Nyay Aakrosh Morcha: झारखंड के राजधानी रांची में आदिवासी संगठनों ने ‘न्याय आक्रोश मार्च’ का आयोजन किया। इस मार्च के माध्यम से उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गिरफ्तार होने और आदिवासी जमीन की लूट के खिलाफ विरोध प्रकट किया। यहां जानिए इस मार्च के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
Nyay Aakrosh Morcha: न्याय आक्रोश मार्च का आयोजन
इस मार्च के तहत विभिन्न आदिवासी संगठनों ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में अपने-अपने तरीके से विरोध-प्रदर्शन किया। यहां आदिवासी समुदाय के लोग नगाड़ा और मांदर जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ प्रदर्शन करते नजर आए।
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर आक्रोश
Nyay Aakrosh Morcha: आदिवासी संगठनों ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठाई। उनका आरोप है कि सोरेन को दुरुपयोग करते हुए गिरफ्तार किया गया है।
Nyay Aakrosh Morcha: महिलाओं का प्रदर्शन
इस मार्च में शामिल महिलाओं ने भी सड़कों पर उतरकर अपने आदिवासी अधिकारों की रक्षा की अपील की। वे ‘जनी शिकार’ की तर्ज पर जेल के फाटक तोड़ने की धमकी दी।
केंद्र सरकार पर आरोप
Nyay Aakrosh Morcha: आदिवासी संगठनों के नेताओं ने केंद्र सरकार पर भी आरोप लगाए कि वह आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ नाराजगी भड़काने की कोशिश कर रही है।
Nyay Aakrosh Morcha: न्याय की मांग
आदिवासी समुदाय के लोगों का मानना है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और उन्हें न्याय मिलना चाहिए। उन्हें हेमंत सोरेन को जल्द रिहा किया जाना चाहिए।
समापन
Nyay Aakrosh Morcha: आदिवासी संगठनों द्वारा आयोजित ‘न्याय आक्रोश मार्च’ में भाग लेने वाले लोगों ने अपनी आवाज को उठाया और अपने अधिकारों की रक्षा की मांग की। यह मार्च सरकार को आदिवासी समुदाय के मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देने का संदेश देता है।
यह भी पढ़ें
2 thoughts on “Nyay Aakrosh Morcha: न्याय आक्रोश मार्च: आदिवासी का आवाज”