नगरपालिका चुनाव

झारखंड नगर निगम या नगरपालिका चुनाव नहीं लड़ सकेगा अगर कोई बकाया है या दो से अधिक संतान हैं

Jharkhand Politics

यदि किसी व्यक्ति पर नगर निगम या नगरपालिका का कोई बकाया है तो वह नगर निकाय चुनाव नहीं लड़ सकेगा। निकाय चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए वर्ष 2021-22 तक के सभी कर, शुल्क या दंड का भुगतान करना अनिवार्य होगा। यदि किसी व्यक्ति के पास कोई बकाया है तो इस अवधि तक के लिए सभी बकाया भुगतान कर देने पर ही वह नगर निकाय चुनाव लड़ पाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसे लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

झारखंड नगरपालिका अधिनियम, 2011 में प्रविधान है कि जिस वर्ष निकाय चुनाव हो रहा है उसके पूर्ववर्ती वर्ष तक नगरपालिका के कर का भुगतान नहीं किया गया हो तो संबंधित व्यक्ति निकाय चुनाव के लिए अयोग्य होगा। इसे लागू करने के लिए आयोग ने व्यवस्था की है कि निकाय चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार को निर्धारित प्रारुप में यह स्वघोषणा पत्र देना होगा कि उसके पास वर्ष 2021-22 तक कोई कर, शुल्क या दंड का बकाया लंबित नहीं है।

इस परिस्थिति में उम्मीदवार का नामांकन पत्र नहीं माना जाएगा वैध

आयोग के अनुसार, यदि कोई उम्मीदवार अपने नामांकन पत्र के साथ स्वघोषणा पत्र शामिल नहीं करता है तो निर्वाचित पदाधिकारी द्वारा अपेक्षित स्वघोषणा पत्र प्रस्तुत करने के लिए उम्मीदवार को तत्काल एक पत्र भेजा जाएगा। स्वघोषणा पत्र नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि एवं निर्धारित समय से पूर्व निर्वाची पदाधिकारी को अवश्य ही प्राप्त हो जाना चाहिए। यदि स्वघोषणा पत्र नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि या निर्धारित समय से पूर्व प्राप्त नहीं होता है या बाद में प्राप्त होता है तो संबंधित उम्मीदवार का नामांकन पत्र वैध नहीं माना जाएगा। नामांकन पत्रों की जांच के क्रम में निर्वाची पदाधिकारी द्वारा नामांकन पत्र को अस्वीकृत कर दिया जाएगा।

9 फरवरी 2013 से पहले दो से अधिक संतान होने पर लड़ सकेंगे चुनाव

अधिनियम में यह भी प्रविधान किया गया है कि दो से अधिक संतान वाला व्यक्ति भी नगर निकाय के किसी पद का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होगा। लेकिन यदि उसके दो से अधिक संतान अधिनियम लागू होने की तिथि अर्थात 9 फरवरी 2013 तक या उसके पूर्व थे और बाद में उसमें कोई वृद्धि नहीं हुई है तो वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं होगा। आयोग ने इस संबंध में यह भी स्पष्ट किया है कि संतानों की संख्या में गोद लिए गए संतान एवं जुड़वा संतानों को भी शामिल किया जाएगा। इस बाबत भी प्रत्येक उम्मीदवार को नामांकन पत्र के साथ निर्धारित प्रपत्र में स्वघोषणा पत्र देना होगा।

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