मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में सूखे की मार झेल रहे किसानों को साल 2022-23 में उनके उत्पादित फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य ( Minimum Support Price ) पर प्रति क्विंटल के हिसाब से दस रुपये का बोनस देने का फैसला लिया गया है। झारखंड के किसानों ने इस साल सूखे की भयंकर स्थिति का सामना किया है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए सामान्य किस्म के धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ( Minimum Support Price ) 2,040 रुपये प्रति क्विंटल और ए-ग्रेड के लिए 2,060 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
सूखा झेल रहे किसानों को दस रुपये की सहायता
कैबिनेट की बैठक में कैबिनेट सचिव वंदना डडेल ने कहा, “10 रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान करने के राज्य के फैसले के साथ सूखा प्रभावित किसान को सामान्य धान की बिक्री के लिए 2,050 रुपये मिलेंगे, जबकि A-Grade के लिए 2,070 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे।” उन्होंने कहा राज्य सरकार ने इस सीजन में किसानों से आठ लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। एक किसान अधिकतम 200 क्विंटल धान की बिक्री कर सकता है।
भिखारी भी आजकल नहीं लेता दस रुपये: राज्य भाजपा अध्यक्ष
झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाली राज्य सरकार के इस फैसले की निंदा करते हुए राज्य भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘यह अब तक का सबसे कम बोनस है। सूखे की मार झेल रहे किसानों को जिस वक्त सरकार की तरफ से मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है, उस दौरान इस तरह का फैसला लेना किसी मजाक से कम नहीं है। आज के समय में तो भिखारी तक दस रुपये नहीं लेते हैं।’
साल 2021-22 में न्न्यूनतम समर्थन मूल्य
कृषि विभाग ने कहा, साल 2021-22 में न्न्यूनतम समर्थन मूल्य ( Minimum Support Price ) पर बोनस की राशि 110 और 2020-21 में 182 थी। राज्य सरकार के अधिकारी ने कहा, रांची के झिरी डंप यार्ड में भूमि सुधार के लिए 136.17 करोड़ रुपये की स्वीकृति सहित 37 प्रस्ताव कैबिनेट द्वारा पारित किए गए। इसी के साथ करीब 31 एकड़ की जमीन को कचरा मुक्त बनाया जाएगा।
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