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संताल के क्षेत्र में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में मनी लॉन्‍ड्रिंग के तहत अनुसंधान कर रही ईडी ने अब बड़हरवा के तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) वर्तमान में सीटीसी मुसाबनी के डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा को तीसरा समन व रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेल अधीक्षक हामिद अख्तर को समन भेजा है।

डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा को छह मार्च, जबकि जेल अधीक्षक को सात मार्च को ईडी के रांची एयरपोर्ट रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में बुलाया गया है। दोनों पर अलग-अलग मामलों में पूछताछ होनी है।

डीएसपी प्रमोद मिश्रा अब तक पूर्व के दोनों समन पर ईडी कार्यालय नहीं गए थे, अगर इस बार भी वे ईडी के कार्यालय में नहीं जाएंगे तो ईडी उनके विरुद्ध कानूनसम्मत कार्रवाई भी कर सकती है।

वहीं, हामिद अख्तर पूर्व में एक बार ईडी कार्यालय जा चुके हैं, जहां उनसे पूछताछ हुई थी और ईडी ने उनसे जेल का सीसीटीवी फुटेज भी मांगा था, जो अब तक वे उपलब्ध नहीं करा सके।

डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा से ईडी के अधिकारी साहिबगंज के बड़हरवा टोल प्लाजा टेंडर विवाद में मारपीट व धमकी मामले में पूछताछ करेंगे। इस मामले में 22 जून 2020 को प्राथमिकी दर्ज हुई थी।

इस केस में मंत्री आलमगीर आलम, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित कई अन्य आरोपित बने थे। प्राथमिकी दर्ज होने के अगले ही दिन यानी 23 जून को महज 24 घंटे के भीतर कांड के पर्यवेक्षणकर्ता तत्कालीन एसडीपीओ बड़हरवा प्रमोद कुमार मिश्रा ने मंत्री आलमगीर आलम व विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा केा क्लीन चिट दे दी थी।

दरअसल, संताल में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में ईडी इसी बड़हरवा टोल प्लाजा विवाद से संबंधित केस को आधार बनाकर जांच शुरू की थी, यानी ईडी का मूल केस यही था, जिसमें ईडी ने अवैध खनन के बड़े-बड़े खुलासे किए और बरामदगी भी की।

इस मामले में जब कांड के अनुसंधानकर्ता मोहम्मद सरफुद्दीन खान से क्लीन चिट देने के मामले में ईडी ने सवाल किया तो उन्होंने कह दिया कि एसडीपीओ बड़हरवा प्रमोद कुमार मिश्रा ने क्लीन चिट दी थी।

इसके बाद से ही ईडी ने पहले 12 दिसंबर 2022 व फिर 15 दिसंबर 2022 के लिए समन किया, लेकिन दोनों ही समन पर वे नहीं पहुंचे। उनके बचाव में राज्य सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग आ गई थी।

ईडी के विरुद्ध सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की थी, जिसपर ईडी के पक्ष में फैसला आया। ईडी को बुलाने का अधिकार सुरक्षित है।

सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद ईडी ने डीएसपी को तीसरा समन भेज दिया है। ईडी उनसे यह जानने का प्रयास करेगी कि उन्होंने किसके दबाव में उन्होंने तथ्यों को छुपाया और सही तरीके से जांच नहीं की तथा दोनों को क्लीन चिट दे दी।

ईडी ने समन पर रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के अधीक्षक हामिद अख्तर गत पांच दिसंबर को ईडी के रांची एयरपोर्ट रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे थे। वहां उनसे पूछताछ हुई थी।

ईडी ने उनसे जेल का सीसीटीवी फुटेज मांगा था, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। ईडी को सूचना मिली थी कि जेल में रहते हुए मनी लॉन्‍ड्रिंग के गिरफ्तार आरोपित जेल मैनुअल का उल्लंघन कर रहे हैं।

मोबाइल फोन सहित वह सभी सुविधाएं भोग रहे हैं, जो जेल मैनुअल के विरुद्ध है। जेल अधीक्षक ने जब सीसीटीवी फुटेज नहीं दी तो ईडी कोर्ट पहुंची और विशेष अदालत ने भी हामिद अख्तर को सीसीटीवी फुटेज ईडी को सौंपने को कहा था, जिसपर हामिद अख्तर ने ईडी कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी।

इधर, ईडी ने उन्हें फिर समन कर सात मार्च को ईडी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा है। ईडी उनसे सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराने व मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को न्यायिक हिरासत में रिम्स में इलाजरत रहते हुए जेल मैनुअल के विरुद्ध सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के मामले में पूछताछ करेगी।

रिम्स के सीसीटीवी फुटेज में भी पंकज मिश्रा न सिर्फ फोन पर बातचीत करते दिखे, बल्कि वे आम लोगों की तरह एक-दूसरे से मिलना-जुलना भी जारी रखे हुए थे।

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