jharkhand land scam : ईडी ने भूमि धोखाधड़ी मामले में चार्जशीट दायर दी

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jharkhand land scam : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड भूमि धोखाधड़ी मामले में चार्जशीट दायर कर दी। ईडी ने सोमवार को रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष अपना पहला आरोपपत्र दायर किया। ईडी ने इस मामले में अब तक आईएएस अधिकारी छवि रंजन सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने एक बयान जारी करके कहा कि उसने मामले के संबंध में 74.39 करोड़ रुपये के वाणिज्यिक मूल्य वाले दो भूखंड भी पीएमएलए एक्ट के तहत अस्थायी रूप से कुर्क किये हैं। इनमें से पहला 4.55 एकड़ का एक भूखंड है जो, रांची के बरियातू क्षेत्र में स्थित है। वहीं दूसरी संपत्ति 7.16 एकड़ की है जो रांची बाजरा क्षेत्र में स्थित है।

सेना जमीन घोटाले में ईडी की चार्जशीट

jharkhand land scam : ईडी ने इसी केस में 2011 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी छवि रंजन सहित कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने पहले राज्य समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्य किया है। इस मामले में भू-राजस्व विभाग के एक पूर्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद को भी गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला रांची नगर निगम की एक शिकायत के आधार पर प्रदीप बागची के खिलाफ राज्य पुलिस की ओर से दर्ज एक FIR के बाद सामने आया। ईडी ने कहा कि कथित धोखाधड़ी भूमाफिया रैकेट से संबंधित है, जो झारखंड में सक्रिय है और जो कोलकाता और रांची में विरासत रिकॉर्ड की जालसाजी करता था। एजेंसी का आरोप है कि फर्जी जमीन के रिकॉर्ड के आधार पर इस तरह के भूखंड दूसरे लोगों को बेचे गए।

ईडी ने किए कई खुलासे

jharkhand land scam : ईडी ने कहा कि जांच के हिस्से के रूप में उसके द्वारा कुल 41 छापेमारी और पांच सर्वेक्षण किए गए और उसके अधिकारियों ने भू-राजस्व विभाग की जाली मुहर, भूमि के दस्तावेज, अपराध की आय के वितरण के रिकॉर्ड जब्त किए हैं। उसने कहा कि साथ ही इस कथित जालसाजी को दर्शाने वाली कुछ तस्वीरों के अलावा, सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के सबूत भी मिले हैं। एजेंसी ने कहा कि उसने प्रसाद के खिलाफ मिले सबूतों को झारखंड सरकार के साथ भी साझा किया है और रांची पुलिस ने उसके आधार पर राज्य सरकार के पूर्व कर्मचारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। उसने कहा कि एक फोरेंसिक जांच से रिकॉर्ड में जालसाजी साबित हुई और ईडी के इकट्ठे किए गए सबूतों के आधार पर, रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस, कोलकाता ने हरे स्ट्रीट पुलिस थाना (कोलकाता) में एक प्राथमिकी दर्ज करायी। इसके बाद इस शिकायत को व्यापक जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग केस के साथ जोड़ दिया गया।

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