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Shekhar Kushwaha: बड़गाईं अंचल जमीन घोटाले में गिरफ्तार शेखर कुशवाहा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तीन दिनों की रिमांड पर भेज दिया है। बुधवार शाम लंबी पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी। शेखर कुशवाहा पर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप है।

Shekhar Kushwaha: कोर्ट में पेशी और रिमांड की मांग

गुरुवार को ईडी ने शेखर कुशवाहा को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया, जहां ईडी ने उनकी रिमांड की इजाजत मांगी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने इसका विरोध किया। कोर्ट ने फिलहाल शेखर कुशवाहा को जेल भेज दिया है। गुरुवार रात उन्हें बिरसा मुंडा जेल में बितानी पड़ी। शुक्रवार को एक बार फिर पीएमएलए कोर्ट में पेशी होगी, जहां रिमांड पर फैसला होगा।

Shekhar Kushwaha: 22वें अभियुक्त की गिरफ्तारी

शेखर कुशवाहा इस जमीन घोटाले में गिरफ्तार होने वाले 22वें अभियुक्त हैं। इससे पहले इस मामले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन, झामुमो नेता अंतु तिर्की सहित कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

बड़गाईं अंचल की जमीन खरीद बिक्री में शेखर की भूमिका

Shekhar Kushwaha: ईडी की जांच में पाया गया कि शेखर कुशवाहा बड़गाईं अंचल के गाड़ी मौजा की 4.83 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल थे। फर्जी दस्तावेजों के सहारे इस जमीन की खरीद-बिक्री की गई थी। कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय के तापस घोष, संजीत और हजारीबाग के डीड राइटर इरशाद अख्तर की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद इस जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित जानकारी मिली थी।

Shekhar Kushwaha: फर्जी सेल डीड की तैयारी

Shekhar Kushwaha: जांच में पाया गया कि शेखर कुशवाहा ने सद्दाम हुसैन, अफसर अली और प्रिय रंजन सहाय के साथ मिलकर 1974 की फर्जी सेल डीड तैयार की थी। कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय में रखे मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर तैयार की गई इस सेल डीड का नंबर 3954 था, जिसमें 4.83 एकड़ जमीन शामिल थी। सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, इस जमीन का मालिक तेतरा भोक्ता था, लेकिन दस्तावेजों में जालसाजी कर रमेंद्र घोषाल को जमीन का मालिक बनाया गया। इसके बाद बड़गाईं अंचल के राजस्व कर्मचारी के साथ साजिश रचकर रजिस्टर-2 में रमेंद्र घोषाल का नाम जमीन के मालिक के रूप में दर्ज किया गया।

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