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World Hindi Day: आज, 10 जनवरी, विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन विश्वभर में हिंदी भाषा के महत्व को बढ़ावा देने वाला है और हमारी सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने का एक मौका प्रदान करता है।

विश्व में हिंदी का बढ़ता प्रचार

World Hindi Day: आज विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर, हिंदी भाषा का प्रचार और प्रसार वैश्विक स्तर पर बढ़ता जा रहा है। गूगल की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट पर हिंदी कंटेंट की मांग लगातार बढ़ रही है और यह विश्वभर में पैरों तले बढ़ रही है। हिंदी भाषा का प्रतिष्ठान वृद्धि कर रहा है, और इसमें झारखंड का भी महत्वपूर्ण योगदान है।

World Hindi Day: विश्वभर में हिंदी का चमकता रूप

  1. हिंदी तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा: इंग्लिश और मंदारिन के बाद, हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।
  2. इंटरनेट पर हिंदी कंटेंट की मांग: गूगल की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट पर हिंदी कंटेंट की मांग इतनी बढ़ रही है कि यह इंग्लिश को भी पीछे छोड़ने का कारण बन रही है।
  3. हिंदी की पढ़ाई का आधुनिक दृष्टिकोण: भारत के अलावा दुनियाभर के 600 विश्वविद्यालयों में हिंदी की पढ़ाई संचालित हो रही है, जिससे यह दिखाई देता है कि हिंदी विश्वभर में महत्वपूर्ण है।

हिंदी के बढ़ते प्रतिष्ठान में झारखंड का योगदान

  1. भाषाविदों और संस्कृति विशेषज्ञों की शोध: भाषाविदों ने बताया है कि सिंधु नदी के किनारे रहनेवाले लोगों को पर्शिया (वर्तमान में ईरान) में “हेंडी” कहते थे, जो बाद में बिगड़कर हिंदी बन गई।
  2. हिंदी का अंतरराष्ट्रीय पहचान: भारत के अलावा श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, चीन, जापान, यमन, अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड और कई अन्य देशों में हिंदी बोली और समझी जाती है।
  3. अमेरिका और श्रीलंका में भी हिंदी की पहचान: अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी और श्रीलंका के विभिन्न एकेडमिक संस्थानों में हिंदी का अध्ययन हो रहा है, जिससे हिंदी को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल रही है।

World Hindi Day: हिंदी को आधुनिक बनाते योगदान

  1. मोबाइल के लिए हिंदी टाइपिंग का नया दौर: चाईबासा के अंकित प्रसाद ने ‘बॉबल एआइ’ नामक मोबाइल की-बोर्ड एप्लीकेशन तैयार किया है, जो हिंदी में चैटिंग को और भी आसान बना रहा है।
  2. विदेश में हिंदी के प्रेमी: ब्राजील की वॉल्दीलिनी पॉल ने हिंदी की सीख में रुचि लेकर भाषा को सीधे गहरे रूप से सीखा और विदेश में भी हिंदी भाषा को बच्चों को सिखाने में जुटी।
  3. हिंदी के प्रचार-प्रसार में श्रीलंका की भूमिका: सीयूजे हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ उपेंद्र कुमार ने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेकर हिंदी की पहचान को बढ़ावा दिया है।

समाप्त विचार

World Hindi Day: इस प्रकार, विश्व हिंदी दिवस के मौके पर हम देख रहे हैं कि हिंदी भाषा विश्वभर में बढ़ते हुए प्रतिष्ठान को अंजाम दे रही है। इस यात्रा में, झारखंड भी अपने अहम योगदान से सजग है और हिंदी के गौरव को और बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल है।

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