आम बजट में digital banking की शुरुआत की घोषणा :
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में digital banking की शुरुआत की घोषणा की थी आखिर उसकी शुरुआत का वक्त आ पहुंचा है। वित्तमंत्री ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा देश के 75 जिलों में 75 digital banking इकाइयों (डीबीयूएस) की स्थापना की घोषणा की थी। आज यानी 1 नवंबर से डिजिटल करेंसी यानी वर्चुअल करेंसी की शुरुआत होने वाली है। डिजिटल करेंसी वह करेंसी है जो नजर नहीं आयेगी, लेकिन होगी। वर्चुअल वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल आप आसानी से कर पायेंगे। वर्चुअल करेंसी न तो जेब में रखी जा सकेगी, न प्रिंट होगी, लेकिन यह टेक्नोलॉजी के जरिए आपके काम आती रहेगी। चूंकि इसे सरकार रेगुलेट करेगी, इसलिए इसके इस्तेमाल सुरक्षित है।
फिलहाल रिजर्व बैंक ने डिजिटल रुपी के लिए 9 बैंकों का चयन किया है। RBI जो डिजिटल करेंसी इंट्रोड्यूस कर रही है, इसका नाम CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) है। डिजिटल रुपी में फिजिकल नोट वाले सारे फीचर होंगे। अगर आप इसे फिजिकल करेंसी में बदलना चाहेंगे तो यहां उसकी भी सुविधा होगी। अभी तक की योजना के मुताबिक, डिजिटल करेंसी के लिए अलग से बैंक खाता खुलवाने की जरूरत नहीं होगी।
digital banking दिखाई नहीं देगी, सिर्फ काम आयेगी
डिजिटल करेंसी को बैंक अकाउंट में देखा जा सकेगा, वॉलेट में बैलेंस चेक किया जा सकेगा। खबरों के मुताबिक डिजिटल रूपी को दो तरह से लॉन्च किया जाएगा। पहला होलसेल ट्रांजैक्शन यानी बड़े ट्रांजैक्शन के लिए, जिसकी शुरुआत आज हो रही है। दूसरा रिटेल में आम पब्लिक के लिए होगा। इसकी शुरुआत बाद में की जायेगी। धारक इस बात के लिए निश्चिंत रह सकता है कि डिजिटल करेंसी पेपर करेंसी की तरह लीगल टेंडर होगा। किसी को पेमेंट करना चाहेंगे तो पेमेंट कर सकेंगे, किसी के अकाउंट यह ट्रांसफर भी हो जायेगा। CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखेगा और रहेगा।
डिजिटल रुपी की विशेषताएं
- बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम आसान बनायेगा
- चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं
- मोबाइल से ट्रांसफर करना आसान
- नकली करेंसी की समस्या से मुक्ति
- पेपर नोट प्रिटिंग पर होने वाले खर्च में बचत
- डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद हमेशा बनी रहेगी