prayagraj kumbh mela: संगम पर भगदड़, 20 की मौत, पूरी जानकारी

prayagraj kumbh mela
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मंगलवार और बुधवार की रात prayagraj kumbh mela में एक बड़ा हादसा हुआ। संगम तट पर अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए। हादसे के बाद 70 से अधिक एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

“भगदड़ में जान गंवाने वाली गायत्री देवी झारखंड की निवासी थीं। उनकी एक बहन भी लापता हो गई थी।”

prayagraj kumbh mela: कैसे हुआ हादसा?

इस भगदड़ की दो प्रमुख वजहें सामने आई हैं:

  1. अमृत स्नान के कारण पीपा पुल बंद:
    • श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम क्षेत्र में पहुंच चुकी थी।
    • पीपा पुलों को बंद कर दिया गया था, जिससे भीड़ लगातार बढ़ती गई।
  2. एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग नहीं थे:
    • लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे।
    • भीड़ बढ़ने के कारण कई लोग बैरिकेड्स में फंस गए।
    • कुछ श्रद्धालु गिर गए और अफवाह फैल गई, जिससे भगदड़ मच गई।

prayagraj kumbh mela: पीड़ितों की जानकारी

इस घटना में झारखंड के पलामू जिले की गायत्री देवी (60) की भी मौत हो गई। वे अपने पति अमरेश पांडेय के साथ prayagraj kumbh mela में स्नान करने आई थीं।

“गायत्री देवी का एक बेटा सीआरपीएफ में है और वह प्रयागराज में ही तैनात था।”

prayagraj kumbh mela: प्रशासन की कार्रवाई

हादसे के बाद प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए:

  • एनएसजी कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया।
  • संगम नोज क्षेत्र में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई।
  • श्रद्धालुओं को प्रयागराज के बाहर रोक दिया गया।
  • आसपास के जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया।

prayagraj kumbh mela: क्या इसे रोका जा सकता था?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर prayagraj kumbh mela में कुछ ज़रूरी कदम उठाए जाते, तो इस हादसे को रोका जा सकता था:

  • पीपा पुल बंद करने से पहले वैकल्पिक रास्तों की व्यवस्था होनी चाहिए थी।
  • एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए जाने चाहिए थे।
  • श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ानी चाहिए थी।

prayagraj kumbh mela: हादसे के बाद का माहौल

हादसे के बाद पूरे prayagraj kumbh mela क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है। संगम क्षेत्र में मौजूद श्रद्धालुओं में डर और चिंता का माहौल है।

“हम रात में संगम किनारे सो रहे थे, अचानक लोगों के चिल्लाने की आवाज़ आई। मैंने उठकर देखा तो भगदड़ मच चुकी थी।” – प्रत्यक्षदर्शी

prayagraj kumbh mela: क्या होगा आगे?

प्रशासन अब पूरी घटना की जांच कर रहा है। सरकार ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है।

prayagraj kumbh mela: महत्वपूर्ण तथ्य

  • 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि।
  • 50 से अधिक लोग घायल।
  • 70 से ज्यादा एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं।
  • संगम तट पर एनएसजी कमांडो तैनात।
  • अमृत स्नान के कारण पीपा पुल बंद थे।
  • एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग नहीं थे।

निष्कर्ष

hprayagraj kumbh mela में हुई इस भगदड़ ने एक बार फिर दिखाया कि भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा उपायों की कमी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। प्रशासन को चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।

prayagraj kumbh mela: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

1. prayagraj kumbh mela में भगदड़ कैसे हुई?
भगदड़ अमृत स्नान के दौरान पीपा पुलों के बंद होने और भीड़ बढ़ने के कारण हुई।

2. prayagraj kumbh mela हादसे में कितने लोग मारे गए?
अब तक 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।

3. prayagraj kumbh mela में प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
प्रशासन ने संगम नोज क्षेत्र में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी और श्रद्धालुओं को प्रयागराज के बाहर रोक दिया है।

4. क्या prayagraj kumbh mela हादसा रोका जा सकता था?
हाँ, अगर सही भीड़ नियंत्रण उपाय किए जाते तो यह हादसा टल सकता था।

5. prayagraj kumbh mela में भगदड़ से बचने के लिए क्या किया जाना चाहिए?
सुरक्षा के लिए अलग-अलग एंट्री और एग्जिट गेट बनाए जाने चाहिए और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती होनी चाहिए।

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