budget 2024: मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट कई मायनों में दिलचस्प और पेचीदा है। बजट में वित्त मंत्री ने जो कुछ कहा है और वित्त विधेयक में जो पढ़ने को मिलता है, उनमें बड़ा अंतर है। यह बजट चुनावों से निकली उम्मीदों और अपेक्षाओं को समेटने की कोशिश करता दिखता है।
budget 2024: बजट को उल्टा समझने की कोशिश
आमतौर पर बजट को समझने के लिए हम पार्ट-ए से पार्ट-बी की तरफ जाते हैं। मगर इस बार बजट को पार्ट-बी से शुरू करके समझते हैं। बजट का आखिरी हिस्सा, जिसमें लोगों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी होती है, यानि प्रावधानों को पहले समझते हैं।
इनकम टैक्स पर मिडिल क्लास की उम्मीदें
budget 2024: माना जाता है कि बजट में मिडिल क्लास को सबसे ज्यादा इंतजार इनकम टैक्स से जुड़ी घोषणाओं का होता है। हालांकि, भारत का मिडिल क्लास सिर्फ 2 से 2.5 करोड़ टैक्स देने वाले लोगों तक सीमित नहीं है। फिर भी, बजट की व्याख्या इन्हीं लोगों पर केंद्रित हो जाती है।
budget 2024: न्यू टैक्स रिजीम की नई व्यवस्था
2020 में लाए गए न्यू टैक्स रिजीम में बचत को प्रोत्साहन देने की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस बार वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाया है। ओल्ड टैक्स रिजीम को नहीं छुआ गया है। न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर सैलरीड क्लास को 25 हजार रुपए का लाभ दिया गया है।
शेयर बाजार पर असर
budget 2024: शेयर बाजार ने बजट के बाद तेजी से गिरावट देखी। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है। फ्यूचर एंड ऑप्शन्स (F&O) पर ट्रेडिंग करने वालों पर एसटीटी की दर दोगुनी कर दी गई है। प्रॉपर्टी में इंडेक्सेशन बेनेफिट और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के रेट में बदलाव किए गए हैं।
budget 2024: छोटे निवेशकों को राहत
छोटे निवेशकों के हिसाब से देखा जाए तो उन्हें म्यूच्यूअल फंड्स से 1.15 लाख रुपए के कैपिटल गेन्स पर टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन बाजार को यह बजट पसंद नहीं आया।
इनकम टैक्स में मामूली बदलाव
budget 2024: पिछले 10 साल से इनकम टैक्स में जो भी बदलाव हुए हैं, वो बहुत मामूली हैं। इस बजट में भी टैक्स स्लैब में छोटे-छोटे बदलाव किए गए हैं। हालांकि, महंगाई और मिडिल क्लास की कॉस्ट ऑफ लिविंग को देखते हुए ये रियायतें पर्याप्त नहीं हैं।
budget 2024: कस्टम ड्यूटी में बदलाव
सरकार पर विदेश से आने वाले मोबाइल और उसके पुर्जों पर ड्यूटी घटाने का दबाव था। इसका उद्देश्य भारत में निर्यात करने वाली मोबाइल कंपनियों की कॉस्ट को कम करना था। इससे मोबाइल की कीमतें भी कम हो सकती हैं।
रोजगार और राजनीतिक संकेत
budget 2024: बजट में रोजगार के लिए 2 लाख करोड़ की पांच स्कीमों का पैकेज घोषित किया गया है। यह संकेत है कि सरकार ने चुनाव के दौरान बेरोजगारी के मुद्दे को गंभीरता से लिया है।
budget 2024: गठबंधन दलों के लिए मदद
करीब एक लाख करोड़ रुपए की सीधी मदद दो गठबंधन दलों वाले राज्यों आंध्रप्रदेश और बिहार को दी गई है। यह बजट अंतरिम बजट का पूर्ण बजट है, जिसमें बड़ी स्कीमों की बात नहीं की गई है।
इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवे
budget 2024: बजट में रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रतीकात्मक घोषणाएं की गई हैं। सरकार ने निरंतरता दिखाने की कोशिश की है, लेकिन इन घोषणाओं का इकोनॉमी पर बड़ा असर नहीं दिखाई देगा।
छोटे उद्योगों के लिए प्रावधान
budget 2024: बजट में छोटे उद्योगों के लिए पहले से चल रही स्कीम्स का आवंटन बढ़ाया गया है। बैंकों के सहारे उन्हें आसानी से कर्ज देने के प्रावधान जोड़े गए हैं।
budget 2024: बड़ी स्कीमों का अभाव
मोदी सरकार के पिछले बजटों में बड़ी स्कीमों की चर्चा होती थी। लेकिन इस बजट में मेगा स्कीमों का अभाव है। स्मार्ट सिटी, गंगा मिशन जैसी स्कीमों का जिक्र नहीं हुआ है। हालांकि, बजट दस्तावेजों में इन पर आवंटन हो सकता है।
निष्कर्ष
budget 2024: इस बजट में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जो मिडिल क्लास और छोटे निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, बड़े निवेशकों और बाजार के लिहाज से यह बजट कमजोर माना जा सकता है। सरकार ने गठबंधन दलों और रोजगार के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया है।
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