medical colleges in jharkhand

झारखंड में चल रहे 55 में से 26 निजी फार्मेसी कॉलेजों का निबंधन रद्द होगा

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medical colleges in jharkhand : झारखंड में चल रहे 55 में से 26 निजी फार्मेसी कॉलेजों का निबंधन रद्द होगा। ये कॉलेज निर्धारित मापदंड का पालन नहीं करते। सभी 55 कॉलेजों की जांच के बाद यह फैसला लिया गया है। वहीं सीटों का ब्योरा और आधारभूत संरचना की जानकारी न देने पर 20 नर्सिंग कॉलेजों को भी नोटिस जारी किया गया है। उनसे पूछा गया है कि क्यों न उनका निबंधन रद्द कर दिया जाए।

medical colleges in jharkhand : झारखंड में दो-दो कमरों में नर्सिंग और फार्मेसी कॉलेज चल रहे हैं। ये कॉलेज हर साल छात्रों से लाखों रुपए की फीस वसूलकर डिग्रियां बांट रहे हैं। यह मामला उजागर होने के बाद सभी निजी फार्मेसी कॉलेजों की जांच कराई गई, जिसमें यह खुलासा हुआ। उधर, नर्सिंग और पारा मेडिकल की पढ़ाई में चल रहे फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नियमावली लागू कर झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद के माध्यम से एडमिशन कराने का फैसला लिया। इसके लिए सभी 232 निजी नर्सिंग कॉलेजों से सीटों का ब्योरा और आधारभूत संरचना की जानकारी मांगी गई।

पीसीआई जांच में मिली गड़बड़ी तो सभी की जांच शुरू

1.मशीन रूम 100 वर्गफीट का, पर मशीनें गायब: द इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल्स साइंस कॉलेज, रामगढ़ की जांच में पाया गया कि वहां पेंसिल से अटेंडेंस बनाया जा रहा था। लैब में भी फर्जी उपस्थिति दिखाई जा रही थी। 100 वर्ग मीटर का मशीन रूम था, लेकिन मशीनें गायब थीं। लाइब्रेरी में भी कोई टेक्नीशियन नहीं था। वहां क्लास होने के भी कोई प्रमाण नहीं मिले।

2. न शिक्षक और न ही इंफ्रास्ट्रक्चर: पलामू के बंशीधर कॉलेज आफ फार्मेसी रेहला की जांच में पीसीआई ने पाया कि वहां पर्याप्त शिक्षक नहीं थे। आनन-फानन में नियुक्ति पत्र तैयार कर पेश कर दिया गया। वहां न तो क्वालिफाइड टीचर्स थे और न पर्याप्त आधारभूत संरचना। कॉलेज के नाम पर न तो बिजली बिल था और न ही मशीनें और केमिकल की खरीद से संबंधित बिल मिले।

3. छह फैकल्टी में से पांच अनुभवहीन: तुपुदाना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, हेसाग में छह फैकल्टी थे, लेकिन 5 के पास अनुभव नही था। चार लैब दिखाए गए, पर दो स्पेशिफिकेशन के मुताबिक नहीं थे। केमिकल्स और इक्यूपमेंट की खरीद के बिल भी नहीं थे। बिजली बिल भी संस्थान के नाम पर नहीं, बल्कि किसी व्यक्ति के नाम पर पाया गया। यह देखते हुए सत्र 2022-23 में एडमिशन पर रोक लगा दी गई थी।

4. छह फैकल्टी, पर दो ही उपस्थित मिले: गढ़वा के हेरिटेज फार्मेसी कालेज, चिनिया रोड के प्रिंसिपल ने 28 अगस्त 2021 को ज्वाइन किया था, लेकिन पिछले संस्थान से रिलिविंग डॉक्यूमेंट जमा नहीं किया। छह फैकल्टी में दो ही उपस्थित मिले। बताया गया कि तीन छुट्‌टी पर हैं और एक ने इस्तीफा दे दिया है। केमिकल्स, इक्यूपमेंट की खरीद का बिल भी नहीं मिला। जो पर्चेज ऑर्डर पेश किया गया, वह भी संदेहास्पद मिला।

मापदंड पूरा नहीं करने वाले का निबंधन रद्द होगा: मंत्री
medical colleges in jharkhand : निजी फार्मेसी कॉलेजों की जांच के लिए सभी जिलों में मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। जो फार्मेसी कॉलेज मापदंड पूरा नहीं कर रहे, उनका निबंधन रद्द किया जाएगा। नर्सिंग कॉलेजों की भी जांच चल रही है। राज्य सरकार चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को हर हाल में बरकरार रखेगी।

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