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sahayak police: सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज

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sahayak police: झारखंड में अपनी सेवा नियमितीकरण और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों ने शुक्रवार को सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए सीएम आवास का घेराव कर दिया। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया। इस झड़प में कई अनुबंधित सहायक पुलिसकर्मियों और पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं।

sahayak police: 18 दिनों से चल रहा धरना

सहायक पुलिसकर्मी पिछले 18 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे। उनकी प्रमुख मांगों में सेवा नियमितीकरण और पुलिस की नियुक्तियों में आरक्षण शामिल है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।

डीजीपी के साथ बातचीत विफल

sahayak police: शुक्रवार सुबह राज्य के डीजीपी अजय कुमार ने सहायक पुलिसकर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था। डीजीपी ने उन्हें एक साल का सेवा विस्तार और पुलिस की नियुक्तियों में आरक्षण का आश्वासन दिया था। लेकिन सहायक पुलिसकर्मी अपनी नियुक्ति की मांग पर अड़े रहे और बातचीत विफल होने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का निर्णय लिया।

sahayak police: जेबीकेएसएस का समर्थन

सहायक पुलिसकर्मियों को जयराम महतो के जेबीकेएसएस (झारखंड बेरोजगार कर्मी सहायक संघ) का समर्थन प्राप्त है। जेबीकेएसएस के नेता देवेन्द्र महतो भी इस घेराव में शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई और पुलिस के वाहनों में तोड़फोड़ की गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कुछ सहायक पुलिसकर्मी घायल हो गए।

मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा

sahayak police: मुख्यमंत्री आवास के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और मोरहाबादी जाने वाली कई स्कूल बसों के रास्ते भी बदल दिए गए हैं। एसएसपी चंदन कुमार खुद मौके पर मौजूद हैं और उन्होंने सहायक पुलिसकर्मियों और मीडिया कर्मियों से पीछे हटने का अनुरोध किया है। एसएसपी ने स्पष्ट किया है कि मीडिया कर्मियों को भी पीछे हटना होगा, नहीं तो उन्हें भी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

sahayak police: घेराव के दौरान तोड़फोड़

प्रदर्शनकारियों ने घेराव के दौरान कई पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की। पुलिस के लाठीचार्ज के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। कई सहायक पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए यह कार्रवाई आवश्यक थी।

विरोध प्रदर्शनों का इतिहास

sahayak police: झारखंड में सहायक पुलिसकर्मियों के विरोध प्रदर्शनों का एक लंबा इतिहास रहा है। यह पुलिसकर्मी नियमित सेवा की मांग करते रहे हैं और कई बार उनके विरोध प्रदर्शन हिंसक हो जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ और प्रदर्शनकारियों की मांगें अनसुनी रह गईं।

sahayak police: सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे पर जल्द ही कोई ठोस कदम उठाएगी ताकि सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरा किया जा सके और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।

समाधान की दिशा में प्रयास

सरकार और सहायक पुलिसकर्मियों के बीच बातचीत को पुनः शुरू करना आवश्यक है ताकि इस मुद्दे का समाधान निकल सके। सहायक पुलिसकर्मी अपनी सेवा नियमितीकरण और अन्य मांगों को लेकर दृढ़ हैं और उन्हें सरकार की ओर से ठोस आश्वासन चाहिए।

निष्कर्ष

sahayak police: सीएम आवास घेराव और लाठीचार्ज की इस घटना ने झारखंड में सहायक पुलिसकर्मियों की समस्याओं को फिर से उजागर कर दिया है। यह स्पष्ट है कि सहायक पुलिसकर्मी अपनी मांगों को लेकर गंभीर हैं और सरकार को उनकी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द निकालना होगा। बातचीत और संवाद के माध्यम से ही इस मुद्दे का समाधान संभव है और सभी पक्षों को इसमें सहयोग करना होगा।

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