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jharkhand intermediate college: झारखंड के स्कूल-इंटर कॉलेजों को वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए ऑनलाइन अनुदान प्रपत्र भरने का समय 10 फरवरी तक है, लेकिन तकनीकी समस्या के कारण अब तक कोई भी स्कूल, कॉलेज यह कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।

jharkhand intermediate college: मुख्य बिंदुएं

  1. ऑनलाइन अनुदान का समय सीमा: झारखंड में स्थित स्कूल और इंटर कॉलेजों को अपने वित्तीय वर्ष के लिए अनुदान प्रपत्र ऑनलाइन भरने का समय 10 फरवरी तक है।
  2. तकनीकी समस्या में देरी: पोर्टल में आई तकनीकी समस्या के कारण अब तक इस क्रिया को पूरा करने में विघ्न है।
  3. इंजीनियर की गैरहाजिरी: पोर्टल की समस्या को ठीक करने के लिए जिम्मेदार इंजीनियर की गैरहाजिरी के कारण समस्या बरकरार है।

ऑनलाइन प्रपत्र भरने की समस्याएं

झारखंड में स्कूल और इंटर कॉलेजों को अपने वित्तीय वर्ष के लिए ऑनलाइन अनुदान प्रपत्र भरने का मौका दिया गया है, लेकिन पोर्टल में आने वाली तकनीकी समस्या के चलते यह क्रिया अब तक संपन्न नहीं हो पा रही है। एक प्राइवेट एजेंसी, जिसे ऑनलाइन कार्रवाई के लिए जिम्मेदार बनाया गया था, ने इस समस्या को हल करने में असमर्थ रही है।

इंजीनियर की गैरहाजिरी का परिणाम

पहले इंजीनियर की गैरहाजिरी के कारण सॉफ्टवेयर की अपडेटिंग नहीं हो पा रही है। इस इंजीनियर को वेतन मिलने के बावजूद, उन्होंने संस्था छोड़ दी है। सॉफ्टवेयर की बनावट उन्होंने की थी, लेकिन उनके छुट्टे जाने के बाद यह अपडेटिंग नहीं हो पा रही है।

समाधान की कोशिशें जारी

jharkhand intermediate college: स्कूली शिक्षा विभाग के पदाधिकारी और जैक के साथ बैठकें जारी हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। इस स्थिति में राज्य के लगभग 600 वित्तरहित संस्थाएं अब तक अनुदान प्रपत्र भरने में विफल हो रही हैं।

jharkhand intermediate college: अनुदान की महत्वपूर्णता

वित्तरहित संस्थानों को अनुदान प्राप्त करने में सतर्कता बरतनी पड़ती है, क्योंकि कोई भी तकनीकी गड़बड़ी के कारण इन्हें अनुदान से वंचित किया जा सकता है। झारखंड वित्तरहित संयुक्त शिक्षा संघर्ष मोर्चा ने यहां तक कहा है कि यदि 25 फरवरी तक तकनीकी समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो सभी संस्थाएं अनुदान ऑनलाइन नहीं करेंगी।

समाप्ति से आगे का सफर

jharkhand intermediate college: अनुदान प्रपत्र भरने के बाद, 15 दिन का समय जिला शिक्षा पदाधिकारी और जैक को दिया जाता है। इसके बाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जैक द्वारा कागजातों की जाँच होती है और अनुदान के लिए संस्था की अनुशंसा की जाती है।

इस पूरी प्रक्रिया में विघ्न होने की चपेट में, स्कूली शिक्षा विभाग के प्रमुख ने आगे की कार्रवाई में सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है। इस समस्या को हल करने के लिए शीघ्रता से कदम उठाया जाएगा ताकि शिक्षा से वंचित सभी संस्थाएं सही समय पर अपना अनुदान प्राप्त कर सकें।

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