jharkhand pollution: आयोजित हुआ हैण्ड होल्डिंग कार्यक्रम
jharkhand pollution: झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने अपशिष्ट प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बुधवार को पलाश सभागार में एक विशेष “हैण्ड होल्डिंग-सह-अंतर्वार्ता कार्यक्रम” का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पर्षद के अध्यक्ष श्री शशिकर समान्ता ने की, जो राज्य के अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार लाने के लिए स्टेक होल्डरों के साथ मिलकर काम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य के स्टेक होल्डरों को अपशिष्ट प्रबंधन की गंभीरता से अवगत कराना और इसके लिए जरूरी कदमों को उठाने पर जोर देना था।
jharkhand pollution: ई-वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट और बायोमेडिकल वेस्ट: मुख्य फोकस क्षेत्र
jharkhand pollution: इस कार्यक्रम में अपशिष्ट प्रबंधन के तीन प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया:
- ई-वेस्ट मैनेजमेंट: डिजिटल युग में इलेक्ट्रॉनिक कचरे का निपटान एक गंभीर समस्या है। कार्यक्रम में ई-वेस्ट के प्रभाव और उसके उचित प्रबंधन के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई।
- प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट: प्लास्टिक कचरे का पर्यावरण पर भारी प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक वेस्ट के सही निपटान और पुनर्चक्रण की प्रक्रियाओं पर जोर दिया गया, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके।
- बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट: स्वास्थ्य सेवाओं से उत्पन्न बायोमेडिकल कचरे का प्रबंधन भी अत्यंत आवश्यक है। इस सत्र में बायोमेडिकल कचरे के सही तरीके से निपटान और सुरक्षित प्रबंधन पर विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई।
jharkhand pollution: विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत जानकारी
कार्यक्रम में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के प्रमुख विशेषज्ञों ने अपशिष्ट प्रबंधन के इन तीन प्रमुख क्षेत्रों पर विस्तृत जानकारी दी। इन विशेषज्ञों में प्रमुख रूप से श्री कुमार मणिभूषण (पर्यावरण अभियंता), श्री कुमार गौरव जैन (पर्यावरण अभियंता), श्रीमती प्रतिभा प्रिया (वैज्ञानिक), और श्री नवनीत कुमार (कनीय शोध फेलो, जेआरएफ) शामिल थे।
इन विशेषज्ञों ने अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए आवश्यक नीतियों, तकनीकों और उपायों के बारे में जागरूकता फैलाने का काम किया। प्रत्येक सत्र के बाद, स्टेक होल्डरों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया गया, जिससे दोनों पक्षों के बीच एक उपयोगी संवाद स्थापित हुआ।
स्टेक होल्डरों के सुझाव और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
jharkhand pollution: कार्यक्रम में उपस्थित स्टेक होल्डरों ने अपने अनुभव और विचार साझा किए। पर्षद के विशेषज्ञों ने इन सुझावों पर विचार करते हुए अपशिष्ट प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उन्हें अमल में लाने पर चर्चा की।
विशेषज्ञों ने बताया कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद समय-समय पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता रहा है, ताकि अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति राज्य में जागरूकता बढ़ाई जा सके। इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के नागरिक, उद्यम, और संस्थान अपशिष्ट को सही तरीके से प्रबंधित करें और पर्यावरण को संरक्षित रखने में योगदान दें।
कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन
jharkhand pollution: कार्यक्रम का संचालन झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के पर्यावरण अभियंता श्री आशुतोष ने किया, जिन्होंने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन भी किया। कार्यक्रम का सफल समापन सभी स्टेक होल्डरों और विशेषज्ञों के सक्रिय सहयोग से हुआ।
jharkhand pollution: उपस्थित प्रमुख अधिकारी और विशेषज्ञ
इस विशेष आयोजन में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के कई वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ उपस्थित थे। इनमें विशेष कार्य पदाधिकारी श्री कमलाकान्त पाठक, श्री अशोक कुमार यादव, श्री संजय कुमार श्रीवास्तव (वैज्ञानिक), श्रीमती अमृता मिश्रा, श्री लाल बहादुर चौधरी (लेखा लिपिक), और सहायकों के रूप में श्रीमती रौशनी सिंह, श्री अमित कुमार ठाकुर, तथा श्री राहुल कुमार शामिल थे।
अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने का महत्व
jharkhand pollution: झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा आयोजित यह हैण्ड होल्डिंग-सह-अंतर्वार्ता कार्यक्रम अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति राज्य के लोगों में जागरूकता फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपशिष्ट का सही निपटान न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक है, बल्कि यह हमारे भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य में अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया जाता है और साथ ही, नए और प्रभावी तरीकों को लागू करने पर भी जोर दिया जाता है। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा समय-समय पर आयोजित किए जाने वाले इस प्रकार के कार्यक्रम राज्य के पर्यावरण के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
jharkhand pollution: समापन विचार
jharkhand pollution: झारखंड में अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति बढ़ती जागरूकता से न केवल पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे राज्य के नागरिकों में भी जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी। पर्षद की यह पहल एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम है, जो आने वाले समय में झारखंड को एक स्वच्छ और हरित राज्य बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
इस प्रकार, राज्य में अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति सभी स्टेक होल्डरों को जागरूक करना और उन्हें इसके लिए प्रेरित करना न केवल राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश के पर्यावरणीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
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