झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के साथ विधानसभा में होली समारोह में शामिल हुए। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस दौरान घंटी (वाद्य यंत्र ) बजाते नजर आए।
कहने को तो होली में लोग गिले शिकवे भूल कर दुश्मन को भी गले लगा लेते हैं लेकिन झारखंड में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खटास को होली मिलन समारोह भी कम नहीं कर सकी। बजट सत्र के दौरान झारखंड विधानसभा परिसर में अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो के द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया था। सदन में विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी घोषणा भी की लेकिन नियोजन नीति को लेकर सरकार के जवाब पर अड़ी मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने होली मिलन समारोह का बहिष्कार किया।
बीजेपी विधायकों के इस बहिष्कार की वजह से होली मिलन समारोह का रंग फीका रहा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो और सत्ताधारी दल के गिने चुने विधायक तो जरूर पहुंचे, पर पहले की तरह इस बार होली की वो रंगत नहीं दिखी। कैबिनेट की बैठक के बाद सदन को निर्णय की जानकारी नहीं देने से बीजेपी के विधायक नाराज दिखे। बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन में होली मिलन समारोह में भाग नहीं लेने की घोषणा की। इसके बाद बीजेपी या आजसू का कोई भी विधायक होली मिलन समारोह में शामिल नहीं हुआ।
बीजेपी विधायक अनंत ओझा सदन में सत्ताधारी के विधायक और मंत्री के नींद में होने को हास्यास्पद बताया। इतने गंभीर मुद्दे पर सत्ता पक्ष के इस रूप को लेकर बीजेपी ने कहा कि आगे भी विरोध जारी रहेगा। इधर बीजेपी के इस विरोध पर विधायक प्रदीप यादव ने आपत्ति जताई. प्रदीप यादव ने कहा कि अगर होली का दिल से बहिष्कार करना है तो ये संदेश पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के पास भेजें, साथ ही ये कहने का काम करें कि जब तक 1932 का खतियान लागू नहीं होगा हम होली नहीं खेलेंगे, वरना ये ढोंग है उसी तरह जैसे की चित भी अपनी और पट भी अपनी. विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो ने भी कहा कि होली मिलन समारोह में आने से किसी को रोकना अच्छी बात नहीं है। ये आयोजन सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिये था।
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