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tulsi vivah kab hai: इस वर्ष का तुलसी विवाह – 24 नवंबर को!
tulsi vivah: धार्मिक महत्व
tulsi vivah kab hai: हिन्दू संस्कृति में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। इस पर्व का आयोजन हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को होता है। इस दिन भगवान शालिग्राम और तुलसी माता का विवाह धार्मिक अनुष्ठान के साथ किया जाता है।
tulsi vivah puja vidhi: पूजा विधि
तुलसी विवाह के दिन तुलसी पौधे को विष्णु भगवान (शालिग्राम) की पत्नी तुलसी के रूप में स्थापित करके विवाह संपन्न किया जाता है। पूजा-पाठ करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
tulsi vivah: अनुष्ठान और उपाय
- मंगलाष्टक का पाठ:
इस शुभ दिन, मंगलाष्टक का पाठ करें। यह प्रेम और दांपत्य जीवन में स्थिरता लाता है, और खुशियों को बढ़ाता है। - तुलसी को शृंगार दान:
तुलसी विवाह के दिन सोलह शृंगार सामग्री के साथ तुलसी पौधे को सजाकर पूजन करें। इससे रोमांस में वृद्धि होती है और शादी में आ रही अड़चनें दूर होती हैं। - सुहागन को शृंगार दान:
तुलसी विवाह के दिन शालिग्राम और तुलसी के विवाह में सोलह शृंगार सामग्री को सुहागन को दान करना शुभ है। - घी का दीया जलाना:
तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता के समक्ष घी का दीया जलाना और घर में गंगाजल के साथ तुलसी पत्रों का छिड़काव करना शुभ माना जाता है। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति मिलती है।
tulsi vivah: समाप्ति
tulsi vivah: तुलसी विवाह का यह पावन पर्व हमें धार्मिक और आध्यात्मिक सार्थकता के साथ जोड़ता है। इसे आदित्यतमा सम्मान के साथ आचरण करना चाहिए, ताकि आने वाले वर्ष में जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति बनी रहे।
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