jharkhand high court : बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के हस्तक्षेप के बाद शुक्रवार को राज्य के अधिवक्ताओं का न्यायिक कार्यों से अलग रहने का निर्णय वापस ले लिया गया। इसके साथ ही छह जनवरी से चल रहा अनिश्चितकालीन आंदोलन स्थगित हो गया। अब राज्य भर के 33000 अधिवक्ता 16 जनवरी से अपने केस में पैरवी कर सकेंगे। यह निर्णय शुक्रवार को झारखंड स्टेट बार काउंसिल की ऑनलाइन आमसभा की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने की।
उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल ने आमसभा को बीसीआइ के निर्देशों की जानकारी दी
jharkhand high court : उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल ने आमसभा को बीसीआइ के निर्देशों की जानकारी दी। उस पर विचार करने
के बाद न्यायिक कार्यों से अलग रहने का निर्णय वापस ले लिया गया तथा अनिश्चितकालीन आंदोलन भी स्थगित कर दिया गया। कहा गया कि अधिवक्ताओं की मांगों को लेकर आंदोलन अब दूसरे स्वरूप में होगा। चरणबद्ध आंदोलन का क्या स्वरूप होगा, इसे बाद में काउंसिल एसोसिएशन के साथ बैठक कर सभी की सहमति से तय करेगा।
पत्र को वापस लेने का निर्णय लिया
काउंसिल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री द्वारा राज्य के वकीलों के हित में की गयी घोषणाओं को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की। काउंसिल ने आंदोलन के दौरान केस में पैरवी करनेवाले सात अधिवक्ताओं के संबंध में एडवोकेट एसोसिएशन झारखंड हाइकोर्ट को लिखे गये पत्र को वापस लेने का निर्णय लिया। बैठक में अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण, उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल, हेमंत कुमार सिकरवार, संजय कुमार विद्रोही, अमर सिंह, एके रशीदी सहित काउंसिल के अन्य सदस्य शामिल हुए।
आंदोलन को तत्काल वापस लेने का निर्देश दिया
jharkhand high court : उधर बीसीआइ ने शुक्रवार को आदेश जारी कर झारखंड स्टेट बार काउंसिल को न्यायिक कार्यों से अलग रहने संबंधी आंदोलन को तत्काल वापस लेने का निर्देश दिया। साथ ही स्टेट बार काउंसिल को इस तरह के आंदोलनात्मक कदम उठाने पड़े, उसका कारण बताने को कहा है।
काउंसिल के संयुक्त सचिव अशोक कुमार पांडेय ने पत्र भेजते हुए तत्काल अनुपालन करने को कहा। उल्लेखनीय है कि राज्य के अधिवक्ता कोर्ट फीस अमेंडमेंट एक्ट विधेयक-2022 को वापस लेने, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, अधिवक्ताओं के वेलफेयर के लिए सरकार 100 करोड़ का बजटीय प्रावधान करने आदि की मांग को लेकर आंदोलनरत थे।
पदाधिकारियों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की
jharkhand high court : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि चूंकि बार काउंसिल ने एडवोकेट एसोसिएशन को लिखे पत्र को वापस ले लिया है। इसलिए अब इस मामले को यहीं ड्रॉप किया जाता है। वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा, काउंसिल के सदस्य निलेश कुमार व अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने काउंसिल के पदाधिकारियों पर अवमानना की कार्रवाई चलाने का आग्रह किया था।
झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्य हेमंत कुमार सिकरवार ने वकीलों के व्यवहार से नाराज होकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा वाट्सएप पर भेजा है। श्री सिकरवार ने यह भी कहा है कि वह कभी भी भविष्य में बार काउंसिल या बार एसोसिएशन के चुनाव में खड़े नहीं होंगे।
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