विदेशों में बेहतर तनख्वाह की लालच देकर मजदूरों को अक्सर दलालों के द्वारा झांसे में लेकर विदेशों में भेज दिया जाता है, जहां उनसे कंपनी काम तो करवाती है लेकिन बदले में उन्हें मेहनताना तक नहीं देती।
तजाकिस्तान में फंसे झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिला के रहने वाले 36 कामगारों ने केंद्र और राज्य सरकार से सोशल मीडिया के माध्यम से वतन वापसी की की गुहार लगाई है। तजाकिस्तान में फंसे मजदूरों ने केंद्र और झारखंड सरकार के नाम त्राहिमाम संदेश भेजा है। बता दें यह कोई पहला मौका नहीं है इससे पूर्व झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो और धनबाद के रहने वाले 44 मजदूर तजाकिस्तान में फंसे थे। मजदूरों ने अपने त्राहिमाम संदेश में कहा है कि वे जिस कंपनी में काम कर रहे हैं वहां उन्हें 4 महीने से वेतन तक नहीं दिया गया है पैसे के अभाव में वे लोग दाने-दाने को मोहताज है।
मजदूरों ने बताया है कि उन लोगों को हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ के खरना निवासी एजेंट पंचम महतो के माध्यम से पिछले वर्ष अक्टूबर में ही ट्रांसमिशन लाइन का काम करने तजाकिस्तान गए थे। वहां उन लोगों से कंपनी ने 4 महीने से ज्यादा दिनों तक काम करवाया है पर काम करने के बावजूद कंपनी ने अब तक उन्हें वेतन नहीं दिया है। जिस कारण वे लोग दाने-दाने को मोहताज।
बता दें कि तजाकिस्तान में फंसे झारखंड के 36 कामगारों में 14 कामगार अकेले हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ के रहने वाले हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है इससे पूर्व पिछले वर्ष दिसंबर के महीने में भी तजाकिस्तान में झारखंड के 44 मजदूर फंस गए थे इन्हें भी विष्णुगढ़ के खरना निवासी एजेंट पंचम महतो ने हीं भेजा था। हालांकि उस दौरान केंद्र व राज्य सरकार की पहल के बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित वतन वापसी कराई गई थी।
विदेशों में बेहतर तनख्वाह की लालच देकर मजदूरों को अक्सर दलालों के द्वारा झांसे में लेकर विदेशों में भेज दिया जाता है, जहां उनसे कंपनी काम तो करवाती है लेकिन बदले में उन्हें मेहनताना तक नहीं देती। सरकार को ऐसे मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए बेहतर रोजगार की व्यवस्था करने की आवश्यकता है।
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