dhanbad school: प्रिंसिपल ने 80 छात्राओं को शर्ट उतरवाकर घर भेजा
झारखंड के धनबाद में एक निजी dhanbad school के प्रिंसिपल द्वारा 80 छात्राओं को शर्ट उतरवाने और केवल ब्लेजर में घर भेजने का मामला सामने आया है। इस घटना से जिले में हंगामा मच गया है, और प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।
घटना का विवरण
यह घटना धनबाद के एक प्रतिष्ठित dhanbad school की है, जो जोरापोखर थाना क्षेत्र के दिगवाडीह इलाके में स्थित है।
- क्या हुआ था?
- कक्षा 10वीं की छात्राएं परीक्षा के बाद ‘पेन डे’ मनाते हुए एक-दूसरे की शर्ट पर संदेश लिख रही थीं।
- प्रिंसिपल ने इस गतिविधि पर आपत्ति जताई और छात्राओं से शर्ट उतारने को कहा।
- माफी मांगने के बावजूद छात्राओं को केवल ब्लेजर पहनकर घर भेज दिया गया।
- शिकायत कैसे दर्ज हुई?
- छात्राओं के माता-पिता ने इस घटना को लेकर धनबाद की डिप्टी कमिश्नर (डीसी) माधवी मिश्रा से शिकायत की।
- माता-पिता का कहना है कि इस घटना से उनकी बेटियां मानसिक रूप से आहत हुई हैं।
जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया
धनबाद की डिप्टी कमिश्नर माधवी मिश्रा ने कहा, “हमें कई अभिभावकों की शिकायतें मिली हैं। हमने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के लिए एक समिति गठित की है।”
- जांच समिति में कौन-कौन शामिल हैं?
- अनुमंडल दंडाधिकारी (SDM)
- जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO)
- जिला सामाजिक कल्याण पदाधिकारी (DSWO)
- अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (SDPO)
- जांच प्रक्रिया:
- समिति पीड़ित छात्राओं और उनके माता-पिता से बातचीत करेगी।
- स्कूल प्रशासन से भी घटना के संबंध में सवाल-जवाब किए जाएंगे।
प्रशासन का कदम
जिला प्रशासन ने जांच समिति को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
- माधवी मिश्रा ने कहा, “समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”
छात्राओं पर प्रभाव
इस घटना ने छात्राओं और उनके परिवारों को गहराई से प्रभावित किया है।
- मनोवैज्ञानिक प्रभाव:
- छात्राओं ने इस घटना को शर्मनाक और अपमानजनक बताया।
- कुछ छात्राओं ने स्कूल में दोबारा जाने से मना कर दिया।
- अभिभावकों की प्रतिक्रिया:
- माता-पिता ने स्कूल प्रशासन की कार्रवाई को अनावश्यक और कठोर बताया।
- उन्होंने स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
विशेषज्ञों की राय
- बाल अधिकार विशेषज्ञों का कहना है:
- बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार उनकी मानसिक स्थिति को नुकसान पहुंचा सकता है।
- स्कूल को बच्चों के साथ संवेदनशीलता से पेश आना चाहिए।
- शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है:
- “पेन डे” मनाना बच्चों के लिए एक सामान्य गतिविधि है। इसे अनुशासनहीनता मानना गलत है।
स्कूल की जिम्मेदारी
एक dhanbad school का प्राथमिक कर्तव्य बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
- बच्चों के आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाना एक गंभीर मुद्दा है।
- इस घटना से स्कूल की प्रतिष्ठा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
निष्कर्ष
इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि स्कूल प्रशासन बच्चों के साथ कैसे पेश आता है। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए जरूरी है कि स्कूल प्रशासन अपनी नीतियों में संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण अपनाए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1: यह घटना कब और कहां हुई?
- यह घटना 19 जनवरी को धनबाद के एक dhanbad school में हुई।
Q2: क्या छात्राओं को शर्ट उतारने के लिए मजबूर किया गया?
- हां, प्रिंसिपल ने छात्राओं से शर्ट उतरवाकर केवल ब्लेजर में घर भेज दिया।
Q3: प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
- जिला प्रशासन ने जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है।
Q4: जांच समिति में कौन-कौन शामिल हैं?
- अनुमंडल दंडाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला सामाजिक कल्याण पदाधिकारी, और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी।
Q5: घटना का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ा है?
- बच्चों की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, और कुछ छात्राओं ने स्कूल में वापस जाने से इनकार कर दिया।
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