nrc in jharkhand: झारखंड में नहीं लागू होगा CAA, UCC, और NRC

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने nrc in jharkhand को खारिज करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और समान नागरिक संहिता (UCC) को भी राज्य में लागू न करने का निर्णय लिया है। यह फैसला झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के 46वें स्थापना दिवस के मौके पर घोषित किया गया।

झारखंड मुक्ति मोर्चा का 50-प्वाइंट प्रस्ताव

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस अवसर पर एक 50-प्वाइंट प्रस्ताव जारी किया, जिसमें nrc in jharkhand को रद्द करने की मांग की गई। इस प्रस्ताव में अन्य सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर भी ध्यान दिया गया।

nrc in jharkhand: मुख्यमंत्री का केंद्र पर निशाना

nrc in jharkhand: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि झारखंड को उसके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा:

“हमारे राज्य का योगदान देश के खजाने में बड़ा है, फिर भी हमें कुछ नहीं मिलता। हमें अपने हक के लिए लड़ना पड़ता है।”

झारखंड को पिछड़ा क्यों कहा जाता है?

झारखंड एक खनिज संपन्न राज्य होने के बावजूद आर्थिक रूप से पिछड़ा माना जाता है। राज्य की 37% जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे रहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को केंद्र से पर्याप्त वित्तीय सहायता नहीं मिलती

झारखंड के साथ भेदभाव?

हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र को सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कुछ प्रमुख बिंदु गिनाए:

  • झारखंड केंद्र को सबसे अधिक खनिज कर देता है, फिर भी विकास योजनाओं में पिछड़ा है।
  • राज्य की साक्षरता दर मात्र 66.41% है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है।
  • केंद्र सरकार की योजनाएं गरीबों के बजाय बड़े व्यापारियों को लाभ पहुंचा रही हैं।

क्या nrc in jharkhand लागू होगा?

झारखंड सरकार के इस ऐलान के बाद यह स्पष्ट हो गया कि nrc in jharkhand फिलहाल लागू नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा:

“हम अपने राज्य में NRC, CAA और UCC को पूरी तरह से खारिज करते हैं।”

क्या nrc in jharkhand के खिलाफ आंदोलन होगा?

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यह भी कहा कि अगर केंद्र सरकार इन कानूनों को जबरदस्ती लागू करने की कोशिश करेगी, तो राज्य स्तर पर बड़ा आंदोलन होगा

केंद्र बनाम राज्य: कौन सही, कौन गलत?

मुख्यमंत्री ने कहा कि:

  • भाजपा सरकार कहती है कि राज्य सरकारें “रेवड़ी” बांट रही हैं, लेकिन खुद भी यही कर रही है।
  • झारखंड में महिलाओं को ₹2,500 प्रति माह दिया जाता है, जिसे भाजपा “रेवड़ी” कहती है। लेकिन दिल्ली में भाजपा सरकार ने यही योजना शुरू की है।

निष्कर्ष: nrc in jharkhand को लेकर भविष्य में क्या होगा?

झारखंड सरकार का यह फैसला राज्य की जनता के लिए महत्वपूर्ण है।

  • सरकार ने NRC, CAA और UCC को खारिज कर दिया है।
  • केंद्र के खिलाफ राज्य सरकार की नीतियों पर टकराव बढ़ सकता है।
  • यदि केंद्र सरकार इसे लागू करने का दबाव बनाएगी, तो आंदोलन संभव है।

FAQs: nrc in jharkhand से जुड़े सवाल

1. क्या झारखंड में nrc लागू होगा?

नहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साफ कर दिया है कि nrc in jharkhand लागू नहीं किया जाएगा

2. NRC क्या है और इसका झारखंड से क्या संबंध है?

NRC (National Register of Citizens) नागरिकता की पहचान के लिए एक सरकारी प्रक्रिया है। झारखंड सरकार ने इसे लागू न करने का निर्णय लिया है।

3. क्या केंद्र सरकार झारखंड में NRC लागू कर सकती है?

केंद्र सरकार के पास NRC लागू करने का अधिकार है, लेकिन झारखंड सरकार इसे राज्य में लागू नहीं होने देगी।

4. क्या झारखंड के लोग CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं?

अगर केंद्र सरकार CAA को लागू करती है, तो झारखंड के लोग इसके लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन राज्य सरकार ने इसे खारिज करने का प्रस्ताव पास किया है

5. क्या झारखंड में UCC भी लागू नहीं होगा?

राज्य सरकार ने UCC (समान नागरिक संहिता) को भी खारिज कर दिया है

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