jharkhand vidhan sabha : झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए अलग कक्ष आवंटित करने पर खड़ा हुए विवाद के मद्देनजर सात विधायकों की एक सर्वदलीय कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी इस बारे में स्टडी कर रही है कि देश के अलग-अलग राज्यों की विधानसभाओं में इस तरह की व्यवस्था है या नहीं? यह कमेटी आगामी 31 जुलाई तक अपने मंतव्य के साथ स्टडी रिपोर्ट विधानसभा को सौंपा था। यह बात झारखंड विधानसभा की ओर से हाईकोर्ट में दायर शपथ पत्र में बताई गई है। दरअसल इस मामले को लेकर अजय कुमार मोदी नामक शख्स ने जनहित याचिका दाखिल की थी, जिसपर गुरुवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की बेंच ने सुनवाई की।
jharkhand vidhan sabha : इसके पहले बीते 2 मई को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विधानसभा से मौखिक तौर पर यह जानना चाहा था कि यह व्यवस्था किस आधार पर की गई? विधानसभा ने इसपर शपथ पत्र दायर कर अपना पक्ष रखा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 जून को मुकर्रर की है। झारखंड विधानसभा के भवन में अल्पसंख्यकों के लिए नमाज पढ़ने के लिए वर्ष 2021 में कमरा आवंटित किया गया था। इसके लिए बकायदा विधानसभा सचिवालय की ओर से आदेश निकाला गया।
jharkhand vidhan sabha : जिसके बाद राज्य में काफी विवाद खड़ा हुआ था। विपक्षी भाजपा सदस्यों के हंगामे की वजह से विधानसभा की कार्यवाही कई दिनों तक बाधित रही। इसे लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि यह संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत है। धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की प्रस्तावना का हिस्सा है, इसलिए राज्य विधानसभा जैसे भवन में किसी धर्म के लिए इस तरह की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए।
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