chhavi ranjan ias : झारखंड की राजधानी रांची में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की विशेष अदालत ने आज झारखंड की समाज कल्याण निदेशक छवि रंजन को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने रंजन का सदर अस्पताल में समुचित चिकित्सकीय परीक्षण करने और उसके स्वास्थ्य की अनुकूल रिपोर्ट मिलने के बाद उसे विशेष अदालत के समक्ष पेश करने के बाद यह कार्रवाई की । मामले में छवि रंजन से आगे की पूछताछ के लिए ईडी 6 मई को रिमांड पिटीशन फाइल करेगी। 2011 बैच के आईएएस अधिकारी रांची के डिप्टी कमिश्नर के रूप में काम करते हुए अपने कार्य और चूक के कारण मुश्किल में पड़ गए। जांच एजेंसी ने 10 दिन की रिमांड की प्रार्थना की लेकिन अदालत ने मामले की सुनवाई कल तक के लिए टाल दी।सुबह 9.40 बजे से लंबी पूछताछ शुरू होने के बाद रंजन को कल रात 9.55 बजे गिरफ्तार किया गया। ईडी के अधिकारियों ने यह कार्रवाई तब की जब उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि आईएएस अधिकारी रांची में अपने आधिकारिक पद और प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए एक भूमि घोटाले का मास्टरमाइंड था।
जमीन घोटाला मामले में आईएएस छवि रंजन से दस घंटे तक पूछताछ
झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। जमीन घोटाला मामले में आईएएस छवि रंजन (chhavi ranjan ias) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने दस घंटे तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उन पर रांची में अवैध रूप से जमीन हड़पने और बेचने का आरोप है। उन पर इससे जुड़े भूमि घोटाले के मामले में कार्रवाई की गई है। वर्तमान में रंजन झारखंड के समाज कल्याण विभाग में निदेशक पद पर हैं। ये घोटाले उनके रांची के डिप्टी कमिश्नर के कार्यकाल के दौरान किए गए थे।
जमीन की खरीद बिक्री मामले में पूछताछ
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पूछताछ के दौरान ईडी के द्वारा छवि रंजन (chhavi ranjan ias) से हेहल अंचल के बजरा मौजा के 7.16 एकड़ जमीन की घेराबंदी एवं उसके दस्तावेज रजिस्ट्री कार्यालय से गायब पाये जाने के मामले को लेकर पूछताछ की गई।इसके अलावा छवि रंजन से सेना के कब्जेवाली जमीन तथा चेशायर होम रोड की जमीन की खरीद बिक्री मामले में भी उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की गई। अंततः अधिकतर सवालों के जवाब से असंतुष्ट ईडी ने छवि रंजन को गिरफ्तार कर लिया।
दो सप्ताह का समय भी मांग था
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कथित अवैध भूमि बिक्री से संबद्ध धन शोधन की जांच कर रही है। इसी सिलसिले में झारखंड के आईएएस अधिकारी छवि रंजन (chhavi ranjan ias) को पूछताछ के लिए तलब किया गया था। उन्होंने इसके लिए दो सप्ताह का समय भी मांग था, लेकिन मंजूरी नहीं मिलने के बाद उनसे पूछताछ की गई थी। इससे पहले भी एजेंसी ने उनसे संक्षिप्त पूछताछ की थी, जब इस मामले में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में उनके तथा अन्य के परिसरों में छापेमारी की गई थी।
13 अप्रैल को हुई थी छापेमारी
मालूम हो कि गत 13 अप्रैल को आईएएस छवि रंजन के रांची स्थित दो व जमशेदपुर स्थित एक ठिकाने सहित कुल 22 ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा था। इस दौरान ईडी को बड़गाईं अंचल कार्यालय के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के आवास से सरकारी फाइलें व सैकड़ों जमीन के डीड मिले थे। एजेंसी ने छापेमारी के बाद झारखंड सरकार के एक अधिकारी समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया था।
क्या है मामला?
chhavi ranjan ias : धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई। एजेंसी रक्षा जमीन से संबंधित एक भूखंड समेत 12 से अधिक जमीन सौदों के मामले में जांच कर रही है, जिसमें जमीन माफिया, बिचौलिए और नौकरशाह सहित एक समूह साठगांठ कर कथित तौर पर 1932 की शुरुआत से ही जमीन के कामों और दस्तावेजों की धोखाधड़ी में शामिल है। पीएमएलए के तहत अपनी जांच शुरू करने के लिए संघीय जांच एजेंसी ने संबंधित नागरिक अधिकारियों द्वारा दर्ज कुछ जाली व्यक्तिगत पहचान दस्तावेजों के बारे में पुलिस प्राथमिकी का संज्ञान लिया।
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