों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों की कमी जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
इन चुनौतियों को दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है?
devlopment challenges jharkhand: झारखंड के विकास में आने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर काम करना होगा। सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, बुनियादी ढांचे को विकसित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने की आवश्यकता है। निजी क्षेत्र को भी राज्य में निवेश करने और स्थानीय समुदायों के विकास में योगदान करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
devlopment challenges jharkhand: झारखंड एक विकासशील राज्य है जो अपनी समृद्ध खनिज संपदा और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। हालांकि, राज्य को कई विकासात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो राज्य के समग्र विकास में बाधा डाल रहे हैं। इन चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर काम करना होगा। अगर सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम करेंगे तो झारखंड को एक समृद्ध और विकसित राज्य बनाया जा सकता है।
all schemes which help to develp jharkhand: झारखंड में विकास को बढ़ावा देने वाली सरकारी योजनाएं
all schemes which help to develp jharkhand: झारखंड पूर्वी भारत का एक राज्य है जो अपनी समृद्ध खनिज संपदा और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। हालांकि, राज्य को कई विकासात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो राज्य के समग्र विकास में बाधा डाल रहे हैं। इन चुनौतियों से निपटने और राज्य के विकास को गति देने के लिए, झारखंड सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में योजनाएँ
- मुख्यमंत्री सर्व शिक्षा अभियान: इस योजना का उद्देश्य राज्य में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। इस योजना के तहत, सरकार स्कूलों में बुनियादी ढांचे को विकसित कर रही है, शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रही है और बच्चों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें प्रदान कर रही है।
- मुख्यमंत्री आदर्श विद्यालय योजना: इस योजना का उद्देश्य राज्य में उच्च गुणवत्ता वाले विद्यालयों की स्थापना करना है। इस योजना के तहत, सरकार प्रत्येक प्रखंड में एक आदर्श विद्यालय स्थापित करेगी। इन विद्यालयों में बेहतर बुनियादी ढांचा, अनुभवी शिक्षक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी।
- मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक शिक्षा योजना: इस योजना का उद्देश्य राज्य में अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों के लिए शिक्षा की पहुंच को बढ़ाना है। इस योजना के तहत, सरकार अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को छात्रवृत्ति और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में योजनाएँ
- मुख्यमंत्री आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना: इस योजना का उद्देश्य राज्य के गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को सस्ती स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना है। इस योजना के तहत, सरकार गरीब परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान कर रही है।
- मुख्यमंत्री गुरुजी रसोई योजना: इस योजना का उद्देश्य राज्य के गरीब और असहाय लोगों को निःशुल्क भोजन प्रदान करना है। इस योजना के तहत, सरकार राज्य भर में 1000 गुरुजी रसोई खोलेगी, जहां गरीब और असहाय लोगों को निःशुल्क भोजन प्रदान किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री दवा योजना: इस योजना का उद्देश्य राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क दवाएं प्रदान करना है। इस योजना के तहत, सरकार सभी सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
अन्य क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने वाली योजनाएँ
- मुख्यमंत्री ग्राम विकास योजना: इस योजना का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को विकसित करना और ग्रामीण लोगों की आजीविका में सुधार करना है। इस योजना के तहत, सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, पुलों, नालियों और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है। साथ ही, सरकार ग्रामीण लोगों को आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न स्वरोजगार योजनाएं चला रही है।
- मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना: इस योजना का उद्देश्य राज्य के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना और उन्हें रोजगार के लिए तैयार करना है। इस योजना के तहत, सरकार राज्य भर में कई कौशल विकास केंद्र स्थापित करेगी, जहां युवाओं को विभिन्न कौशलों का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री उद्योग प्रोत्साहन योजना: इस योजना का उद्देश्य राज्य में उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। इस योजना के तहत, सरकार उद्योगों को कर सब्सिडी, भूमि अधिग्रहण में सहायता और अन्य सुविधाएं प्रदान कर रही है।
all schemes which help to develp jharkhand: ये कुछ ऐसी योजनाएं हैं जो झारखंड सरकार ने राज्य के विकास को गति देने के लिए शुरू की हैं।
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