dhanbad dc office: नौकरी के नाम पर 28 युवकों से 2Cr की ठगी
dhanbad dc office: धनबाद डीसी ऑफिस में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 28 युवकों से दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है। फ्रॉड करने वालों ने न केवल क्लर्क और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर, बल्कि अधिकारी की नौकरी दिलाने के नाम पर भी पैसे वसूले हैं। इस ठगी के गिरोह में मुख्य आरोपी विकास कुमार के साथ दीपक राम भी शामिल है।
dhanbad dc office: ठगी की योजना और प्रक्रिया
विकास कुमार ने अगस्त 2023 में स्वयं को धनबाद का एक्साइज इंस्पेक्टर और चर्च का फादर बताकर कुल्टी बोहला में किराये पर एक मकान लिया। उसने सबसे पहले अपने मकान मालिक के बेटे प्रकाश सिंह और बेटी अनामिका कुमारी को झांसे में लिया। इसके बाद उसने 28 युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर 15-15 हजार रुपये की वसूली की। विकास कुमार ने इन युवकों को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) का फर्जी पत्र भी दिखाया, जिसमें धनबाद उपायुक्त कार्यालय के पांच विभागों में 160 रिक्तियों की जानकारी दी गई थी।
फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर और अन्य दस्तावेज
dhanbad dc office: इन युवक और युवतियों को फर्जी योगदान लेटर डाक से भेजे गए थे। ज्वाइनिंग लेटर में सभी का नाम और पद का जिक्र किया गया था। विकास कुमार ने नौ विभागों के नाम से सभी को ज्वाइनिंग लेटर भेजे थे, जिनमें धनबाद का पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल एक, परिवहन विभाग, मद्य निषेध विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कल्याण विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग, महिला व बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, जिला सांख्यिकी विभाग और समाज कल्याण विभाग शामिल थे।
dhanbad dc office: ठगी का पर्दाफाश
जब युवक-युवतियों ने ठगी करने वाले विकास कुमार से योगदान दिलाने के लिए धनबाद साथ चलने के लिए दबाव बनाया, तो वह कुल्टी स्थित अपने किराए के मकान से फरार हो गया और अपना फोन बंद कर लिया। ठगों के इस गिरोह में विकास कुमार के साथ दीपक राम भी शामिल है।
पीड़ितों की शिकायत और पुलिस की कार्रवाई
dhanbad dc office: ठगी का शिकार हुए युवक-युवतियां करीब एक सप्ताह पूर्व योगदान लेटर लेकर धनबाद डीसी आफिस पहुंचे थे। वहां उन्हें पता चला कि वे ठगी के शिकार हुए हैं। इसके बाद सभी शनिवार को फिर से धनबाद डीसी आफिस पहुंचे और सिटी एसपी अजीत कुमार से मिले और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। सिटी एसपी अजीत कुमार ने बरवाअड्डा थाना प्रभारी को फोन कर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
ठगी का तरीका और आरोपी की पहचान
dhanbad dc office: विकास कुमार ने सबसे पहले अपने मकान मालिक के बेटे और बेटी को झांसे में लिया और उनसे 15-15 हजार रुपये की वसूली की। उसने इन युवक-युवतियों को धनबाद का पुराना डीसी कार्यालय भी दिखाया और डीसी ऑफिस के बरवाअड्डा शिफ्ट होने के बाद उन्हें नए डीसी कार्यालय के बाहर तस्वीरें खिंचवाई। इस दौरान उसने युवक-युवतियों से किश्तों में राशि वसूली की, जो प्रति व्यक्ति चार से नौ लाख रुपये तक थी।
फर्जी दस्तावेज और सरकारी पत्रों का उपयोग
dhanbad dc office: विकास कुमार ने जो पत्र जारी किए थे वे हूबहू सरकारी पत्रों जैसे थे। यहां तक कि झारखंड सरकार के लोगो का उपयोग भी सभी पत्रों पर किया गया था। इसके अलावा, धनबाद एवं रांची के सचिव स्तर के अधिकारियों के हस्ताक्षर एवं मुहर का भी प्रयोग किया गया था। इन पत्रों पर कहीं भी पत्रांक नहीं था, केवल दिनांक और नीचे अधिकारियों के हस्ताक्षर थे।
dhanbad dc office: ठगी का दायरा और पीड़ितों की संख्या
विकास कुमार ने जिन 28 युवकों से ठगी की है उनमें बंगाल के कुल्टी निवासी, उसके मकान मालिक के बेटे प्रकाश सिंह और बेटी अनामिका कुमारी भी शामिल हैं। बाकी 26 युवक-युवतियां धनबाद के निरसा की हैं।
पुलिस की जांच और संभावित कार्रवाई
dhanbad dc office: पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। आरोपी विकास कुमार और उसके सहयोगी दीपक राम की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने सभी पीड़ितों से संपर्क करने की अपील की है ताकि ठगों के इस गिरोह को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके और न्याय दिलाया जा सके।
निष्कर्ष
dhanbad dc office: धनबाद डीसी ऑफिस में नौकरी दिलाने के नाम पर 28 युवकों से दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का मामला वास्तव में चौंकाने वाला है। यह घटना न केवल धोखाधड़ी के मामलों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे कुछ लोग बेरोजगार युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें ठगने का प्रयास करते हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सटीक जांच से उम्मीद है कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
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