ranchi auto strike: ऑटो और ई-रिक्शा हड़ताल का तीसरा दिन
ranchi auto strike: राजधानी रांची में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की बेमियादी हड़ताल का सिलसिला तीसरे दिन भी जारी है। ऑटो चालकों और ई-रिक्शा चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों में किए गए बदलावों के विरोध में यह अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रही है। इस हड़ताल के कारण यात्रियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, बड़ी खबर यह है कि 30 अगस्त को झारखंड के मुख्यमंत्री के साथ ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की वार्ता निर्धारित की गई है।
ranchi auto strike: ऑटो चालकों की मांगें और हड़ताल की प्रमुख वजहें
ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल का मुख्य कारण रांची शहर में 20 किलोमीटर की परिधि के भीतर ऑटो चलाने के नियमों में किया गया बदलाव है। ट्रैफिक पुलिस ने शहर को चार जोन में विभाजित किया है और हर जोन के लिए 3-3 किलोमीटर का दायरा निर्धारित किया गया है। यह नए नियम ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के लिए असुविधाजनक साबित हो रहे हैं, जिसके चलते उन्होंने 27 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है।
राजधानी में हड़ताल से जनजीवन प्रभावित, यात्री हो रहे परेशान
ranchi auto strike: ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल से रांची के यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रांची में प्रतिदिन लगभग 17 हजार ई-रिक्शा और ऑटो सड़कों पर चलते हैं, जिनमें से 5 हजार ई-रिक्शा, 10 हजार सीएनजी ऑटो और 2 हजार डीजल ऑटो शामिल हैं। ये सभी वाहन तीन दिनों से बंद हैं, जिसके कारण आम जनता को आवागमन में दिक्कत हो रही है। लोग पैदल ही अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए मजबूर हो रहे हैं, जबकि कुछ ओला, रैपिडो जैसी सेवाओं का सहारा ले रहे हैं।
सीएम से वार्ता की उम्मीदें, हड़ताल खत्म करने पर विचार
ranchi auto strike: ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के नेताओं ने बताया कि 30 अगस्त को झारखंड प्रदेश सीएनजी ऑटो चालक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सोनी, ऑटो चालक यूनियन के अध्यक्ष अर्जुन यादव और ई-रिक्शा चालक यूनियन के संरक्षक उतम यादव सहित अन्य प्रतिनिधि सीएम से वार्ता करेंगे। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी हो जाती हैं तो हड़ताल समाप्त कर दी जाएगी। अन्यथा, सभी ऑटो चालक ट्रैफिक एसपी के कार्यालय जाकर अपनी गाड़ियों की चाभी सौंप देंगे। चालकों ने यह भी आरोप लगाया है कि राज्य के विधायकों और सांसदों ने उनके संघर्ष में साथ नहीं दिया, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
ranchi auto strike: हड़ताल का प्रभाव: 1.5 लाख परिवारों पर पड़ा असर
हड़ताल के कारण ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के लगभग डेढ़ लाख परिवारों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल के चलते उनकी आमदनी पूरी तरह से ठप हो गई है। कई परिवारों के सामने दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया है। रांची के रातु रोड स्थित ऑटो स्टैंड पर चालकों द्वारा लगातार प्रदर्शन जारी है, जहां वे अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
शहर में यातायात की अव्यवस्था, यात्रियों को वैकल्पिक साधनों का सहारा
ranchi auto strike: हड़ताल के चलते शहर में यातायात की अव्यवस्था फैल गई है। लोगों को आने-जाने के लिए वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है। कई लोग जो ऑटो और ई-रिक्शा पर निर्भर थे, अब ओला, रैपिडो और अन्य निजी साधनों का उपयोग कर रहे हैं। इससे यातायात का भार बढ़ गया है और शहर की सड़कों पर भीड़भाड़ हो रही है।
ranchi auto strike: ट्रैफिक नियमों में बदलाव का विरोध, आगे की रणनीति
ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि 20 किमी की परिधि में ऑटो चलाने के नए नियम उनके लिए काफी मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। वे इस नियम को पूरी तरह से वापस लेने की मांग कर रहे हैं। अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे आगे की रणनीति बनाने के लिए तैयार हैं, जिसमें हड़ताल को और तेज करना शामिल हो सकता है।
सीएम से वार्ता का इंतजार, क्या मिलेगी राहत?
ranchi auto strike: अब सबकी निगाहें 30 अगस्त को होने वाली सीएम के साथ वार्ता पर टिकी हैं। अगर सरकार ने चालकों की मांगों पर ध्यान दिया और उन्हें राहत दी, तो हड़ताल समाप्त हो सकती है। अन्यथा, शहर में यातायात की समस्याएं और भी बढ़ सकती हैं।
ranchi auto strike: निष्कर्ष
ranchi auto strike: रांची में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। इस मुद्दे का समाधान जल्द से जल्द होना जरूरी है, ताकि यात्रियों को राहत मिल सके और चालकों के परिवारों को भी आर्थिक संकट से निजात मिले। 30 अगस्त की वार्ता से ही यह स्पष्ट होगा कि आगे की दिशा क्या होगी।
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