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devdi mandir: 42 संगठनों ने ट्रस्ट रद्द करने की मांग उठाई

devdi mandir
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devdi mandir: झारखंड के तमाड़ क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध देवड़ी मंदिर को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। इस बार विवाद मंदिर के संचालन के लिए बनाए गए ट्रस्ट को लेकर है, जिसे अवैध करार देते हुए 42 आदिवासी संगठनों ने इसका विरोध किया है। इन संगठनों ने देवड़ी मंदिर ट्रस्ट को रद्द करने की जोरदार मांग उठाई है। बुधवार को देवड़ी ग्राम सभा के बैनर तले तमाड़ मेला मैदान में एक विशाल बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्यभर से हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग पहुंचे। इस बैठक में मुख्य रूप से ट्रस्ट की वैधता पर सवाल उठाते हुए इसे असंवैधानिक और विवादास्पद बताया गया।

देवड़ी मंदिर का इतिहास और ट्रस्ट बनाने का विवाद

तमाड़ स्थित देवड़ी मंदिर झारखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जहां हजारों भक्त मां दुर्गा के दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर का संचालन एक पारंपरिक और सांस्कृतिक प्रक्रिया के तहत किया जाता रहा है। तमाड़ के राज परिवार ने पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों के संचालन के लिए चमरू पांडा को नियुक्त किया था, जो तब से लेकर आज तक मंदिर में पूजा करते आ रहे हैं। लेकिन, साल 2021 में जिला प्रशासन द्वारा देवड़ी मंदिर ट्रस्ट का गठन किया गया, जिससे आदिवासी समुदाय में आक्रोश फैल गया।

devdi mandir: ट्रस्ट के गठन पर आदिवासी संगठनों का विरोध

बैठक में मौजूद आदिवासी नेताओं और संगठनों ने इस ट्रस्ट को अवैध और असंवैधानिक बताया। उनका कहना है कि मंदिर पांचवी अनुसूची क्षेत्र में स्थित है, जहां अनुच्छेद 244 लागू होता है। इस अनुच्छेद के अनुसार, ग्रामसभा की सहमति के बिना इस तरह का कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता। बावजूद इसके, प्रशासन ने ग्रामसभा की सहमति लिए बिना ट्रस्ट का गठन कर दिया, जो सीधे तौर पर कानून का उल्लंघन है।

ग्रामसभा की अनुमति के बिना ट्रस्ट गठन पर सवाल

devdi mandir: बैठक में सवाल उठाया गया कि राज्यपाल की सहमति और ग्रामसभा की मंजूरी के बिना ट्रस्ट कैसे बना दिया गया? इसके अलावा, ट्रस्ट के संचालन के लिए बनाई गई 13 सदस्यीय समिति में सिर्फ चार सदस्यों के हस्ताक्षर होने की बात सामने आई है। यह भी आरोप लगाया गया कि आदिवासी-मूलवासी समुदाय को ट्रस्ट में उचित स्थान नहीं दिया गया है। ट्रस्ट के माध्यम से बाहरी लोगों का दबदबा बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, जो आदिवासी समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर पर सीधा हमला है।

devdi mandir: प्रशासन की भूमिका पर भी उठे सवाल

प्रशासन द्वारा बनाए गए इस ट्रस्ट में बुंडू के एसडीओ को अध्यक्ष और तमाड़ के सीओ को सचिव बनाया गया है। साथ ही, 13 सदस्यीय ट्रस्ट में अन्य सदस्यों को शामिल किया गया है। आदिवासी संगठनों का आरोप है कि प्रशासनिक सहयोग से बाहरी लोगों को मंदिर के संचालन में बढ़ावा दिया जा रहा है, जो आदिवासी समाज के हितों के खिलाफ है।

आदिवासी संगठनों की चेतावनी: जनआक्रोश रैली और पुतला दहन की घोषणा

devdi mandir: बैठक के दौरान आदिवासी संगठनों ने आगामी 29 सितंबर को जनआक्रोश रैली निकालने का निर्णय लिया है। इस रैली में मुख्यमंत्री, आदिवासी विधायकों और सांसदों का पुतला दहन किया जाएगा। संगठन नेताओं ने साफ कहा कि अगर ट्रस्ट को जल्द रद्द नहीं किया गया तो आदिवासी समाज सड़कों पर उतरकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेगा।

देवड़ी मंदिर ट्रस्ट विवाद: आदिवासी समाज के हितों पर खतरा

devdi mandir: आदिवासी संगठनों का मानना है कि इस ट्रस्ट के गठन से उनके सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकारों पर खतरा उत्पन्न हो गया है। उनका कहना है कि देवड़ी मंदिर आदिवासी समाज की धार्मिक आस्था का केंद्र है और इसके संचालन में बाहरी लोगों का हस्तक्षेप किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

devdi mandir: ग्रामसभा के अधिकारों का हनन

बैठक में वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि देवड़ी गांव पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आता है, और इस क्षेत्र में ग्रामसभा के अधिकार सर्वोपरि होते हैं। ग्रामसभा की सहमति के बिना कोई भी बड़ा निर्णय लेना संविधान का उल्लंघन है। वक्ताओं ने यह भी कहा कि यह मामला सिर्फ देवड़ी मंदिर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आदिवासी समाज के सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकारों पर हो रहे अतिक्रमण का एक उदाहरण है।

निष्कर्ष: ट्रस्ट को जल्द रद्द करने की मांग

devdi mandir: आदिवासी संगठनों ने राज्य सरकार और प्रशासन से देवड़ी मंदिर ट्रस्ट को तुरंत रद्द करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर यह ट्रस्ट जल्द नहीं रद्द किया गया, तो आदिवासी समाज और भी उग्र आंदोलन करेगा। देवड़ी मंदिर को लेकर चल रहा यह विवाद केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के सांस्कृतिक और संवैधानिक अधिकारों से जुड़ा हुआ है।

इस मामले पर प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन आदिवासी संगठनों के विरोध को देखते हुए आने वाले दिनों में यह मामला और भी तूल पकड़ सकता है।

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1 thought on “devdi mandir: 42 संगठनों ने ट्रस्ट रद्द करने की मांग उठाई”

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