para medical worker
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झारखंड में कांट्रैक्ट पर कार्यरत लगभग 10 हजार पारा मेडिकल कर्मी (para medical worker) और नर्सें आज से बेमियादी हड़ताल पर हैं। राज्य भर के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्था इससे बुरी तरह प्रभावित हो रही है। राज्य भर में कोविड टीकाकरण और हॉस्पिटलों में पैथोलॉजिकल जांच, एक्सरे आदि के कामकाज पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। डिस्ट्रिक्ट सदर हॉस्पिटल, पीएचसी, सीएचसी में वैक्सीनेशन के लिए बच्चों और डिलीवरी के लिए लाई गई महिलाओं को परेशानी झेलनी पड़ी।

हड़ताल कर रहे कर्मियों (para medical worker) की मांग है कि सरकार उनकी सेवा स्थायी करे। उनका कहना है कि बार-बार के आश्वासन के बाद भी सरकार के ढुलमुल रवैए के कारण उनका भविष्य अधर में लटका है। कर्मियों ने अपनी मांग को लेकर 24 जनवरी से आमरण अनशन करने का भी ऐलान किया है।

रांची, जमशेदपुर, चाईबासा, जामताड़ा, हजारीबाग, कोडरमा, चतरा सहित ज्यादातर जिलों में हड़ताली कर्मियों ने मंगलवार को धरना दिया और अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी की। झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ, झारखंड अनुबंधित एएनएम, जीएनएम संघ के प्रवक्ता ने कहा कि अनुबंध कर्मी पिछले 16 से 17 वर्षों से सेवा दे रहे हैं। कई बार राज्य सरकार से नियमितीकरण को लेकर इनकी वार्ता हुई, पर निष्कर्ष शून्य निकला।

इनके आंदोलन को झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (para medical worker) ने भी अपना पूर्ण समर्थन दिया है। संघ के महामंत्री रवींद्रनाथ ठाकुर ने सरकार का जल्द से जल्द इस ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए इनके नियमितीकरण पर कदम उठाने का आग्रह किया है।

बता दें कांट्रैक्ट पर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों ने इसके पहले सोमवार को रांची में राजभवन के सामने जोरदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने सीएम हाउस को भी घेरने की कोशिश की थी। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी।

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By JharExpress

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