Ranchi Dharmik News: रांची में हुए धार्मिक विवाद के दौरान दो चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। पहले मामले में स्कूली छात्र पर धार्मिक नारा नहीं लगाने पर हमला किया गया है। इसमें छात्र ने सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा के बाद घर लौटते समय हुई मारपीट का आरोप लगाया है।
पहला मामला: स्कूली छात्र को मारा गया
सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में उपस्थित होने वाले 15 वर्षीय छात्र का कहना है कि उसे धार्मिक नारा लगाने का आदान-प्रदान नहीं किया जाता था, और जब उसने इसका विरोध किया, तो उस पर हमला किया गया। इस मामले में शिकायत पर पुलिस ने एक नामजद सहित अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसमें धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने, मारपीट करने और गाली-गलौज करने का आरोप है।
Ranchi Dharmik News: छात्र की आपबीती
छात्र ने बताया कि उसने 19 फरवरी को सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा दी थी और परीक्षा के बाद वह स्कूल से बाहर निकला। उसे 10 से 15 लड़कों ने घेरा लिया और उस पर मारपीट की गई। मारपीट के बाद, आरोपी युवकों ने उसको धार्मिक नारा लगाने के लिए प्रताड़ित किया। छात्र ने पुलिस को बताया कि उसकी अगली परीक्षा 26 फरवरी, 2 मार्च, 11 मार्च, और 13 मार्च को हैं, इसलिए उसे परीक्षा केंद्र आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। छात्र ने सुरक्षा के लिए पुलिस से मदद मांगी है।
दूसरा मामला: धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप
राजधानी में एक और मामले में धर्म परिवर्तन की धमकी देने के बाद एक युवक से मारपीट हुई है। इस मामले में घटना में शामिल होने वाले युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
Ranchi Dharmik News: युवक की धमकी और मारपीट
इस मामले के अनुसार, शिकायतकर्ता युवक ने अपने दोस्त के साथ माता सरस्वती की मूर्ति का विसर्जन कर रहा था और इसके बाद एक दुकान पर रुका। यहां उसे कडरू स्थित एक दुकान पर खाने
के लिए रुकने पर कई लोगों ने उस पर हमला किया। उन्होंने युवक से कहा कि तुम दूसरे धर्म के हो, इसलिए तुम्हारे साथ मारपीट की जा रही है। उसकी बाइक पर वाइजर पर धर्मिक शब्द लिखा गया था, जिस पर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
सुरक्षा की मांग
Ranchi Dharmik News: इस मामले में शिकायतकर्ता युवक ने सुरक्षा की मांग की है और पुलिस ने उसकी शिकायत पर केस दर्ज किया है।
निष्कर्ष
Ranchi Dharmik News: धार्मिक विवादों से जुड़े इन मामलों ने समाज में चिंता और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता को उजागर किया है। पुलिस से सुरक्षा मांगना सही हक है, और सभी नागरिकों को धर्म, जाति, और लिंग के आधार पर नहीं, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों के आधार पर समाज में समाहित रहना चाहिए। सरकार को इस प्रकार के घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करना चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें और समाज में सामंजस्य बना रहे।*
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