Jharkhand adivasi diwas 2024: झारखंड की राजधानी रांची स्थित बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान में आयोजित झारखंड आदिवासी महोत्सव 2024 एक अनोखा आयोजन है, जहां संस्कृति, परंपरा और आधुनिकता का अद्वितीय संगम देखने को मिल रहा है। इस महोत्सव में झारखंड की समृद्ध आदिवासी जीवन दर्शन की झलक और अद्भुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ-साथ लोगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।
स्वास्थ्य जांच स्टॉल: मेले में आए लोगों के लिए वरदान
इस महोत्सव के परिसर में जहां एक ओर विभिन्न प्रकार के स्टॉल सजाए गए हैं, वहीं दूसरी ओर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित नि:शुल्क प्राथमिक एवं आकस्मिक चिकित्सा कल्याण अस्पताल द्वारा एक विशेष स्वास्थ्य जांच स्टॉल भी लगाया गया है। इस स्टॉल पर आने वाले लोग नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच करवा रहे हैं और साथ ही उन्हें उचित चिकित्सीय सलाह भी दी जा रही है। दुमका से आए चिकित्सक डॉ. अधीश कुमार ने बताया कि यहां पर स्वास्थ्य जांच के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं, जिनकी जांच के बाद उन्हें आवश्यक परामर्श भी दिया जा रहा है।
Jharkhand adivasi diwas 2024: समृद्ध आदिवासी जीवन की अनूठी झलक
झारखंड आदिवासी महोत्सव 2024 में झारखंड के सात प्रमुख क्षेत्रीय एवं जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति ने इस महोत्सव के समापन समारोह को बेहद भव्य बना दिया। संथाली नृत्य, मुंडारी नृत्य, खरवार नृत्य, कड़सा नृत्य, पंचपरगनियाँ नृत्य, घोड़ा नृत्य और उरांव नृत्य ने महोत्सव में आए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अद्भुत प्रदर्शन के माध्यम से झारखंड की प्रकृति, परंपरा, संस्कृति और इतिहास को एक मंच पर जीवंत कर दिया गया।
स्थानीय विक्रेताओं की खुशी: हर्ष और उल्लास का प्रतीक
Jharkhand adivasi diwas 2024: महोत्सव के दौरान स्थानीय विक्रेताओं की खुशी का भी कोई ठिकाना नहीं है। हवा मिठाई बेचने वाले राजा ने बताया कि महोत्सव के दौरान उनकी बिक्री में इजाफा हुआ है और यह उनके लिए आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हो रहा है। राजा ने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन को हवा मिठाई खिलाने का भी अनुभव साझा किया और महोत्सव के आयोजन के लिए सरकार का धन्यवाद किया। पवन, जो हवा मिठाई बेचते हैं, ने कहा कि अगर ऐसे मेले रोज लगें तो कोई भी गरीब नहीं रहेगा।
पारंपरिक मानभूम छऊ नृत्य: संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन
महोत्सव के समापन समारोह में प्रभात कुमार महतो और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत मानभूम छऊ नृत्य ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। मानभूम शैली के इस छऊ नृत्य में शारीरिक भाव-भंगिमा का प्रमुखता से प्रयोग होता है। विभिन्न पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ इस नृत्य ने महोत्सव की शोभा को और भी बढ़ा दिया। प्रभात कुमार महतो और उनकी टीम ने पहले भी 11 देशों में अपने प्रदर्शन के जरिए झारखंड की संस्कृति को गौरवान्वित किया है।
मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर
Jharkhand adivasi diwas 2024: महोत्सव में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, झारखंड सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सारथी योजना के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र का भी स्टॉल लगाया गया है। इस स्टॉल पर मेगा स्किल सेंटर में नि:शुल्क प्रशिक्षण और रोजगार योजना के बारे में जानकारी दी जा रही है। इस योजना के अंतर्गत आठवीं पास युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार के अवसर पा सकते हैं। योजना के तहत प्रशिक्षण, रहने, खाने और यूनिफॉर्म की व्यवस्था भी नि:शुल्क की जाती है।
Jharkhand adivasi diwas 2024: समापन
Jharkhand adivasi diwas 2024: ने न केवल राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को उजागर किया है, बल्कि स्थानीय विक्रेताओं और आम जनता को भी लाभान्वित किया है। नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच से लेकर रोजगार प्रशिक्षण तक, इस महोत्सव ने समाज के हर वर्ग को कुछ न कुछ प्रदान किया है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से राज्य की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है और स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
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