keshav mahto: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने एक बड़ा राजनीतिक दांव खेलते हुए प्रदेश अध्यक्ष के पद पर परिवर्तन किया है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राजेश ठाकुर को हटाकर केशव महतो कमलेश को झारखंड प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस बदलाव का उद्देश्य आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति को मजबूत करना और कुड़मी वोट बैंक को साधना है। इसके अलावा, पार्टी ने विधायक दल के नेता की खाली कुर्सी पर भी नियुक्ति करते हुए रामेश्वर उरांव को यह जिम्मेदारी सौंपी है, जो वर्तमान में राज्य सरकार में वित्त मंत्री के पद पर कार्यरत हैं।
keshav mahto: कौन हैं केशव महतो कमलेश?
केशव महतो कमलेश एक अनुभवी और समर्पित नेता हैं, जो कांग्रेस पार्टी में लंबे समय से सक्रिय हैं। उन्होंने अविभाजित बिहार के समय में सिल्ली विधानसभा सीट से विधायक के रूप में कार्य किया था। 1985 में, वे पहली बार सिल्ली विधानसभा से विधायक चुने गए थे। उनका राजनीतिक सफर और संगठन में उनकी भूमिका ने उन्हें एक अनुभवी नेता बना दिया है। झारखंड में कुड़मी समुदाय के लोगों के बीच उनकी अच्छी पकड़ है, जिससे उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चुना गया है।
कुड़मी वोटरों की गोलबंदी की तैयारी
keshav mahto: केशव महतो कमलेश की नियुक्ति के पीछे कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य झारखंड के कुड़मी वोटरों को साधना है। कुड़मी समुदाय की झारखंड में अच्छी खासी जनसंख्या है, और यह समुदाय कई विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाता है। रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद समेत कई जिलों में कुड़मी वोटरों का विशेष प्रभाव है। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने यह महसूस किया कि यदि इन क्षेत्रों में कुड़मी समुदाय को सही तरीके से साधा गया, तो पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों में इसका बड़ा लाभ मिल सकता है।
keshav mahto: केशव महतो का संगठनात्मक अनुभव
कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने हाल ही में प्रदेश के 20 प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुलाकर उनसे फीडबैक लिया था। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सभी नेताओं से वन-टू-वन बातचीत की गई थी, जिसमें प्रदेश के नेताओं ने अपनी बात खुलकर रखी थी। इस बातचीत में यह बात साफ हो गई कि केशव महतो कमलेश के पास संगठनात्मक काम करने का लंबा अनुभव है। उन्होंने विभिन्न स्तरों पर पार्टी के लिए काम किया है और संगठन को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कांग्रेस की रणनीति और केशव महतो का रोल
keshav mahto: कांग्रेस ने झारखंड में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए केशव महतो कमलेश को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चुना है। उनका लक्ष्य कुड़मी समुदाय को पार्टी के पक्ष में लाना है। इसके साथ ही, वे झारखंड के अन्य महत्वपूर्ण समुदायों और क्षेत्रों में भी पार्टी का आधार मजबूत करने की कोशिश करेंगे। कांग्रेस की यह रणनीति चुनावों के परिणामों पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।
रामेश्वर उरांव को विधायक दल का नेता बनाने की वजह
keshav mahto: वहीं, रामेश्वर उरांव को विधायक दल का नेता बनाना भी कांग्रेस की एक सोच-समझकर की गई चाल है। उनके पास वित्त मंत्री के रूप में कार्य करने का अनुभव है और वे राज्य सरकार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनके पास प्रशासनिक अनुभव के साथ-साथ जनता के बीच भी एक मजबूत छवि है। ऐसे में उन्हें विधायक दल का नेता बनाकर कांग्रेस ने अपनी स्थिति को और मजबूत करने का प्रयास किया है।
झारखंड चुनाव और कांग्रेस की संभावनाएं
keshav mahto: झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए यह समय महत्वपूर्ण है। केशव महतो कमलेश की नियुक्ति से पार्टी को उम्मीद है कि वे कुड़मी समुदाय और अन्य मतदाताओं के बीच पार्टी के प्रति विश्वास और समर्थन को बढ़ा सकेंगे। कांग्रेस की यह रणनीति अगर सफल होती है, तो आगामी चुनावों में पार्टी को बड़ा लाभ मिल सकता है।
इस नियुक्ति के बाद झारखंड की राजनीति में हलचल मच गई है, और आगामी दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस की यह नई रणनीति कितनी प्रभावी साबित होती है।
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